Medicine: दवा मूल्य नियामक राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने अपनी 115वीं बैठक में 44 वां नई दवाएं फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमतें तय की हैं। इस बैठक में शामिल एक वरिष्ट अधिकारी जी बिजनेस को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि डायबिटीज, दर्द, फिवर, इंफेक्शन, हार्ट की बीमारी सहित कई मल्टी विटामिन और डी-3 दवाओं की कीमत तय कर दी गई है। इस बैठक के बाद एक अहम आदेश जारी किया गया है।
115 वीं बैठक में लिया गया अहम फैसला
मिर्गी, डायबिटीज, स्ट्रेस, और हल्के माइग्रेन के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं सस्ती होंगी। केंद्र सरकार इन दवाओं के बढ़ रहे प्राइस को कंट्रोल में लाना चाहती है। ताकि बाजार में दोगुने दाम पर मिल रहे दवाओं की कीमत में गिरावट आ सके। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने औषधि आदेश 2013 के तहत 44 फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमत तय की हैं। यह अहम फैसला 115 वीं एनपीपीए के बैठक में किया गया।
मिर्गी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा की कीमत हुई कम
टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जो दवा का इस्तेमाल करते हैं सीताग्लिप्टिन फॉस्फेट और मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक गोली की कीमत 9 रुपये निर्धारित की गई है। मिर्गी की बीमारी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा लेवेतिरसेटम, सोडियम क्लोराइड आसव और स्ट्रेस में दिए जाने वाली दवा पैरोक्सेटाइन या क्लोनाजेपम कैप्सूल की कीमत 0.89 और 14.53 रुपये निर्धारित रखी गई है। अभी इनसब दवाओं की कीमत काफी अधिक है। दुकानदार दवाओं पर तभी जीएसटी ले सकेंगे जब उन्होंने खुद इसका भुगतान किया हो।
इन दवाओं की कीमत हुई है कम
दवा की कंपनी अपनी कीमत नहीं करती है तो उसके खिलाफ जीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। एनपीपीए के इस फैसले के बाद कैडिला फार्मास्यूटिकल्स आईपीसीए लैबोरेटरीज, मैनकाइंड फार्मा, अल्केम लैबोरेटरीज, सिप्ला, सनोफी और एबॉट इंडिया जैसी फार्मा कंपनियों पर असर पड़ने के आसार हैं। टेंशन, मिर्गी, डायबिटीज और हल्के माइग्रेन का इलाज भी अब सस्ता होगा।