Saturday, August 2, 2025
Home Blog Page 17

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

0

रायपुर :  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उनके निवास पर सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, सड़क परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य की अधोसंरचना योजनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री साय ने गडकरी को राज्य में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की अद्यतन जानकारी दी और बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार निर्माण कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के दूरस्थ और वनवासी क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के प्रयास तेज़ी से किए जा रहे हैं, ताकि वहाँ के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक अवसर प्राप्त हो सकें।

बैठक में चर्चा हुई कि औद्योगिक क्षेत्रों तथा नवगठित जिलों में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करना राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि सड़कें केवल आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि वे रोज़गार, निवेश और सामाजिक परिवर्तन की आधारशिला भी हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण की सराहना करते हुए यह भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहयोग प्रदान करती रहेगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचलों तक सड़कों की पहुँच से न केवल विकास की गति बढ़ेगी, बल्कि इन क्षेत्रों में स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन भी आएगा।

मुख्यमंत्री साय ने गडकरी को “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” के अंतर्गत राज्य की दीर्घकालिक रणनीति से भी अवगत कराया, जिसमें एकीकृत और पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण एवं सीमावर्ती इलाकों में सड़क संपर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक नागरिक तक विकास की पहुँच सुनिश्चित की जा सके।

ट्रंप ने पाक में तेल भंडार विकास के लिए किया समझौता, भारत-रूस दोस्ती पर तल्ख टिप्पणी

0

नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच दशकों पुराने सहयोग और मित्रता से बुरी तरह चिढ़े हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और जुर्माना लगाने के बाद अब पाकिस्तान के तेल भंडार के विकास में सहयोग के लिए उसके साथ एक नया समझौता किया है। ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को लेकर एक बहुत ही हताशा भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दोनों अर्थव्यवस्थाएं मृत हैं।

अमरीकी राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर बुधवार रात पाकिस्तान के तेल भंडार विकास समझौते की घोषणा की। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान से एक नये व्यापार ढांचे को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसका मकसद पाकिस्तान के अप्रयुक्त तेल भंडार विकसित करना और आयात शुल्क घटाना है। इस काम के लिए अमेरिकी तेल कंपनी का चयन अभी नहीं हुआ है। यह कंपनी पाकिस्तान के ‘विशाल तेल भंडार’ के विकास का काम करेगी।

अमरीकी राष्ट्रपति ने लिखा, “हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में हैं, जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जाने, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!”

अमरीका की यात्रा पर गये पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगज़ेब ने आयात शुल्क समझौते पर अंतिम चरण की बातचीत की। पाकिस्तानी मीडिया ‘द डॉन’ के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने बातचीत का ब्योरा नहीं दिया, लेकिन एक अधिकारी ने आशा व्यक्त की है कि एक अगस्त की समय सीमा खत्म होने से पहले समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे।

गौरतलब है कि अमेरिका ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की और रूस से सैन्य उपकरण तथा तेल खरीदने के कारण जुर्माना लगाने की बात भी कही थी।अब एक बार फिर ट्रंप ने भारत और रूस के घनिष्ठ संबंधों पर तीखा हमला बोला और कहा कि दोनों देश मिलकर अपनी ‘मृत अर्थव्यवस्थाओं’ को ध्वस्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, “मुझे इसकी परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे मिलकर अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को डुबो दें। हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, उनके शुल्क बहुत ज़्यादा हैं।” उन्होंने भारत की व्यापार नीतियों को ‘कठिन और परेशान करने वाला’ करार दिया और कहा कि भारत के साथ व्यापार करना अमेरिका के लिए फायदेमंद नहीं रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई : बस्तर को आकांक्षी जिला श्रेणी में मिला राज्य स्तरीय गोल्ड मेडल तोकापाल विकासखंड को मिला कांस्य पदक

0

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को राज्य स्तरीय आकांक्षी जिला श्रेणी में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार 2 अगस्त को रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। इसी क्रम में बस्तर जिले के तोकापाल विकासखंड को आकांक्षी ब्लॉक श्रेणी में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया है। दोनों पुरस्कार नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जिला एवं विकासखंड कार्यक्रम के अंतर्गत सम्पूर्णता अभियान के तहत निर्धारित 6 प्रमुख सूचकांकों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के आधार पर प्रदान किए जा रहे हैं।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर जिले के प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं जनता को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया आकांक्षी जिलों का अभियान एक-दूसरे से सीखने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माध्यम से विकास को गति देने का माध्यम बन रहा है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए क्षमता विकास और श्रेष्ठ गतिविधियों को अपनाकर ही लोगों का जीवनस्तर बेहतर किया जा सकता है। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के अन्य जिलों से भी आह्वान किया कि वे बस्तर की भांति एक-दूसरे की श्रेष्ठ पहलों को अपनाकर विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में सक्रिय योगदान दें।

ज्ञातव्य है कि नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला एवं विकासखंड कार्यक्रम के अंतर्गत सम्पूर्णता अभियान 4 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 तक संचालित किया गया था। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और महिला सशक्तिकरण के तहत चिन्हांकित छह सूचकांकों में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करना था। इस दौरान कृषि विभाग द्वारा 8,500 किसानों के सॉयल हेल्थ कार्ड बनाकर वितरित किए गए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सात विकासखंडों में कुल 1,922 गर्भवती महिलाओं का एएनसी पंजीयन कराया। टीकाकरण के तहत 1,801 शिशुओं को शत-प्रतिशत टीके लगाए गए। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 7,894 हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया। स्कूल शिक्षा विभाग ने 177 स्कूलों में विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित की तथा समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों का शत-प्रतिशत वितरण किया गया।
इस अभियान के दौरान बस्तर जिले के ग्रामीण और आंतरिक क्षेत्रों में लक्षित लाभार्थियों तक सेवाएं पहुंचाने में सफलता मिली है। पंचायत विभाग सहित सभी विभागों ने मिलकर जनभागीदारी आधारित एक प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है, जिससे सभी छह सूचकांकों पर लक्ष्य प्राप्त किए गए।

उल्लेखनीय है कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2018 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के 112 सबसे पिछड़े जिलों का समग्र और तीव्र विकास सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का अभिसरण, अधिकारियों के परस्पर सहयोग और मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया है। कार्यक्रम की विशेषता यह है कि यह प्रत्येक जिले की क्षमता को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार करता है, त्वरित सुधार के लिए जरूरी पहलों की पहचान करता है और 5 सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों – स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास, और बुनियादी ढांचे के अंतर्गत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर मासिक प्रगति को मापता है।

जिलों के प्रदर्शन की जानकारी “चौम्पियंस ऑफ चेंज” पोर्टल (
championsofchange.gov.in
) पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाती है। नीति आयोग विभिन्न मंत्रालयों और विकास भागीदारों के साथ मिलकर जिलों की क्षमताओं को बढ़ाने, उनकी प्रगति को तेज़ करने और श्रेष्ठ पहलों को विकसित कर उन्हें दोहराने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर लागू कर राष्ट्र की प्रगति को सशक्त करना है।

आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय विकास में मील का पत्थर साबित होगा: प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा

0

रायपुर :  ट्राईफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के मैनेजिंग डायरेक्टर हिरदेश कुमार ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आदि कर्मयोगी अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने प्रदेश में जनजातीय कल्याण के लिए केन्द्र प्रवर्तित पीएम जनमन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत किए जाने रहे कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं के माध्यम से जनजातीय कल्याण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति संभव हुई है। ऐसे दुर्गम जनजातीय ग्राम जहां पर अब तक पक्की सड़कें नहीं थी, वहां पर संबंधित विभाग के सहयोग से पक्की बारहमासी सड़कों का निर्माण संभव हुआ है। इसी प्रकार स्वच्छ पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य केन्द्रों का विकास, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी, राशन कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड एवं अन्य सुविधाएं उस क्षेत्र तक संबधित विभागों के माध्यम से पहुंचाना संभव हुआ है।

प्रमुख सचिव बोरा ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान में उत्तरदायी शासन की संकल्पना के अंतर्गत प्रदेश में व्यापक अभियान चलाकर इसे सफल बनाया जाएगा। बोरा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद राज्य के विकास एवं प्रमुख चुनौतियों के संबंध में तैयार की गई ‘जनरपट’ का भी विशेष रूप से उल्लेख करते हुए यूनाइटेड नेशन द्वारा रिपोर्ट की सराहना की बात बतायी गयी।

उल्लेखनीय है कि इस अभियान का नोडल आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग है। आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर इस अभियान के मुख्य नोडल अधिकारी हैं जबकि संयुक्त सचिव बी.के. राजपूत एवं अपर संचालक सजय गौड़ इसमें सहायक नोडल अधिकारी हैं। जबकि अन्य 17 विभाग भी इसमें सहयोग प्रदान कर रहे हैं। आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से पूर्व के अभियानों में प्रदान की गई सेवाओं-कार्यों की निरंतरता को बनाए रखना है, ताकि जनजातीय ग्रामों में कोई भी गैप की स्थिति उत्पन्न ना हो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार इस अभियान के द्वारा देश के 1 लाख गांवों से 20 लाख वालेंटियर तैयार किया जा सके।

बैठक में बोरा ने बताया कि आदि कर्मयोगी, ब्लॉक स्तर पर आदि सहयोगी तथा आदि साथी के नाम से जाने जाएंगे, इसमें छत्तीसगढ़ जैसे जनजाति बाहुल्य राज्य की प्रमुख भूमिका होगी। अतः योजना का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन भली-भांति हो, इस पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

इस योजना अंतर्गत, राष्ट्रीय स्तर पर तैयार मास्टर ट्रेनर्स राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स को तैयार करेंगे। यही मास्टर ट्रेनर्स जिला स्तर पर जाकर कार्यशाला के माध्यम से अभियान के प्रति जागरूकता लाने में प्रमुख भूमिका अदा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य 20 लाख आदि कर्मयोगी तैयार करना है, जो कि ग्राम स्तर से लेकर ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में मुख्य भूमिका निभाऐंगे।

बैठक में संचालक, टीआरटीआई जगदीश कुमार सोनकर, कार्यकारी संचालक, लघु वनोपज संघ मणिवासवन सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं अभियान के राज्य मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।

मेघना को थी हल्की खांसी, रिपोर्ट में निकला लंग कैंसर का तीसरा स्टेज

0

दिल्ली निवासी मेघना शर्मा गुरूग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं। 2020 में उन्हें कई दिनों से मामूली खांसी हो रही थी। उन्होंने इसपर इतना ध्यान नहीं दिया। थोड़ी दूर पैदल चलने पर उनके लिए सांस लेना भी मुश्किल होने लगा। उन्होंने फिजिशियन को दिखाया।

डॉ अरुण कुमार गोयल, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक, एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल, सोनीपत ने बताया कि डायग्नोसिस में पता चला उन्हें स्टेज-3 लंग कैंसर है। उनके रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी के सेशन शुरू हुए। इसके बाद एक साल तक उन्हें तीन सप्ताह में एक बार इम्युनोथेरेपी दी गई। मेघना को टारगेटेड थेरेपी भी दी गई, जिसमें एक दिन में उन्हें आठ गोलियां खानी होती थीं। उपचार के बाद उन्हें एनईडी (नो इवीडेंस ऑफ डिसीज़) घोषित कर दिया गया और आज 3 साल बाद भी वो एनईडी ही हैं।
 
क्यों होता है लंग कैंसर

लंग कैंसर अनकंट्रोल्ड ग्रोथ सेल्स होती है। ये कैंसरग्रस्त सेल्स लगातार बढ़ती रहती हैं और आसपास के टिशूज (उतकों) को भी नष्ट कर देती हैं। जबये एब्नार्मल ग्रोथ लंग्स की कोशिकाओं में शुरू होती है तो इसे प्राइमरी लंग कैंसर कहा जाता है और जब कैंसरग्रस्त सेल्स अन्य अंगों से निकलकर फेफड़ों में जमा होनेलगती हैं तो इसे मेटास्टेटिस (सेकंडरी) लंग कैंसर कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लंग कैंसर विश्वभर में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे प्रमुख कारण है। इसके कारण 2022 में लगभग 18 लाख लोगों की मौत हुईथी। 2022 में इसके लगभग 25 लाख मामले सामने आए थे, जो कुल कैंसर के नए मामलों के 12 प्रतिशत थे।

क्यों बढ़ रहे हैं मामले

विश्वभर में लंग कैंसर के ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिन्होंने अपनी लाइफ में कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया है। वह बीमारी जिसे कभी “मैंसडिसीज़” या “स्मोकर्स डिसीज़” कहा जाता था, तेजी से युवाओं, महिलाओं और धुम्रपान न करने वालों को अपना शिकार बना रही है। लंग कैंसर फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा हाल में किए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लंग कैंसर के शिकार 21 प्रतिशत लोग 50 से कम उम्र के हैं, इनमें से कुछ की उम्र तो 30 वर्ष से भी कम है। बढ़ते एयर पाल्यूशन को इसका सबसे प्रमुख कारण माना जा रहा है।

रिस्क फैक्टर्स

-धुम्रपान करना।

– पेसिव स्मोकिंग (धुम्रपान से निकलने वाले धुएं के संपर्क में रहना)

– प्रदूषित वायु या विषैले तत्वों के संपर्क में रहना।

-लकड़ी, कोयले या कंडों पर खाना बनाना।

-परिवार में पहले किसी सदस्य को लंग कैंसर होना।

क्या हैं शुरूआती लक्षण

-लगातार खांसी रहना और खांसी के साथ खून आना।

-आवाज में खराश बनी रहना।

– थोड़ा चलने पर भी सांस फूलना।

-हमेशा थकान महसूस होना।

– तेजी से वजन कम होना।

बचाव के उपाय क्या हैं 

-धुम्रपान और तंबाकू का सेवन पूरी तरह बंद कर दें।

-अपने डाइट चार्ट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करें।

-नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।

-घर में एयर प्युरीफायर लगवाएं।

– घर के बाहर प्रदूषित हवा से बचने के लिए स्कार्फ या मास्क का इस्तेमाल करें।

पैसिव स्मोकिंग से क्यों है खतरा

स्मोकिंग या धुम्रपान करने के बाद जो धुआं बाहर निकलता है, उसे जब दूसरा व्‍यक्ति सांस के जरिए अंदर लेता है, तो इसे सेकंड हैंड स्‍मोकिंग या पैसिव स्मोकिंग कहाजाता है। सांस के जरिए जब सिगरेट का धुआं आपके शरीर में जाता है, तो सबसे पहले ये आपके फेफड़ों के लिए समस्‍या खड़ी करता है। इसके कारण अस्थमा, टीबी,निमोनिया, सीओपीडी और लंग कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। बच्‍चों के लिए तो ये और ज्‍यादा खतरनाक हो जाता है.ऐसे बच्‍चों का इम्‍यून सिस्‍टम तो कमजोर होता ही है, साथ ही उनमें निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, अस्‍थमा, खांसी, सांस फूलने और लंग कैंसर जैसी श्वसन तंत्र से संबंधित गंभीर बीमारियों की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

लंग कैंसर की स्टेजेस

लंग कैंसर की चार स्टेज होती हैं। इसे ट्यूमर के साइज के आधार पर तय किया जाता है। साथ ही यह देखा जाता है कि कैंसर आसपास के टिशूज, लिम्फनोड्स और दूसरे अंगों तक तो नहीं पहुंचा है। लिम्फ नोड्स हमारे इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं, जो वायरस और बैक्टीरिया से शरीर का बचाव करते हैं।

मंत्री राजवाड़े ने दंतेवाड़ा में नशा मुक्ति केंद्र का किया निरीक्षण

0

रायपुर :  महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने दंतेवाड़ा के दो दिवसीय प्रवास के दौरान वहां नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र नशा मुक्ति हेतु रहवासी ग्रामीणों से संवाद करते हुए उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इन्ही में से एक ग्रामीणों से जानना चाहा कि नशे से मुक्त होने के पश्चात उसकी दिनचर्या कैसी बदली। इस पर ग्रामीण ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यहाँ आकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। पहले से काफी अच्छा महसूस हो रहा है।

 मौके पर मंत्री ने उनके भोजन और नाश्ते की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी ली, और उन्हें बताया गया कि उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएँ समय पर मिल रही हैं। इस पर मंत्री ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा, “सुबह उठकर नियमित रूप से योग करें, जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहें।” इसके साथ ही मंत्री राजवाड़े ने सभी को नशा से पूर्णतः दूर रहने की समझाइश दी और भविष्य में पुनः नशा न करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि लाइवलीहुड कॉलेज के माध्यम से ग्रामीणों रोजगारपरक प्रशिक्षण से लाभान्वित हो सकते है। उन्होंने सभी लाभार्थियों से अपील किया कि वे वहां प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ें और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें।

सर्वाइकल कैंसर: महिलाओं के लिए खामोश किलर, जानिए कैसे समय पर करें पहचान

0

नई दिल्ली। कैंसर पूरी दुनिया में काल बनकर छाया हुआ है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है और देरी से पता चलने पर अक्सर जानलेवा भी साबित हो सकती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने की वजह से उन्हीं के नाम से जाने जाते हैं। वहीं, कुछ कैंसर ऐसे भी होते हैं, जो सिर्फ महिलाओं या सिर्फ पुरुषों को प्रभावित करते हैं। सर्वाइकल कैंसर इन्हीं में से एक है, जो दुनियाभर में कई महिलाओं के लिए एक खतरनाक बीमारी के रूप में उभरा है। WHO के मुताबिक यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। हैरानी की बात यह है कि इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन भी मौजूद है, लेकिन बावजूद इसके हर साल कई महिलाएं इसकी वजह से जान गवां देती हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए इसके प्रमुख कारणों को जानना जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फैक्टर्स, जो बनते हैं सर्वाइकल कैंसर का कारण-

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते और इनका पता लगाना मुश्किल होता है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को विकसित होने में समय लग सकता है। स्टेज I सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • वजाइना से पानी जैसा या खून का डिस्चार्ज होना, जो हैवी हो सकता है और इसमें दुर्गंध आ सकती है।
  • सेक्स के बाद, पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद वजाइना से ब्लीडिंग होना।
  • सेक्स के दौरान दर्द (डिस्पेरुनिया)

अगर कैंसर आस-पास के टिश्यू या अंगों में फैल गया है, तो लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • यूरिन करने में कठिनाई या दर्द, कभी-कभी खून भी आना।
  • मल त्याग करते समय दस्त, दर्द या मलाशय से ब्लीडिंग।
  • थकान, वजन और भूख में कमी।
  • पीठ में हल्का दर्द या पैरों में सूजन।
  • पेल्विक/पेट में दर्द।

सर्वाइकल कैंसर का रिस्क फैक्टर

  • धूम्रपान, तंबाकू और शराब कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए इससे बचें क्योंकि ये शरीर की इम्युमिटी को कमजोर करते हैं और इन्फेक्शन के प्रति सेंसिटिव बनाते हैं।
  • प्रोसेस्ड फ्रोजन फूड्स सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं और इस कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए कैंसर का खतरा कम करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट लें।
  • जरूरत से ज्यादा वजन भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। इसलिए हेल्दी वेट बनाए रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें। फिजिकली एक्टिव रहने से मोटापे को कम करने में मदद मिलती है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है।
  • कैंसर से बचने के लिए अपनी पर्सनल हाइजीन का भी ध्यान रखें। खासकर पीरियड्स के दौरान
  • विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान अपने जेनिटल्स की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें। खराब हाइजीन इन्फेक्शन का कारण बन सकती है, जिसका अगर इलाज न किया जाए तो यह पुराना हो सकता है और महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अनसेफ सेक्स सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने की वजह से HPV (मानव पेपिलोमा वायरस) ट्रांसमिट हो सकता है, जो महिलाओं के सर्विक्स को प्रभावित करता है, जो समय के साथ सर्वाइकल कैंसर में बदल जाता है।
  • कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स भी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकती हैं। दरअसल, यह पिल्स में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के सिंथेटिक संस्करणों से बनी होती हैं। शरीर में इस हार्मोन की ज्यादा मात्रा कैंसर सेल्स के विकास में मदद करते हैं।

MP बाढ़ हादसा: एक ही परिवार के दो लोगों की मौत, खेत में मिला दिल दहला देने वाला मंजर

0

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस समय बारिश का तांडव देखने को मिल रहा है। लगातार भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बारिश के कारण पार्वती नदी में भी उफान है। नदी का पानी आसपास के खेतों में भर रहा है। इस बीच एक ऐसा दृश्य सामने आया है, जो लोगों को दंग कर रहा है। दरअसल, नदी में बढ़े जलस्तर के कारण आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में 10 वर्षीय शिवम यादव,राजू यादव बह गए। नदी का पानी जब कम हुआ है, उस समय उनकी लाश मिली है। बता दें कि चाचा भतीजे की एक दूसरे से लिपटी हुई लाश खेत में पड़ी हुई नजर आई।

एक दूसरे से लिपटी मिली चाचा भतीजे की लाश

जानकारी दें कि पार्वती नदी का पानी उतरा तो आमलदा से एक मार्मिक तस्वीर सामने आई। बता दें कि 10 वर्षीय शिवम यादव,राजू यादव के पार्वती नदी में आई बाढ़ में बह जाने से मृत्यु हो गई। दोनों कल खेत में डले हुए पाइपों को हटाने गए थे। बताया जाता है कि पार्वती नदी का पानी खेतों में आ गया था, पाइपों के बहने का खतरा था। इसी दौरान हादसे का शिकार तो गए। कल शाम को पुलिस को भी सूचना दी गई, देर शाम तक खोज भी हुई थी।

आज सुबह मिली लाश

तमाम खोजबीन के बाद आज सुबह के करीब 6-7 बजे जब पार्वती नदी का जलस्तर कम हुआ तो उसी खेत में एक दूसरे से लिपटे हुए शव मिले, जिस खेत से पाइप हटाने गए थे।

मंत्री राजवाड़े ने कारली पहुंचकर सुरक्षा बल के जवानों को राखी बांधकर शुभकामनाएं दीं

0

रायपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने  दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान सुरक्षा कैम्प कारली पहुंचकर जवानों से मुलाकात की। उन्होंने जवानों को राखी बांधी और उन्हें रक्षा पर्व की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने जवानों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी देश के प्रहरी हैं। यह राखी केवल एक रक्षासूत्र नहीं, बल्कि आपके प्रति हमारे विश्वास, कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है। आपकी वीरता और अनुशासन, पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। हम अपने घरों में सुरक्षित हैं, यह आपकी कर्तव्य परायणता की बदौलत है। आपकी इस सेवा को हम हृदय से सम्मान करते हैं।

मंत्री राजवाड़े ने जवानों से आत्मीय संवाद करते हुए उनके परिवारजनों की कुशलक्षेम के बारे में जानकारी ली। उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार उनके कल्याण और सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री राजवाड़े ने सभी जवानों को मिठाइयाँ बांटी। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य जनप्रतिनिधियों, महिलाओं एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा भी जवानों को राखियां बांधी गईं और रक्षाबंधन पर्व अग्रिम शुभकामनाएं दी गईं।

लद्दाख में गाड़ी पर गिरी चट्टान, लेफ्टिनेंट कर्नल सहित दो शहीद

0

 लद्दाख: केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के दुरबुक में सैन्य काफिले के एक वाहन पर विशाल चट्टान गिर जाने से उसमें सवार एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक जवान की मौत हो गई, जबकि मेजर रैंक के दो अधिकारी और एक कैप्टन गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह और लांस दफादार दलजीत सिंह के रूप में हुई है। घायलों में मेजर मयंक शुभम, मेजर अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव शामिल हैं।

अधिकारियों ने आगे बताया कि यह घटना सुबह लगभग साढ़े 11 बजे हुई। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी काप्र्स ने एक्स पर पोस्ट करते हुए हादसे की पुष्टि की।

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group