नई दिल्ली । भारतीय नौसेना के जहाज अब समुद्र में अपने मिशन पर रहते हुए भी रिपेयर किए जा सकेंगे। डॉकयार्ड में बैठे एक्सपर्ट दूर से ही शिप को रिपेयर कर देंगे। इससे टाइम भी बचेगा, फ्यूल भी बचेगा और मिशन में भी कोई व्यवधान नहीं आएगा। समुद्र में अपने किसी मिशन पर गए शिप में अगर कोई दिक्कत आती है, तो उसे ठीक करने के लिए अब तक शिप को किनारे पर डॉकयार्ड में आना होता है। यहां शिप की दिक्कत को देखा जाता है और फिर उसे रिपेयर किया जाता है।
मिशन के बीच से शिप को किनारे पर लाने में वक्त लगता है साथ आने-जाने में फ्यूल भी खर्च होता है। लेकिन अब नेवी ने ऐसा सिस्टम डिजाइन किया है कि शिप को समंदर में रहने के दौरान भी दूर से ही रिपेयर किया जा सकेगा। एक अधिकारी ने बताया कि नेवी ने यह डिजाइन किया है और प्राइवेट फर्म को डेवलप करने को दिया है। इस सिस्टम में एक पूरा सेटअप ऑनबोर्ड है, यानी शिप में है और बेस में यानी किनारे पर सपोर्ट सेटअप है।
ऑनबोर्ड सेटअप और सपोर्ट सेटअप ये दोनों डिवाइस सिस्टम से कनेक्ट हो जाते हैं। यह सिक्योर सिस्टम है जिससे कोई भी डेटा लीक ना हो। अब अगर शिप में कोई दिक्कत आती है तो सपोर्ट सेटअप के जरिए विडियो कॉल या ऑडियो कॉल से एक्सपर्ट ऑनबोर्ड सेटअप पर लोगों को बता सकेंगे कि क्या करना है। विडियो कॉल के जरिए एक्सपर्ट दिक्कत को समझ सकेंगे और फिर उसका समाधान होगा।
इस प्रोजेक्ट पर करीब तीन साल से काम हो रहा था। अब इसके सारे ट्रायल पूरे हो गए हैं और यह सिस्टम प्रोडक्शन स्टेज में है। सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही ऐसे 10 सिस्टम नेवी को मिल जाएंगे और ये 10 शिप में लग जाएंगे। इसके बाद इन शिप को रिमोटली रिपेयर किया जा सकेगा। अगर कोई शिप समंदर में पेट्रोलिंग के लिए निकला है, तो उसे मिशन छोड़कर बीच में ही रेपरिंग के लिए किनारे पर नहीं आना होगा
डॉकयार्ड में बैठे-बैठे रिपेयर किए जा सकेंगे मिशन पर गए नौसेना के जहाज
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