Skin Problems: बारिश के मौसम में कई लोगों को त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं जैसे दाद, खाज, खुजली, चकत्ते, इस मौसम में कई समस्याएं सामने आ सकती हैं। कई बार मौसम बदलने, शरीर के तापमान में बदलाव, हवा में नमी बढ़ने, ज्यादा पसीना आने, साफ-सफाई का ध्यान न रखने, किसी भी प्रकार की एलर्जी के संपर्क में आने से ही त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
स्किन की खुजली काफी ज्यादा परेशान करती है। सबसे बड़ी मुसीबत तब होती है जब आप खुजली का इलाज कराते हैं। इलाज के बाद खुजली तो ठीक हो जाती है लेकिन दोबारा फिर से वापस आ जाती है। कभी-कभी नौबत तो यह हो जाती है कि आप दवा खा रहे हैं तब खुजली कंट्रोल में है और दवा बंद करते ही खुजली फिर से जोर मार देती है। यह पूरा साल चलता रहता है। मतलब पूरे साल खुजली एक-दो महीने के अंतराल पर रहती ही है। ये फंगल इंफेक्शन के कारण होता है।
65.5 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कभी न कभी फंगल इंफेक्शन के शिकार होते ही हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? दाद, खाज खुजली एक बार ठीक होने के बाद दोबारा हो जाता है तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि इसका इलाज ठीक से नहीं किया जा रहा है।कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि घर का कोई क्रीम या घरेलू उपचार कर लिया तो फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाएगा। लेकन ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। इसका सही इलाज करवाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले तो यह पता लगाना बेहद जरूरी है कि आपको किस तरह के फंगस से दाद, खाज खुजली हुई है इसका पता लगाना बेहद जरूरी है। क्योंकि देश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग फंगस से लोगों को स्किन से जुड़ी बीमारी होती है। क्योंकि देश में हर जगह का अलग जलवायु और मौसम रहता है।
फंगस की टी. मेटाग्रोफाइट्स, जो टीनिया या रिंगवर्म (दाद, खुजली) अक्सर मुंबई, कोलकाता और समुद्री इलाकों की नमी वाले वातावरण में ज्यादा होते हैं। जबकि एथलीट्स फुट, जोक इच और रिंगवर्म (टी. रूब्रम) अक्सर दिल्ली वाले एरिया में देखे गए हैं। साथ ही लखनऊ और हैदराबाद में ऐसे बीमारी देखे गए हैं। कई लोग लगातार क्रीम लगाते रहते हैं लेकिन फंगस ठीक से मरता नहीं है बल्कि वो फैलता है।
बचाव के लिए ये तरीके हैं असरदार
- दाद या खुजली स्किन पर पपड़ी या छाले की तरह निकल जाते हैं। और बाद में लाल स्पॉट की तरह दिखने लगते हैं।
- फंगल इंफेक्शन का तत्काल और तुरंत इलाज बेहद जरूरी है वरना तेजी से फैलने लगता है। और शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है।
- फंगल इंफेक्शन से बचना है तो खुद की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें दूसरे के तौलिये, कंघी और ब्रश का इस्तेमाल भूल से भी न करें।
- हाइजीन का ध्यान ज्यादा से ज्यादा रखें।
- भीड़भाड़ वाले इलाके में एक चीज का ध्यान रखें कि आपकी स्किन किसी दूसरे से टच न हो।
- स्किन की बीमारी ज्यादा बढ़ जाए इससे पहले तुरंत डॉक्टर से मिलें। उनसे सलाह लें और दवा टाइम पर खाएं।
- त्वचा रोग की शुरुआत अक्सर खुजली, जलन आदि लक्षणों से होती है।
शुरुआत होते ही सबसे पहले साबुन, परफ्यूम, डियोडरेंट, बॉडी वॉश जैसे हर केमिकल युक्त साधन का प्रयोग एकदम बंद कर दें। - आर्टिफिशियल धातुओं, ज्वेलरी आदि का प्रयोग बंद कर दें।
- सिंथेटिक कपड़े या जरी,लेस वाले कपड़े त्वचा पर रगड़ पैदा करके या पसीने को जमा करके मुश्किल बढ़ा सकते हैं। इसलिए इन कपड़ों से बचें। साथ ही ढीले कपड़े पहनें।
जब तक आप त्वचा रोग का इलाज ले रहे हैं तब तक अपने द्वारा प्रयोग में लाई गई हर चीज को अलग रखें और टॉवल-नैपकिन, अंडर गारमेंट्स जैसी चीजों को सबसे अलग धोएं।