Monday, December 23, 2024
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क्यों आता है अचानक हार्ट अटैक? जानें लक्षण और बचाव..

पहले जहां हार्ट अटैक की शिकायत बुजुर्गों में देखने को मिलती थी वहीं अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। भारत में हर साल लगभग 5-10 करोड़ लोगों की मौत अचानक हृदय गति रुकने से हो जाती है, जबकि अमेरिका में 3-5 लाख लोग हृदय गति रुकने से मर जाते हैं। दो हार्ट प्रॉब्लम्स ऐसे हैं जो मौत का कारण बन सकते हैं, एक है– हार्ट अटैक और दूसरा कार्डियक अरेस्ट। यह समझना जरूरी है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट एक जैसी समस्याएं नहीं हैं। कई लोग गलती से इन दोनों को एक जैसी समस्या समझते हैं। लेकिन ये दोनों पूरी तरह से अलग-अलग हृदय संबंधित रोग हैं। हार्ट की नस ब्लॉक हो जाने पर हार्ट अटैक की समस्या होती है। वहीं दूसरी तरफ सडन कार्डियक अरेस्ट हृदय में इलेक्ट्रिकल गति संबंधित गड़बड़ी है। दिल की इलेक्ट्रिकल गति अनियमित हो जाने से धड़कन असामान्य हो जाती है।

डॉक्टरों के मुताबिक अचानक हो रही मौतें हार्ट अटैक से अलग नजर आ रही हैं। इन मामलों में जो लक्षण दिखाई दिए हैं वो हार्ट अटैक नहीं, बल्कि सडन कार्डिएक अरेस्ट या सडन कार्डिएक डेथ के हैं। सडन कार्डिएक अरेस्ट या सडन कार्डिएक डेथ यंग लोगों में ज्यादा नहीं देखी जाती।

सडन कार्डिएक डेथ

सडन कार्डिएक डेथ में दिल से जुड़ी हर ऐक्टिविटी अचानक बंद हो जाती है।इसमें सांस चलना या ब्लड का फ्लो सब कुछ तुरंत बंद हो जाता है।कुछ ही सेकंड्स में इंसान होश खो देता है और मौत हो जाती है।मोटे तौर पर दिल के इलेक्ट्रिकल सिग्नलिंग में गड़बड़ी आने से ऐसा होता है।दिल पर किसी भी वजह से जोर पड़ता है या इसके टिश्यूज डैमेज होते हैं तो अचानक मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।

सडन कार्डिएक अरेस्ट

इसी तरह का,लेकिन इससे कुछ कम गंभीर होता है सडन कार्डिएक अरेस्ट।इसमें किसी वजह से दिल अचानक काम करना बंद कर देता है।अगर तुरंत फर्स्ट एड या सीपीआर मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। वहीं हार्ट अटैक में दिल में किसी क्लॉट की वजह से ब्लड का फ्लो रुक जाता है।इसके लक्षणों का अंदाजा लगना पहले से ही शुरु हो जाता है।

इन लक्षणों पर दें ध्यान

सडन कार्डिएक अरेस्ट या सडन कार्डिएक डेथ से बचने के लिए कुछ लक्षणों पर गौर करना जरुरी है। अगर आपकी हार्टबीट ज्यादा रहती है या मेहनत, एक्सरसाइज करते वक्त बेहोशी आती है तो यह दिल से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। इसके अलावा सीढ़ियां चढ़ते वक्त हांफना, सांस फूलना वगैरह भी हार्ट प्रॉब्लम की ओर इशारा करते हैं। हालांकि ये लक्षण सांस या फेफड़ों से जुड़ी बीमारी में भी होते हैं। इसलिए इस मामले में कोई भी लक्षण दिखाई देने पर फौरन डॉक्टर से मिलें।

क्या होती है वजह?

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक युवाओं में दिल की बीमारी या इस तरह के कार्डिएक अरेस्ट की एक बड़ी वजह है खराब लाइफस्टाइल।जंक फूड का ज्यादा सेवन और काम का टेंशन, इसकी मुख्य वजह है। इसके अलावा जब मर्जी हो जिम जाना, बार-बार छोड़ना और ज्वाइन करना आदि भी दिल के लिए सही नहीं है। अगर शरीर साथ ना दे तो पहले शरीर को अंदर से मजबूत करें, फिर जिम में जाएं। डॉक्टरों के मुताबिक रोजाना 45 मिनट की ब्रिस्क वॉक दिल के सेहत के लिए काफी होती है। इसलिए अगर जिम जाने की सोच रहे हों,तो पहले दो-तीन महीनों तक सिर्फ वॉकिंग करें। साथ ही डॉक्टर से मिलकर दिल की सेहत का अंदाजा ले लें।

सडन कार्डियक अरेस्ट से बचने के आसान उपाय

व्यायाम

आपको अपनी शारीरिक गतिविधि को बनाए रखना चाहिए। इसे बरकरार रखने का आसान तरीका है व्यायाम करना। हर दिन सिर्फ 15-20 मिनट व्यायाम करना हार्ट को हेल्दी रखता है। व्यायाम करने से धमनियों में प्लाक जमा होने से रोकने में मदद मिलती है और इस वजह से कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है।

स्वस्थ आहार

आपके हृदय का स्वास्थ्य काफी हद तक आपके खानपान पर निर्भर करता है। अगर खानपान सही नहीं हो तो इससे आपका हृदय प्रभावित हो सकता है। ऐसे खराब खानपान में कॉलेस्टेरॉल वाले फूड शामिल हैं। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, शुगर और ऑयली फूड आपके हृदय के लिए नुकसानदायक हैं। इनसे धमनी ब्लॉक होने का खतरा बढ़ता है और नुकसानदायक कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इसके बजाय फल और सब्जियों वाले आहार का ज्यादा सेवन करें। इससे आपकी पोषण संबंधित जरूरतें पूरी होंगी और कार्डियक अरेस्ट का खतरा कम होगा।

ज्यादा खाने से परहेज करें

अगर आप मोटे हैं या आपका वजन ज्यादा हैं तो इसे कम करना जरूरी है। अध्ययनों के अनुसार मोटे लोगों को हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। तो अगर आपका बीएमआई सामान्य की तुलना में ज्यादा है तो आपको वजन कम करने की आवश्यकता है। जिसके लिए कम खाएं, हेल्दी खाएं और जिम जाएं।

धूम्रपान और शराब पीना बंद करें

धूम्रपान और शराब पीने से आपके हृदय को कार्य करने में कठिनाई आ सकती है और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जिससे कार्डियक अरेस्ट होने का जोखिम बढ़ता है। तंबाकू का सेवन भी नहीं करना चाहिए। अध्ययनों के अनुसार धूम्रपान करने वालों में गैर धूम्रपान वालों के मुकाबले धमनी ब्लॉक होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए अपने हार्ट के हेल्थ को ध्यान में रखते हुए इन दो खराब आदतों से पीछा छुड़ाएं।

भावनात्मक तनाव कम करें

मानसिक अवसाद में कमी लाना बेहद जरूरी है क्योंकि यह कार्डियक अरेस्ट के मुख्य कारणों में से एक है। जितना हो सके भावनात्मक तनाव से बचें। आनंददायक जिंदगी जीने की कोशिश करें और तनावमुक्त गतिविधियों पर ध्यान दें।

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