Saturday, June 3, 2023
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ज्यादा देर तक टीवी और मोबाइल देखने से आपके बच्चे को हो सकता है नुकसान, ऐसे करें प्रोटेक्ट

TV and mobile Side Effects: अक्सर ऐसा होता है कि हमारा बच्चा टीवी देखने की जिद करता है और हम उसे देखने देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा देर तक टीवी देखने से आपके बच्चे की आंखें खराब हो सकती हैं। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि ज्यादा देर तक टीवी व मोबाइल देखने से क्या नुकसान होते हैं।

बच्चों की ज्यादा टीवी देखने की आदत को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। लेकिन आपके लिए इस आदत को छुड़ना बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चों की इस उम्र में दिमाग पर काफी असर पड़ता है। अगर आपको उनके बहुत ज्‍यादा टीवी देखने से परेशानी या चिंता होती है तो इसको रोकने के लिए हम आपको उचित सलाह देगें।

बच्चों की आंखों और कानों पर बुरा असर पड़ता है-

अगर बच्चों को टीवी व मोबाइल देखने से मना किया जाए तो बच्चे रोना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अपने काम निपटाने के लिए अक्सर पैरेंट्स उनके हाथ में फोन थमा देते हैं या टीवी चला देते हैं ताकि बच्चा बिजी हो जाए। छोटे बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े बच्चों को भी टीवी और मोबाइल देखने में बहुत मजा आता है। हालांकि, इस मामले में कई बार पैरेंट्स ये भूल जाते हैं कि स्क्रीन का बच्चे की आंखों और कान पर बुरा असर पड़ रहा है।

टीवी व मोबाइल देखने को समय निर्धारित करें-

एक अध्ययन के अनुसार, 2 से 10 वर्ष की आयु के बच्चे प्रतिदिन औसतन 2 घंटे 7 मिनट स्क्रीन के साथ बिताते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स 2 साल की उम्र से पहले बच्चे को किसी भी स्क्रीन के सामने ना रखने की सलाह देते हैं। आइए अब जानते हैं कि बच्चों की आंखों और कानों को स्क्रीन से किस तरह सुरक्षित रखना चाहिए।

पलके झपकाने की आदत-

एक स्टडी के मुताबिक स्क्रीन देखते समय पलकों को झपकाने का रेट आधी हो जाती है और इससे आंखों में ड्राइनेस होती है। आप अपने बच्चे को टीवी या गैजेट्स चलाते समय पलकें झपकाने की आदत डालें। बच्चे को स्क्रीन देखते समय बीच-बीच में ब्रेक लें।

सही लाइटिंग और ब्राइटनेंस और बड़ी स्क्रीन चुनें-

बच्चा जब स्क्रीन पर देख रहा है, तो उसके कमरे में अच्छी लाइट होनी चाहिए। लाइट स्क्रीन के पीछे से नहीं आनी चाहिए। लाइट इलेक्ट्रिकल या खिड़की से आनी चाहिए। अगर स्क्रीन के पीछे से लाइट आ रही है तो इससे बच्चे की आंखों पर दबाव पड़ता है क्योंकि उसे स्क्रीन पर फोकस करने की ज्यादा कोशिश करनी पड़ती है। स्क्रीन की ब्राइटनेस कमरे की रोशनी से ज्यादा डार्क और ज्यादा लाइट भी नहीं होनी चाहिए वरना इससे आंखों पर असर पड़ेगा।
जब भी आपका बच्चा कुछ मिनट से ज्यादा देर तक स्क्रीन देखता है जो स्क्रीन के साइज का असर आंखों पर पड़ता है। स्क्रीन पर फोटो जितनी बड़ी दिखेगी, आंखों पर उतना ही कम प्रेशर पड़ेगा।

अगर आपका बच्चा फिल्म या प्रोग्राम देख रहा है तो वो ये फोन या टैबलेट की बजाय टीवी पर देखें। हालांकि, सिर्फ स्क्रीन का साइज ही आंखों को नुकसान पहुंचने से बचा नहीं सकता है।


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