भारतीय करेंसी नोट और ऐतिहासिक स्मारक कुछ नए अंदाज में, एक नजर आप भी देखें

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Indian Currency Note: भारतीय करेंसी नोट (Indian Currency Note) आप रोज इस्तेमाल करते हैं.जब नोट पर छपी तस्वीर की बात आती है तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जहन में आते हैं. लेकिन हर नोट पर महात्मा गांधी के अलावा कुछ और भी खास तस्वीर छपी होती हैं. क्या आपने इन पर कभी गौर किया है? भारत सरकार विभिन्न माध्यमों से हमारे देश की संस्कृति और विरासत को प्रमोट करने का काम करती है, जिसके लिए वह संग्रहालय, टिकट, सिक्के, करेंसी नोट और अन्य चीजों का इस्तेमाल करती है। क्या 10 रुपये, क्या 2000 रुपये हर नोट पर आपको भारतीय धरोहर की झलक दिखाई देती है. हर नोट अपने आप में खास है. इन पर छपी भारतीय धरोहरों की तस्वीरें इन्हें एक अलग पहचान देती हैं. आपमें से कई लोग इस बात से वाकिफ भी होंगे। लेकिन कभी इन 10 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के नोट पर छपी तस्वीरों को करीब से देखा है? अगर नहीं, तो एक बार देख लीजिए। हमें Twitter पर एक थ्रेड मिली है, जिसमें एतिहासिक स्थलों के साथ हमारे नए करेंसी नोटों की तस्वीर है। लेकिन कुछ नए अंदाज में जिसे देख आप भी कहेंगे क्‍या बात है…। तमाम लोग इस थ्रेड को इनफॉर्मेटिव और शानदार बता रहे हैं। एक नजर आप भी देख लीजिए। 28 अप्रैल को ट्विटर यूजर @desi_thug1 ने इस थ्रेड को पोस्ट किया और लिखा- भारतीय करेंसी नोटों पर प्रिंटेड ऐतिहासिक स्मारक…।

महात्मा गांधी से पहले थी किसकी तस्‍वीर

भारतीय नोटों पर गांधीजी की तस्‍वीर छापने का सिलसिला साल 1966 से शुरू हुआ. इससे पहले राष्‍ट्रीय प्रतीक अशोक स्‍तंभ को नोटों पर छापा जाता था. इस तस्‍वीर के अलावा नोट पर रॉयल बंगाल टाइगर्स, आर्यभट्ट उपग्रह, खेती, शालीमार गार्डन जैसी तस्‍वीरें भी छापी जा चुकी हैं. इसके अलावा 20 रुपये के नोट पर कोनार्क मंदिर, 1000 रुपये के नोट पर बृहदीश्‍वर मंदिर और 5000 रुपये के नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया की तस्‍वीर छापी जाती थी.

क्‍या कहता है तस्‍वीर छापने का नियम

रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में बताया था कि आरबीआई एक्‍ट 1934 के सेक्‍शन 25 के तहत केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार मिलकर नोट और उस पर तस्‍वीर छापने का फैसला करती है. इसमें कोई बदलाव करना है तो भी दोनों का संयुक्‍त पैनल ही इस पर फैसला करता है. हालांकि, नोट पर तस्‍वीर छापने का फैसला नियमों से ज्‍यादा राजनीति से प्रेरित होता है और इसमें केंद्र सरकार का ही ज्‍यादा हस्‍तक्षेप रहता है.