Thursday, December 26, 2024
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गोवा में गोभी मंचूरियन पर लगाया बैन, जानें क्यों मच गया बवाल?

Gobhi Manchurian (गोभी मंचूरियन): आज की युवा पीढ़ी में फास्ट फूड का अत्यधिक चलन है। पूरे देश में फास्ट फूड का इतना चलन है कि हर जगह फास्ट फूड आसानी से उपलब्ध हो जाते है। यह फास्ट फूड इतने लोकप्रिय है कि फास्ट फूड की पूरे देश में अच्छी खासी खपत है और उससे कई लोगों को रोजगार मिला हुआ है। लेकिन गोवा में ही इसी फास्ट फूड में गोभी मंचूरियन को लेकर बवाल मचा हुआ है। हुआ दरअसल यह है कि गोवा में गोभी मंचूरियन पर बैन लगा दिया गया है। गोवा में गोभी मंचूरियन के स्टाल और अन्य कार्यक्रमों में भी इसको बैन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वहां के एक पार्षद तारक अरोलकर ने बीते महीने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की थी। और तभी से रेहड़ी पर आसानी से मिलने वाले फास्टफूड गोभी मंचूरियन पर गोवा में विवाद छिड़ा हुआ है। नौबत यहां तक आ गई है कि मापुसा में इसे बैन तक कर दिया गया है। खबर है कि इसकी वजह साफ-सफाई से लेकर सिंथैटिक कलर के इस्तेमाल जैसी कई हो सकती हैं। हालांकि, गोवा में इससे पहले भी गोभी मंचूरियन पर गाज गिर चुकी है। पार्षद तारक अरोलकर की गोभी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगाने और फ्यूजन डिश के खिलाफ उठाई गई इस मांग पर पूरे परिषद की तरफ से भी सहमति आ गई थी। साल 2022 में श्री दामोदर मंदिर के वास्को सप्ताह मेले में भी स्नष्ठ्र यानी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मोरमुगाओ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को गोभी मंचूरियन बेचने पर रोक लगाने के लिए कहा था। स्नष्ठ्र की तरफ से गोवा के कई मेलों में लगाए गए स्टाल्स पर साफ सफाई के मुद्दों को लेकर छापेमारी भी की गई थी। गोवा में पार्षदों का मानना था कि वेंडर्स स्वच्छ स्थिति में काम नहीं करते हैं और गोभी मंचूरियन बनाने के लिए सिंथैटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से ही इस डिश को बैन करने की बात उठी। उन्होंने बताया है कि स्टॉल की अनुमति लेने आए वेंडर्स को गोभी मंचूरियन बेचने से मना किया गया था।

कपड़े धोने में इस्तेमाल होता है पाउडर

एफडीए में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि गोभी मंचूरिय में हानिकारक घटिया चटनी का उपयोग करने के लिए शिकायत आई थी। जिसमें कहा गया था कि गोभी मंचूरियन तैयार करने के लिए दुकानदार और रेहड़ी वाले घटिया गुणवत्ता वाली चटनी का उपयोग करते हैं। वे आटे में किसी प्रकार के पाउडर और बैटर में कॉर्नस्टार्च का उपयोग करते हैं ताकि गहरे तलने के बाद, फूलगोभी के फूल लंबे समय तक कुरकुरा रहें। अधिकारी के अनुसार यह पाउडर एक प्रकार का रीठा है जिसका उपयोग कपड़े धोने में किया जाता है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि रेस्तरां में मंचूरिया गोभी की एक प्लेट 70-100 रुपये में और रेहड़ी वाले 30-40 रुपये में देते हैं।

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