Friday, August 1, 2025
Home Blog Page 15

शुभमन गिल: गावस्कर‑स्मिथ से आगे, 95 साल पुराने ब्रैडमैन रिकॉर्ड की ओर बढ़ते कदम

0

नई दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पांचवां और आखिरी मुकाबला गुरुवार से लंदन के ओवल मैदान में खेला जाएगा। टीम इंडिया फिलहाल सीरीज में 1-2 से पीछे है और इस युवा टीम के पास आखिरी टेस्ट जीतकर सीरीज को बराबर करने का बेहतरीन मौका है। सीरीज की शुरुआत से पहले हर किसी ने शुभमन गिल की अगुआई वाली इस टीम को कम आंका था, लेकिन अब तक इस टीम ने इंग्लैंड की अनुभवी टीम को कड़ी टक्कर दी है।

गिल एंड कंपनी चाहेगी कि पिछले इंग्लैंड दौरे की तरह फिर से दोनों टीमों के बीच सीरीज ड्रॉ कराई जाए। आखिरी टेस्ट में ऋषभ पंत नहीं खेलेंगे और ऐसे में काफी हद तक भारतीय बल्लेबाजी का दारोमदार शुभमन गिल पर ही होगा। गिल ने इस दौरे पर अद्भुत प्रदर्शन किया है और विदेशी जमीन पर उनकी बल्लेबाजी की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है। गिल अब तक इस सीरीज में चार मैचों की आठ पारियों में 90.25 की औसत और 65.28 के स्ट्राइक रेट से 722 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने चार शतक लगाए हैं।

गिल ने इस सीरीज में जब-जब 20 से ज्यादा रन बनाए हैं, उन्होंने उसे शतक में बदला है। उन्होंने पहले टेस्ट में की पहली पारी में 147 रन और दूसरी पारी में आठ रन, दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 269 रन और दूसरी पारी में 161 रन, तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 16 रन और दूसरी पारी में छह रन और चौथे टेस्ट की पहली पारी में 12 रन और दूसरी पारी में 103 रन बनाए हैं। गिल अब तक इस सीरीज में 79 चौके और 12 छक्के लगा चुके हैं।

अब पांचवें टेस्ट में उनके पास चार बड़े रिकॉर्ड्स बनाने का मौका है। उनकी नजरें स्टीव स्मिथ के छह साल पुराने रिकॉर्ड, महान सुनील गावस्कर के 46 साल पुराने रिकॉर्ड और महान सर डॉन ब्रैडमैन के 95 साल पुराने रिकॉर्ड पर होंगी। आइए जानते हैं…

1. 21वीं सदी में एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन

साल 2000 से किसी एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ के नाम है। उन्होंने 2019 में इंग्लैंड दौरे पर एशेज सीरीज में 774 रन बनाए थे। दूसरे नंबर पर भी स्मिथ ही हैं। उन्होंने 2014-15 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 769 रन बनाए थे। वहीं, तीसरे नंबर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक हैं। उन्होंने 2010-11 में इंग्लैंड के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक सीरीज में 766 रन बनाए थे। वहीं, इंग्लैंड के ही जो रूट चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने 2021-22 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर 737 रन बनाए थे। पांचवें नंबर पर शुभमन गिल हैं। गिल को स्मिथ के 774 रन को पीछे छोड़ने के लिए  52 रन की जरूरत है और वह 21वीं सदी में एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे।

2. भारतीय कप्तान द्वारा एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन

किसी एक टेस्ट सीरीज में किसी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम है। गावस्कर ने 1978-79 में वेस्टइंडीज के भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज में 732 रन बनाए थे। गिल के पास गावस्कर को पीछे छोड़ने का मौका है और इसके लिए उन्हें 11 रन बनाने हैं। गिल के पास महान कप्तान बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाने का मौका है। तीसरे नंबर कोहली हैं। उन्होंने 2016 में इंग्लैंड के भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज में 655 रन बनाए थे।

3. एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय

गिल के पास एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बनने का भी मौका है। वह गावस्कर के 54 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने से महज 53 रन दूर हैं। गावस्कर ने 1970-71 में भारत के वेस्टइंडीज दौरे पर 774 रन बनाए थे। इसके बाद दूसरे नंबर पर भी गावस्कर ही हैं, जिन्होंने 1978-79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में 732 रन बनाए थे। 722 रन बना चुके गिल का नंबर इसके बाद आता है। वह गावस्कर के इन दोनों आंकड़ो को पीछे छोड़ सकते हैं।

4. एक टेस्ट सीरीज में ओवरऑल सबसे ज्यादा रन

एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन के नाम है। उन्होंने साल 1930 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 974 रन बनाए थे। गिल 95 साल पुराने इस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें आखिरी टेस्ट में 253 रन बनाने की जरूरत होगी। गिल इस सीरीज के दूसरे टेस्ट यानी एजबेस्टन टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाया था। तब उन्होंने पहली पारी में दोहरा शतक लगाया था। उन्होंने कुल मिलाकर उस टेस्ट में 430 रन बनाए थे। गिल अगर एक बार फिर यही कमाल करते हैं तो खुद का नाम इतिहास में दर्ज करवा लेंगे। वह जिस फॉर्म में चल रहे हैं, उसमें ब्रैडमैन को पीछे छोड़ना उनके लिए मुश्किल नहीं होगा।

5. बतौर कप्तान एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक शतक

गिल के पास बतौर कप्तान एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक शतक के मामले में भी ब्रैडमैन और गावस्कर को पीछे छोड़ने का मौका है। फिलहाल तीनों के चार-चार शतक हैं। एक शतक लगाते ही गिल इन दोनों को पीछे छोड़ देंगे। ब्रैडमैन ने 1947/48 में भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में और गावस्कर ने 1978/79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में चार-चार शतक लगाए थे। 

6. टेस्ट कप्तान के रूप में पहली सीरीज में सर्वाधिक रन

गिल बतौर कप्तान अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में बस ब्रैडमैन से पीछे हैं। ब्रैडमैन ने 1936/37 में इंग्लैंड के खिलाफ घर में 810 रन बनाए थे। गिल के नाम फिलहाल 722 रन हैं। अगर गिल आखिरी टेस्ट में 89 रन बनाते हैं तो वह महान ब्रैडमैन के 88 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।

7. एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सर्वाधिक शतक

गिल के चार शतक किसी एक टेस्ट सीरीज में भारत की ओर से लगाए गए संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा शतक भी हैं। उन्होंने इस मामले में गावस्कर और विराट कोहली की बराबरी की। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाए थे। इसके बाद 1978/79 में घर पर टेस्ट सीरीज में भी ऐसा किया था। वहीं, कोहली ने 2014/15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार शतक जड़े थे। आखिरी टेस्ट में गिल अगर एक और शतक लगाते हैं तो वह इन सब को पीछे छोड़ देंगे।

पांचवें टेस्ट से बाहर हुए बुमराह, क्या कुलदीप यादव को मिलेगा मौका चमकने का?

0

नई दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज के पांचवें और आखिरी टेस्ट की शुरुआत 31 जुलाई, गुरुवार से होगी। लंदन के द ओवल मैदान में खेला जाने वाला यह मैच टीम इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सीरीज हार से बचने के लिए भारत को हर हाल में यह मैच जीतना होगा। इंग्लैंड ने फिलहाल 2-1 की बढ़त बनाई हुई है। शुभमन गिल की अगुआई में भारत ने इस दौरे पर कमाल का प्रदर्शन किया है। लीड्स और लॉर्ड्स, जिन दो टेस्ट मैचों में भारतीय टीम हारी, वो बेहद करीबी रहे। टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने मैनचेस्टर टेस्ट को बचाने के लिए गजब का साहस दिखाया। भारतीय बल्लेबाज इस सीरीज में फॉर्म में रहे हैं। हालांकि, आखिरी टेस्ट में भारत की सबसे बड़ी समस्या गेंदबाजों के चयन को लेकर होगी। पिछले टेस्ट में भारतीय गेंदबाज फेल रहे थे। वहीं, आखिरी टेस्ट में एक नई बॉलिंग लाइन अप के साथ टीम इंडिया उतर सकती है।

बुमराह को मिल सकता है आराम

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच से बाहर रहना तय माना जा रहा है। वहीं, अंशुल कंबोज भी पिछले टेस्ट में प्रभावित करने में नाकाम रहे थे। ऐसे में आकाश दीप की प्लेइंग-11 में वापसी हो सकती है। वह चोट की वजह से पिछला मैच नहीं खेले थे। इसके अलावा अंशुल की जगह अर्शदीप सिंह को टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिल सकता है। दोनों ने मंगलवार को प्रैक्टिस सेशन में जमकर पसीना बहाया था। सिराज तीसरे तेज गेंदबाज हो सकते हैं। हालांकि, सिराज पर भी चार टेस्ट खेलने की वजह से थकान हावी है और अगर उन्हें आराम दिया जाता है, तो प्रसिद्ध कृष्णा खेलते दिखाई पड़ेंगे। 

मैनचेस्टर में लय में नहीं दिखे थे बुमराह

दुनिया के नंबर एक गेंदबाज 31 वर्षीय बुमराह ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में लय में नहीं दिखे थे। उन्हें अपनी गति को लेकर भी संघर्ष करना पड़ा था। वे इस टेस्ट में सिर्फ एक विकेट ले सके थे। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, 'बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने बुमराह को बता दिया है कि यह फैसला उनकी पीठ को चोट से बचाने और भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि कमर में दर्द के कारण चौथे टेस्ट से बाहर रहे आकाश दीप को प्लेइंग-11 में बुमराह की जगह शामिल किया जा सकता है।

टीम संयोजन के बारे में अभी तक फैसला नहीं

इससे पहले मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा था कि टीम संयोजन के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है और बुमराह सहित सभी गेंदबाज फिट हैं। मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के बाद गंभीर ने कहा था, 'हमने आखिरी टेस्ट के लिए टीम संयोजन पर कोई बातचीत नहीं की है। जसप्रीत बुमराह खेलेंगे या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। जो भी खेलेगा, वह देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगा।'

बुमराह की रफ्तार में दिखी थी कमी

चौथे टेस्ट में भारत के 358 रन के जवाब में इंग्लैंड ने 669 रन का विशाल स्कोर बनाकर 311 रन की बढ़त हासिल की थी। भारत यह मैच ड्रॉ करने में सफल रहा था। बुमराह ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में 33 ओवर फेंके। उन्होंने पहली बार किसी एक पारी में इतने ओवर किए। बुमराह ने 103 रन देकर दो विकेट लिए। यह उनके करियर में पहला अवसर था जब उन्होंने एक टेस्ट पारी में 100 से अधिक रन दिए। इस सीरीज के दौरान उनकी रफ्तार में कमी भी देखी गई। इसके बावजूद उन्होंने सीरीज के जो तीन टेस्ट मैच खेले उनमें 14 विकेट लिए जो टीम के एक अन्य प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के बराबर हैं।

कुलदीप को मिल सकता है मौका

भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने मंगलवार को अपने बयान में ऑलराउंडर को रखे जाने का वकालत की थी। उन्होंने एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज की जगह ऑलराउंडर को तरजीह दिए जाने की बात की थी। ऐसे में शार्दुल ठाकुर का खेलना तय माना जा रहा है। शार्दुल ने मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में बहुमूल्य 41 रन भी बनाए थे, लेकिन उनकी गेंदबाजी पर सवाल उठ रहे हैं। कई दिग्गजों ने चार टेस्ट के दौरान कुलदीप यादव को खिलाने की मांग की थी। टीम मैनेजमेंट शार्दुल की जगह कुलदीप को खिलाने पर भी विचार कर सकता है। कुलदीप अटैकिंग स्पिनर हैं और भारत की पिछले टेस्ट में गेंदबाजी को देखते हुए उन्हें मौका मिल सकता है। 

पंत की जगह जुरेल की हो सकती है एंट्री

बल्लेबाजी में ऋषभ पंत को छोड़कर किसी तरह के बदलाव की संभावना बेहद कम है। पंत पैर की अंगुली टूटने की वजह से सीरीज से बाहर हो चुके हैं। ऐसे में उनकी जगह ध्रुव जुरेल को मौका मिल सकता है। पंत की गैरमौजूदगी में इस सीरीज में उन्होंने कई मौकों पर विकेटकीपिंग की है और अपने किरदार को बखूबी निभाया है। इसके अलावा रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर का भी खेलना तय है। दोनों ने मैनचेस्टर में टेस्ट बचाने के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी शानदार बल्लेबाजी की थी। 

भारत की संभावित प्लेइंग-11: शुभमन गिल (कप्तान), केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर/कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह/आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज/प्रसिद्ध कृष्णा।

इंग्लिश खिलाड़ियों पर भी थकान हावी

वहीं, इंग्लैंड की भी हालत कुछ इसी प्रकार की है। टीम के ज्यादातर खिलाड़ियों ने चारों टेस्ट खेले हैं और उन पर भी थकान हावी है। मैनचेस्टर टेस्ट को जल्दी ड्रॉ घोषित करने की मांग को लेकर भी कप्तान बेन स्टोक्स ने यही वजह बताई थी। उस टेस्ट के खत्म होने के तीन दिन बाद अगला टेस्ट होना था। स्टोक्स ने इस सीरीज में गजब का जज्बा दिखाया है और न सिर्फ बल्लेबाजी, बल्कि गेंदबाजी में मैराथन स्पेल डाले हैं, लेकिन पिछले टेस्ट में वह भी परेशानी में दिख रहे थे और थकान हावी दिख रहा था। इसके साथ ही ब्रायडन कार्स और क्रिस वोक्स भी चारों टेस्ट का हिस्सा रहे हैं। चोट के बाद चार साल बाद टेस्ट में वापसी करने वाले जोफ्रा आर्चर भी दो टेस्ट से खेल रहे हैं। ऐसे में इंग्लैंड की टीम में भी आखिरी टेस्ट के लिए प्लेइंग-11 में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। टीम के पास विकल्प के रूप में जेमी ओवरटन और गस एटकिंसन मौजूद हैं। इसके अलावा जोश टंग भी हैं। ऐसे में वोक्स और कार्स की जगह इन तीनों में से किसी दो का आना तय माना जा रहा है। इंग्लैंड की संभावित प्लेइंग-11: बेन स्टोक्स (कप्तान), जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स/जेमी ओवरटन, ब्रायडन कार्स/जोश टंग, जोफ्रा आर्चर/गस एटकिंसन।

लव जिहाद फंडिंग का खुलासा: कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी गिरफ्तार

0

भोपाल। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि लव जिहाद मामले में फंडिंग के आरोपी कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी को पुलिस ने जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया है। अभी तक पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. इससे पहले अनवर कादरी की बेटी आयशा को 28 जुलाई को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में स्मृति ईरानी की कास्टिंग पर खुलासा, एकता कपूर ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

0

मुंबई : भारतीय टेलीविजन के इतिहास का सबसे बड़ा शो माने जाने वाला 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' एक बार फिर से दर्शकों की यादें ताजा करने आ गया है। साल 2000 से 2008 तक, ये शो न सिर्फ एक घर-घर में पहचाना जाने वाला नाम बना, बल्कि इसके किरदार भी लोगों के दिलों में बस गए। खासकर 'तुलसी विरानी' का किरदार निभाने वाली स्मृति ईरानी को दर्शकों ने एक आदर्श बहू के रूप में सिर आंखों पर बैठा लिया।

एकता कपूर ने स्मृति के साथ किया लाइव

हाल ही में इस शो की री-लॉन्चिंग के मौके पर एकता कपूर और स्मृति ईरानी ने एक साथ लाइव बातचीत की, जहां एकता ने एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया। एकता ने बताया कि स्मृति ईरानी को कैसे इस शो में ऐतिहासिक रोल मिला। 

मां शोभा के कहने पर किया था कास्ट 

ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि स्मृति को 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में कास्ट करने का फैसला एकता कपूर की मां शोभा कपूर ने लिया था। एकता ने बताया कि उनकी मां ने स्मृति को एक टीवी शो में देखा और तुरंत कहा कि इस लड़की में कुछ खास है।

शोभा कपूर ने अपनी बेटी से कहा, 'एक लड़की देखी है, जो बेहद खूबसूरत है और उसकी शक्ल ट्विंकल खन्ना जैसी लगती है। उसे अपने अगले शो में कास्ट करो।' एकता बताती हैं कि उस समय वो खुद तय नहीं कर पाई थीं, लेकिन उनकी मां का विश्वास इतना मजबूत था कि उन्होंने स्मृति को ऑडिशन के लिए बुलाया।

ऑडिशन में अकेली एकता को ही आई पसंद

जब स्मृति ईरानी ऑडिशन देने आईं, तो वो बेहद शर्मीली और दुबली-पतली थीं। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ अभिनय किया और अंत में एक मुस्कुराहट के साथ ऑडिशन खत्म किया। एकता को उनकी मासूमियत और आंखों में छिपी गहराई ने तुरंत इंप्रेस कर दिया, लेकिन सेट पर मौजूद बाकी लोगों को वो उतनी प्रभावित नहीं कर पाईं। फिर भी, एकता के विश्वास ने उन्हें स्मृति को शो का चेहरा बनाने का फैसला लेने पर मजबूर कर दिया। और यही फैसला टीवी इतिहास के सबसे बड़े किरदारों में से एक 'तुलसी' के रूप में सामने आया।

बहन नूपुर के साथ जन्मदिन की मस्ती जारी, कृति सेनन की तस्वीरें वायरल

0

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनन ने 27 जुलाई को अपना 35वां जन्मदिन विदेश में बहन नुपुर सेनन और कथित बॉयफ्रेंड कबीर बहिया के साथ मनाया। उन्होंने एक अनजान बीच पर जन्मदिन का जश्न किया और अब सोशल मीडिया पर उन्होंने अपनी शानदार पार्टी की तस्वीरें शेयर कर फैंस को खुश कर दिया है।

कृति का पोस्ट

कृति सेनन ने अपनी बहन नूपुर के साथ कई तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर कीं। इन बेहद खूबसूरत तस्वीरों के साथ कृति ने कैप्शन में लिखा, "पानी, प्यार और आशीर्वाद से घिरी हुई… आप सभी की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। जन्मदिन तब तक खत्म नहीं हुआ, जब तक महीना खत्म न हो" 

तस्वीरों में क्या है खास

कृति ने आज इंस्टाग्राम पर अपनी बहन नूपुर के साथ कई शानदार तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें वह दोनों जमकर पार्टी और मस्ती करती नजर आईं। इसी पोस्ट के एक वीडियो में कृति अपनी फिटनेस का ध्यान भी रखती नजर आईं। इन तस्वीरों में एक जगह कृति यॉट पर सूर्यास्त का मजा लेती, जेट स्कीइंग करती। उनके स्टाइलिश आउटफिट्स और खुशी भरे पल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
 
कबीर बहिया के साथ चर्चा में कृति

कृति और ब्रिटिश व्यवसायी कबीर बहिया के डेटिंग की अफवाहें काफी समय से चल रही हैं। कथित तौर पर कबीर भी कृति के जन्मदिन के जश्न में शामिल थे, लेकिन उन्होंने कोई तस्वीर साथ में शेयर नहीं की। हालांकि, रविवार को कबीर ने कृति के साथ एक सेल्फी पोस्ट की, जिसमें कृति सफेद ड्रेस और लाल चश्मे में खूबसूरत लगीं और कबीर गुलाबी शर्ट में मुस्कुराते दिखे। उन्होंने कैप्शन में "हैप्पी बर्थडे के" लिखा और लाल दिल का इमोजी जोड़ा। दोनों ने अभी तक अपने रिश्ते की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

कौन हैं कबीर बहिया?

कबीर बहिया एक ब्रिटिश व्यवसायी हैं और वर्ल्डवाइड एविएशन एंड टूरिज्म लिमिटेड के संस्थापक हैं। वह ब्रिटेन की ट्रैवल एजेंसी साउथॉल ट्रैवल के मालिक कुलजिंदर बाहिया के बेटे हैं। कबीर क्रिकेटर एमएस धोनी के भी करीबी दोस्त हैं। कबीर और कृति को पहले भी वेकेशन में एक साथ देखा जा चुका है।
 
कृति का वर्कफ्रंट

कृति जल्द ही धनुष के साथ फिल्म "तेरे इश्क में" में नजर आएंगी, जिसका निर्देशन आनंद एल राय ने किया है। यह फिल्म 28 नवंबर को रिलीज होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कृति एक्टर शाहिद कपूर और रश्मिका मंदाना के साथ "कॉकटेल 2" में भी नजर आ सकती हैं। इसके अलावा कृति निर्देशक फरहान अख्तर की फिल्म "डॉन 3" में रणवीर सिंह के साथ भी दिख सकती हैं।

बौनेपन का अजब सच: भारत के इस गांव में रहते हैं सबसे अधिक बौने बच्चे, कुपोषण है मुख्य वजह

0

भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां 68.12% बच्चे बौनेपन के शिकार हैं. जून 2025 के पोषण ट्रैकर के आंकड़ों के अनुसार बौनेपन का कारण दीर्घकालिक या बार-बार होने वाला कुपोषण हो सकता है, जिसका बच्चों के विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है. संसद में प्रस्तुत विभिन्न दस्तावेजों के विश्लेषण के अनुसार. 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 63 जिलों में बच्चे सबसे ज्यादा बौनेपन का शिकार हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के जून 2025 के पोषण ट्रैकर पर आधारित आंकड़ों के अनुसार, बौनेपन के उच्चतम स्तर वाले सबसे अधिक प्रभावित जिलों में महाराष्ट्र का नंदुरबार (68.12 प्रतिशत), झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम (66.27 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश का चित्रकूट (59.48 प्रतिशत), मध्य प्रदेश का शिवपुरी (58.20 प्रतिशत) और असम का बोंगाईगांव (54.76 प्रतिशत) शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां 34 जिलों में बौनेपन का स्तर 50 प्रतिशत से अधिक है, इसके बाद मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार और असम का स्थान है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कई सवालों के जवाब में बताया कि आंगनवाड़ियों में 0-6 साल की उम्र के 8.19 करोड़ बच्चों में से 35.91 प्रतिशत बच्चे बौनेपन के शिकार हैं और 16.5 प्रतिशत कम वजन के हैं. पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की व्यापकता और भी ज्यादा, यानी 37.07 प्रतिशत है.

महाराष्ट्र के नंदुरबार में 48.26 प्रतिशत कम वजन का प्रचलन दर्ज किया गया, जो देश में सबसे अधिक है. इसके बाद मध्य प्रदेश के धार (42 प्रतिशत), खरगोन (36.19 प्रतिशत) और बड़वानी (36.04 प्रतिशत), गुजरात के डांग (37.20 प्रतिशत), डूंगरपुर (35.04 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ के सुकमा (34.76 प्रतिशत) जैसे जिले हैं.

कुछ जिलों में हालत चिंताजनक

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार, बच्चों में छोटे कद के पीछे कुपोषण एक प्रमुख कारण है, जिसमें दीर्घकालिक या बार-बार होने वाला कुपोषण शामिल है. भारत में 19 वर्षों में बौनेपन की औसत दर 42.4% से घटकर 29.4% हुई है, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी चिंताजनक स्तर है. यह डेटा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण ट्रैकर पर उपलब्ध है, जिसमें बच्चों के पोषण और विकास की जानकारी दर्ज की जाती है.

प्यार में धोखा: फार्मासिस्ट ने शादी का झांसा देकर नर्स से बनाए संबंध, मामला दर्ज कर भेजा जेल

0

प्यार जीवन के सबसे खूबसूरत लम्हों में से एक होता है. एक-दूसरे के प्रति विश्वास, सम्मान और अपनापन यही तो इस रिश्ते को अन्य रिश्तों से खास बनाता है. लेकिन इसी प्यार में अगर छल-कपट और धोखा आ जाए तो फिर इसका परिणाम भी भयावाह हो जाता है. ऐसी एक अजब प्रेम की गजब कहानी का मामला झारखंड की राजधानी रांची में सामने आया है. रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में काम करने वाली नर्स और उसके सहकर्मी फार्मासिस्ट के बीच प्रेम प्रसंग हो गया.

साथ काम करते-करते यह दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई और फिर एक दूसरे के साथ जीने मरने के कसमे-वादे होने लगे. शादी का वादा कर फार्मासिस्ट ने नर्स के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए. यह सिलसिला जारी रहा इसी बीच जब नर्स ने शादी का दबाव बनाया तो फार्मासिस्ट अपने वादे से मुकर गया. दोनों के बीच प्रेम प्रसंग करीब 1 साल पहले शुरू हुआ था.

पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी

अस्पताल से शुरू हुआ यह प्रेम संबंध अब, पुलिस थाने तक पहुंच गया. पीड़ित नर्स के द्वारा शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए फार्मासिस्ट के विरुद्ध रांची के अरगोड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई गई. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए फार्मासिस्ट को हिरासत में लिया है और जांच शुरू कर दी है.

दरोगा पर लगा था ऐसा ही आरोप

राजधानी रांची की इस घटना से पूर्व झारखंड पुलिस के दारोगा रमेश भारती जो सिमडेगा जिला में वायरलेस कार्यालय में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है उसके विरुद्ध पलामू जिला की ही रहने वाली एक छात्रा ने शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था.

रांची के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. दर्ज शिकायत में पीड़िता के द्वारा न्याय की गुहार लगाते हुए यह बताया गया है कि मूल रूप से झारखंड के गढ़वा जिला के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले सब इंस्पेक्टर रमेश भारती जो वर्तमान में सिमडेगा जिला बाल में वायरलेस कार्यालय में कार्यरत हैं. दोनों की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी. धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई. फिर झारखंड पुलिस के दरोगा रमेश भारती ने शादी का वादा कर युवती को रांची में स्थित अपने फ्लैट में ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर शादी की बात करने पर अपने वादे से पलटते हुए उसके साथ मारपीट शुरू कर दी.

मां स्कूल में रसोईया, बेटा बना अफसर: झारखंड के डिलीवरी बॉय राजेश रजक की सफलता की अनूठी कहानी

0

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा- 2023 में कुल 342 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिसमें एक ऐसा भी अभ्यर्थी है, जो कभी घर-घर जाकर डिलीवरी बॉय का काम करता था. इस अभ्यर्थी का नाम राजेश रजक है, जो अब झारखंड में अधिकारी बनकर लोगों की समस्याओं को दूर करेगा. राजेश रजक ने जेपीएससी परीक्षा में 271वीं रैंक हासिल की है. राजेश का चयन झारखंड जेल सेवा में काराधीक्षक के पद पर हुआ है.

हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड अंतर्गत केंदुआ गांव के रहने वाले राजेश रजक ने सफलता की एक ऐसी कहानी लिख दी है, जो लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है. आर्थिक तंगी और संसाधनों के अभाव में डिलीवरी बॉय का काम करते हुए राजेश रजक ने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा- 2023 में 271 रैंक लाई. अब वह झारखंड जेल सेवा के अधिकारी बन गए हैं. राजेश रजक की सफलता से उनके परिवार के लोग नहीं, बल्कि पूरे प्रखंड के लोग आज गौरवान्वित महसूस कर रहे हैंट

राजेश का बड़ा भाई मजदूर, मां सरकारी स्कूल में रसोईया

वर्ष 2017 में राजेश रजक के पिता का निधन हो गया था, जब वह 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे. पिता का साथ छूटने के बाद घर की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई. राजेश के बड़े भाई मुंबई में मजदूरी का काम करने लगे, जबकि उनकी मां जानकी देवी गांव के ही सरकारी स्कूल में रसोईया का काम करने लगीं, ताकि घर की आर्थिक स्थिति सुधर सके. राजेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हासिल की, जबकि 12वीं से लेकर स्नातक तक की शिक्षा हजारीबाग से ली.

रांची में डिलीवरी बॉय की नौकरी की

अपनी पढ़ाई के साथ-साथ परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए राजेश रजक रांची में डिलीवरी बॉय की नौकरी करने लगे. रांची के ही एक लॉज में रहकर वह कंपटीशन की तैयारी करने लगे. इसी बीच 7वीं से 10वीं जेपीएससी के विज्ञापन निकलने के बाद उन्होंने पहली बार जेपीएससी के लिए अटेंप्ट लिया. हालांकि प्रारंभिक परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन मुख्य परीक्षा में असफल हो गए.

इसके बाद झारखंड के अलग-अलग कंपटीशन का फॉर्म भरते रहे, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. बार-बार मिल रही असफलताओं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे राजेश रजक का हिम्मत और हौसला कम नहीं हुआ. इसी का परिणाम है कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा- 2023 की फाइनल मेरिट लिस्ट में उनका नाम आया. उन्हें 271वां स्थान प्राप्त हुआ. उनका चयन झारखंड जेल सेवा के लिए हुआ है.

विकास का दर्दनाक सच: जोधपुर का औद्योगिक प्रदूषण निगल रहा बस्तियां, बालोतरा में लोग बेघर

0

बालोतरा: कल्याणपुर उपखंड क्षेत्र की अराबा दुदावता ग्राम पंचायत के अंतर्गत अराबा पुरोहितान, अराबा चौहान, अराबा नागणेचा, निंबाखेड़ा और डोली सहित आसपास के कई गांव इन दिनों जोधपुर की औद्योगिक इकाइयों से आ रहे रासायनिक अपशिष्ट पानी की चपेट में हैं।

बता दें कि प्रदूषित पानी का बहाव इतना तेज हो गया है कि यह अब रहवासी बस्तियों में घुसने लगा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को ग्रामीणों को घर खाली करने के आदेश जारी किए हैं।

लोग खेतों और सरकारी भवनों में शिफ्ट

अराबा पुरोहितान के पूर्व सरपंच नरपत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि गांव के करीब 60 घरों में लगभग 280 लोग रहते हैं। अब गांव के तीनों ओर रासायनिक पानी भर गया है, जिससे बस्ती घिर गई है। प्रशासन की हिदायत पर ग्रामीण सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों और अपने खेतों में रहने को मजबूर हैं।

हालांकि, अचानक घर छोड़ने की स्थिति में ग्रामीणों के लिए भोजन, बर्तन, गैस सिलेंडर, बिस्तर जैसी जरूरी चीजें ले जाना कठिन हो रहा है। फिलहाल, अराबा चौहान गांव के 15 परिवारों को घर खाली कर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। अन्य प्रभावित गांवों से भी लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

कई वर्षों से झेल रहे यह सजा

रालोपा नेता थान सिंह डोली ने बताया कि प्रदूषित काले पानी की समस्या ग्रामीणों के लिए नई नहीं है। बीते कुछ दिनों से बारिश के पानी के साथ ही इसका बहाव और असर इतना बढ़ गया है कि अब लोगों को अपने आशियाने छोड़ने पड़ रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही।

परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

कई घरों के आंगन तक पानी पहुंचने के बाद उन्हें दूसरी सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया गया है। अब तक 11 परिवार खेतों में बने अपने कच्चे-पक्के मकानों में चले गए हैं, जबकि 3 परिवारों को प्रशासन की ओर से तय वैकल्पिक स्थानों पर रुकवाया गया है।
-सुशील कुमार यादव, कलेक्टर

सफाई व्यवस्था चौपट: हूपर पर हेल्पर सिर्फ नाम के, कचरा बीनकर कमा रहे ‘दोगुनी कमाई’

0

जयपुर में घरों से कचरा एकत्र करने के लिए हूपर के साथ चलने वाले कई सहायक (हेल्पर) अपना मूल काम छोड़कर ठेकेदार के लिए दोहरी कमाई में लगा दिए गए हैं। निगम ने प्रत्येक हूपर के साथ एक सहायक तैनात करने का नियम बना रखा है। उनका काम घरों के बाहर रखा कचरा उठाकर गाड़ी में डालना होता है। लेकिन कई हूपर के साथ आने वाले ये सहायक कचरा उठाने के बजाय गाड़ी पर बैठकर कचरे को अलग-अलग करने में जुटे रहते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि आज तक हैरिटेज और ग्रेटर निगम के अधिकारियों ने ऐसे ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

व्यवस्था के नाम पर सालाना करोड़ों खर्च, फिर भी परेशानी

निगम की चुप्पी का खमियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। सहायक के गाड़ी पर बैठे होने के कारण लोग खुद ही हूपर में कचरा डालते हैं। हूपर के ऊपर बैठकर सहायक कचरा बीनता है। इससे उसकी दोहरी कमाई हो जाती है। दोनों शहरी सरकारें सहायक के लिए प्रति माह 9 से 11 हजार रुपए का भुगतान करती हैं। इस पर हर माह 60 लाख और सालाना करीब 7.20 करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

ये अपना काम करें तो …

●लोग सड़क पर कचरा फेंकने नहीं जाएंगे, अस्थायी कचरा डिपो खत्म होंगे।
●लोग घर के बाहर कचरा रख दें, निर्धारित समय से देरी पर भी हूपर आएगा तो भी कचरा ले जा सकेगा।

निगम सख्ती दिखाए

हूपर तो पिछले तीन वर्ष से नियमित रूप से आ रहे हैं, लेकिन सहायक की दिक्कत है। कचरा उठाने की बजाय ये कचरा बीनने का काम करते हैं। निगम सख्ती दिखाए तो व्यवस्था में सुधार हो सकता है।
-विक्रम सिंह, मुरलीपुरा

जुर्माना वसूलेंगे

कचरा संग्रहण करने वाली कपनियों के साथ जल्द बैठक की जाएगी। जो नियम और शर्तों में है, उसकी पालना करवाई जाएगी। अनुबंध के मुताबिक फर्म काम नहीं करेंगी तो जुर्माना भी वसूला जाएगा।
-निधि पटेल, आयुक्त, हैरिटेज निगम

पाबंद करेंगे

कचरा संग्रहण व्यवस्था प्रभावी तरीके से लागू करवाया जाएगा। जो संवेदक हैं, उनको पाबंद करेंगे कि नियमों के तहत काम करें। अब तक के कामकाज का रिव्यू भी किया जाएगा और जो जिमेदार हैं, उन पर कार्रवाई भी करेंगे।
-गौरव सैनी, आयुक्त, ग्रेटर निगम

शिकायत का विकल्प नहीं

ज्यादातर लोगों को सहायक के काम की जानकारी नहीं है। सहायक संबंधी शिकायत करने का प्रावधान भी नहीं है। जो शीट जारी की जाती है, उसमें डोर-टू-डोर का ही विकल्प होता है। हैरानी की बात यह है कि पिछले छह वर्ष से सहायक काम कर रहे हैं, लेकिन इनके कामकाज की समीक्षा ही नहीं की गई। निगम अब तक करोड़ों रुपए का भुगतान कर चुका है, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group