Thursday, March 28, 2024
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फ्लाइट में कौन सी सीट सबसे सुरक्षित होती है?

दुनिया भर के ज्‍यादातर लोग फ्लाइट (Flight) से यात्रा करते हैं. हर तरह के यात्रियों की प्लेन में सीट को लेकर जो सबसे पहली पसंद होती है, वो है विंडो सीट. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्लाइट की सबसे सुरक्षित सीट कौन सी मानी जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर हवाई जहाज में ऐसी कौन सी सीट होती है जिसे सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.

सबसे सेफ हवाई यात्रा

हवाई परिवहन सबसे सुरक्षित परिवहन साधन है. 2022 में, दुनिया भर में कुल सात करोड़ उड़ानें हुई थीं, इनमें केवल 174 मौतें हुई थीं. यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा जनगणना के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, कार से यात्रा करने वाले 102 यात्रियों में से एक की मौत होती है. जबकि इसकी तुलना में हावई जहाज से यात्रा करने वाले 205,552 में से केवल एक यात्री की मौत होती है. ये आंकड़े बताते हैं कि हवाई जहाज की यात्रा कितनी सेफ है. हालांकि, इसे आप और भी ज्यादा सेफ बना सकते हैं अगर आप अपने लिए अच्छी सीट चुन लें.

कौन सी सीट है सबसे ज्यादा सुरक्षित

आपको बता दें साल 1989 में जब यूनाइटेड फ्लाइट 232 सिओक्स सिटी, आयोवा में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी तो उसमें सवार 269 लोगों में से 184 लोग इस दुर्घटना में बच गए थे. जीवित बचे लोगों में से अधिकांश प्रथम श्रेणी में पीछे, सामने की ओर बैठे थे. वहीं दूसरी ओर जब अमेरिकी पत्रिका टाइम के एक सर्वेक्षण में विमान दुर्घटनाओं के 35 वर्षों के आंकड़ों की जांच की गई तो पता चला कि हवाई जहाज के बीच में पिछली सीटों की मृत्यु दर सबसे कम थी. ये लगभग 28 प्रतिशत थी. जबकि प्लेन के बीच में गलियारे की सीटों की मृत्यु दर लगभग 44 प्रतिशत थी. इसका मतलब यह हुआ कि फ्लाइट के बीच और फ्लाइट के पीछे का जो सेन्ट्रल पॉइंट है वही सबसे सुरक्षित है. बीच की सीट के पीछे और पीछे की सीट के आगे वाला हिस्सा ज्यादा सेफ माना गया.

इसके पीछे का कारण समझिए

दरअसल, जहां से एग्जिट गेट पास ही हो, आपको आपात स्थिति में हमेशा सबसे तेज निकलने में मदद करता है. हालांकि, वहीं दूसरी ओर आपको जानकर हैरानी होगी की एक हवाई जहाज के पंखों में ईंधन जमा होता है, यही वजह है कि बीच की पंक्तियों को ये चीज सबसे खतरनाक साबित करती है. यानी अगर आप प्लेन में एकदम बीच में बैठे हैं तो आप सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. जबकि पीछे बैठे लोगों की बात करें तो दुर्घटना का असर सबसे ज्यादा पीछे बैठे लोगों पर ही पड़ता है. दरअसल, पीछे की तरफ सिर्फ एक एग्जिट प्वॉइंट होता है

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