Article 370 Verdict: जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 11 दिसबंर को फैसला सुनाएगा। इस अनुच्छेद के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था। पिछले दो दिनों में ‘नफरत फैलाने वाली सामग्री’ अपलोड करने या अफवाहें फैलाने के लिए 5 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में एक कथित अफवाह फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं मध्य कश्मीर के बडगाम और गांदरबल जिलों में दो-दो लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में फैसला
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर की सूची के मुताबिक, देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ये फैसला सुनाएगी। इस पीठ में सीजेआई के अलावा, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत हैं। गौरतलब है कि सितंबर माह में लगातार 16 दिनों तक सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘पुलिस ने बारामूला जिले के वानी मोहल्ला बलिहारन पट्टन निवासी अली मोहम्मद वानी के बेटे बिलाल अहमद वानी नामक शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है।’ यह कार्रवाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसके भड़काऊ और देशद्रोही बयानों वाले नफरत से भरे वीडियो अपलोड करने के कारण की गई है। ठीक इसी तरह बडगाम पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ‘सफापोरा निवासी वसीम मुश्ताक मलिक और नुन्नर, गांदरबल निवासी आदिल अहमद राथर को सोशल मीडिया पर नफरत भरी सामग्री फैलाने में शामिल पाया गया। जिला मजिस्ट्रेट के हाल ही में जारी आदेश के तहत दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है।
सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई
साथ ही पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस के बयान में कहा गया कि ‘माहौल खराब करने और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करने की किसी भी कोशिश को गंभीरता से लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस के पिछले दो हफ्तों में आतंकवादी प्रचार या बिना सत्यापन के समाचार शेयर करने के खिलाफ चेतावनी देने के बाद की गई है।
गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाने जा रहा है। गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बारामूला आमोद अशोक नागपुरे ने कहा कि सोशल मीडिया या समूहों पर किसी भी आतंकवादी संगठन से संबंधित किसी भी पोस्ट को साझा करने, आतंकवाद या सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।