25 में से एक आदमी ओबेसिटी का शिकार, स्लिम-ट्रिम हो जाएं तो बच जाएंगे करोड़ों

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Obesity: आज के समय में हर कोई बढ़ते वजन से परेशान है। बदलती लाइफस्टाइल,अनहेल्दी फूड्स, एक्सरसाइज ना करने की वजह से वजन बढ़ सकता है। जिससे आप कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन‘(WHO) के मुताबिक इसके सही मायने क्या है यह बताएंगे। ओबेसिटी (Obesity) मतलब होता है खराब फैट का शरीर पर जमा होना। जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आपके शरीर का (बीएमआई) 25 से अधिक है यानि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) तो इसका मतलब है आपका वजन बढ़ा हुआ है। जिनका (बीएमआई) 30 से अधिक है उन्हें मोटा माना जाता है। ओबेसिटी का सिंपल अर्थ है वजन का बढ़ना है।

हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि 15 में से एक महिला और 25 में से एक आदमी ओबेसिटी का शिकार हो रहे है। बीमारी के वैश्विक बोझ के मुताबिक साल 2017 में अधिक वजन या मोटापे के कारण हर साल 4 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जवान लोगों और बच्चों में अधिक वजन और मोटापे की दर लगातार बढ़ रही है। 1975 से 2016 तक, 5-18 वर्ष की आयु के अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त बच्चों और किशोरों की संख्या विश्व स्तर पर 4 से 18 प्रतिशत तक चार गुना से अधिक बढ़ गई है।

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेश‘ के को-पार्टनर ‘वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन‘ के मुताबिक साल 2035 तक भारत में मोटापा से जुड़ी स्वास्थ्य देखभाल के लिए 69, 093 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यह आंकड़ा बताता है कि आने वाले टाइम में मोटे लोगों की संख्या भारत में तेजी से बढ़ने वाली है।
महिलाएं है ज्यादा मोटापे के शिकार

15 से 49 उम्र वाले लोगों में से लगभग 6.4 प्रतिशत महिलाएं और 4.0 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं। इसका मतलब यह है कि भारत में लगभग एक चौथाई युवा महिलाएं अधिक वजन वाली हैं और पांचवें से थोड़ा अधिक पुरुषों का वजन नॉर्मल शरीर के वजन से अधिक है।

कौन मोटा है

यदि किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से ऊपर है तो उसे मोटा माना जाता है। बीएमआई किसी व्यक्ति के वजन और उसकी ऊंचाई का अनुपात है जो किलोग्राम प्रति मीटर वर्ग ऊंचाई में मापा जाता है।

पैसे वाले लोग ज्यादा मोटे

खासकर भारत में ऐसी मानसिकता बन गई है कि पैसे वाले लोग ज्यादा मोटे होते हैं। पैसा और मोटापा को एक दूसरे का साथी समझा जाता है। यह भी देखा गया है कि पैसे वाली यानि अमीर महिलाएं मोटापा से ज्यादा पीड़ित होती है। भारत में अमीर लोगों के औसतन 12.6 प्रतिशत महिलाएं (या आठ में से एक) मोटापे से ग्रस्त पाई गईं। वहीं पुरुषो में मोटापे की दर 8 प्रतिशत थी।

पंजाब में मोटे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। 25 फीसदी महिलाएं और 28.8 फीसदी पुरुषों ने बताया कि वह हफ्ते में एक बार तला हुआ खाना जरूर खाते हैं। एक एम्स बनाने की लागत होती रु. 2020 में 1,264 करोड़. जितना पैसा मोटापा को कम करने के लिए खर्च किए जाएंगे उतना में तो 55 एम्स बनाए जा सकते हैं

भारत का स्वास्थ्य बजट

भारत साल 2023-24 तक स्वास्थ्य विभाग पर 89,155 करोड़ रुपये खर्च करेगा। वहीं भारत में मोटापे की स्वास्थ्य देखभाल लागत और इसे देश से खत्म करने के लिए बजट का 77 प्रतिशत खर्च किया जाएगा।

डब्ल्यू एच ओ के मुताबिक मोटापा का साफ मतलब होता है खराब फैट का शरीर पर जमा होना। जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।