भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री और विदिशा लोकसभा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है का राग अलापति रहती है, जबकि हकीकत यह है कि ना तो संविधान खतरे में है और न ही लोकतंत्र खतरे में है, हां, यह सच है कि कांग्रेस जरूर खतरे में है। क्योंकि कांग्रेस में नेताओं को भविष्य अंधकारमय नजर आता है। इसीलिए कांगेसी नेता पार्टी छोडकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं कि यह लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता बार-बार यह रट लगा रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है, संविधान खतरे में है। लेकिन हकीकत यह है कि लोकतंत्र खतरे में नहीं है, संविधान भी सुरक्षित हाथों में है। वास्तव में खतरे में अगर कोई है तो वह कांग्रेस है। राहुल गांधी बीजेपी के बढते जनाधार से घबराये हुए हैं। इन्होंने हर अच्छे काम का विरोध किया है। कहते थे कि कश्मीर में धारा 370 हटेगी तो आग लग जाएगी, लेकिन पत्ता भी नहीं हिला। भाजपा अपने रिपोर्ट कार्ड के आधार पर चुनाव में जा रही है। कांग्रेस से तो कभी अपना रिपोर्ट कार्ड बताया नहीं। बीजेपी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 वर्ष में जिस ढंग से वैभवशाली, गौरवशाली भारत का निर्माण किया है और विकसित भारत की आगे की कार्ययोजना को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं।
विरोधियों को दिलाई आपातकाल की याद
शिवराज ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजने के आरोप पर कांग्रेस को आपातकाल की याद दिलाई और कहा कि ये बार-बार बात कहते हैं कि जेल भेज रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को जवाब देना पड़ेगा। आपातकाल के समय मेरी उम्र थी 17 साल। मैं 11वीं में पढ़ता था, मुझे जेल भेजा गया था। स्वर्गीय इंदिरा जी तब प्रधानमंत्री थीं। तब संविधान को तार-तार किसने किया था? लोकतंत्र का गला किसने घोंटा था? केवल नेताओं को नहीं, मासूम बच्चों तक को जेल में भेजा था। आज भारतीय जनता पार्टी का शासन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। अगर कोई गलत काम करेगा तो जेल जाएगा।