Sunday, August 3, 2025
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मां कामाख्या ने अपने प्रिय पुजारी को क्यों बना दिया पत्थर?

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मां कामाख्या मंदिर की गिनती भारत के सबसे प्राचीन और शक्तिशाली मंदिरों में होती है. यह मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है और यहां देवी शक्ति के तंत्र स्वरूप की पूजा होती है. माना जाता है कि यहां देवी मां सीधे अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आती हैं. इस मंदिर से जुड़ी कई रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं जिनमें से एक सबसे अनोखी कहानी है मां कामाख्या और उनके भक्त पुजारी केंद्रकलाई की. कहा जाता है कि मां कामाख्या ने खुद अपने प्रिय पुजारी को मार डाला था. आखिर क्यों मां को ऐसा करना पड़ा? इस घटना के पीछे की कहानी जानकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

मां कामाख्या मंदिर का इतिहास
करीब 600 साल पहले की बात है जब मां कामाख्या मंदिर के गर्भगृह में पूजा करने का जिम्मा केंद्रकलाई नाम के पुजारी के पास था. वह मां के सच्चे भक्त थे और हर शाम गर्भगृह का दरवाजा बंद करके आंखें मूंदकर मां की आरती करते थे. कहा जाता है कि इसी समय मां कामाख्या वहां स्वयं प्रकट होकर नृत्य करती थीं. केंद्रकलाई ने कभी अपनी आंखें नहीं खोलीं, लेकिन मां के पायल की मधुर आवाज सुनते रहते थे.

राजा नर नारायण की इच्छा
उस समय कोच वंश के राजा नर नारायण को जब यह बात पता चली कि मां स्वयं प्रकट होकर नृत्य करती हैं, तो उन्होंने भी यह नजारा देखने की इच्छा जताई. केंद्रकलाई ने राजा को समझाने की कोशिश की कि ऐसा करना सही नहीं होगा, लेकिन राजा के दबाव में उन्हें मानना पड़ा. अगले दिन आरती के समय राजा ने मंदिर की दीवार में बने एक छोटे से छेद से मां को देखने की कोशिश की.
मां का श्राप और राजा की सजा
जैसे ही राजा की नजर मां पर पड़ी, उनकी आंखों की रोशनी चली गई. मां कामाख्या को सब समझ में आ गया कि उनका नृत्य किसी ने देख लिया है. वह बहुत क्रोधित हो गईं और उन्होंने तुरंत श्राप दिया कि अब से अगर कोच वंश का कोई भी व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करेगा, तो या तो वह अंधा हो जाएगा या उसकी मृत्यु हो जाएगी. आज भी कोच वंश से जुड़े लोग मां कामाख्या मंदिर में प्रवेश नहीं करते.

केंद्रकलाई का अंत
राजा की इस हरकत से मां कामाख्या बेहद दुखी और क्रोधित थीं. उन्हें यह भी महसूस हुआ कि केंद्रकलाई ने राजा को रोकने में कमजोरी दिखाई. मां ने अपने प्रिय पुजारी को पत्थर का बना दिया. कहा जाता है कि आज भी गर्भगृह के पास केंद्रकलाई का पत्थर का रूप मौजूद है. यह घटना भक्तों को यह संदेश देती है कि मां के नियमों का पालन करना कितना जरूरी है.

आज का मंदिर और आस्था
आज भी मां कामाख्या मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. लोग मानते हैं कि यहां मां शक्ति का वास है और सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती. मंदिर का माहौल रहस्यमयी होने के साथ-साथ बेहद शक्तिशाली भी है. मां कामाख्या की यह कथा हमें यह भी सिखाती है कि भक्ति में अनुशासन और विश्वास कितना महत्वपूर्ण होता है.

घर हो या ऑफिस, इस दिशा में लगाएं स्वास्तिक और खुद देखें शुभता, धन और अवसरों का अद्भुत असर

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स्वास्तिक हमारे जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यह सिर्फ धार्मिक चिन्ह नहीं है, बल्कि वास्तुशास्त्र में भी इसका बहुत बड़ा महत्व है. प्राचीन काल से ही स्वास्तिक को घर, दुकान और ऑफिस में लगाने की परंपरा रही है, क्योंकि यह हमारे आसपास की ऊर्जा को संतुलित करता है. सही दिशा में सही रंग का स्वास्तिक लगाने से जीवन में तरक्की, खुशहाली और अवसरों की वृद्धि होती है, लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि किस दिशा में किस रंग का स्वास्तिक लगाना चाहिए, अगर आप भी स्वास्तिक को सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे, तो यह आपके जीवन में अचूक परिणाम दे सकता है. आइए जानते हैं इसका सही तरीका और फायदे.

स्वास्तिक क्या है?
स्वास्तिक एक बेहद शक्तिशाली और शुभ चिन्ह है. इसका अर्थ है “स्वयं होने वाला” यानी जो अपने आप घटित हो. यह चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है और घर या कार्यस्थल में ऊर्जा को संतुलित करता है. इसे लगाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है.

किस दिशा में किस रंग का स्वास्तिक लगाना चाहिए?
स्वास्तिक को सही दिशा और सही रंग में लगाने से इसके प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं. वास्तु के अनुसार इसे इस प्रकार लगाएं –
1. उत्तर दिशा (North):
उत्तर दिशा को अवसरों की दिशा माना जाता है. यहां नीले रंग का स्वास्तिक लगाएं. इससे आपके जीवन में नए मौके और प्रगति के रास्ते खुलेंगे.

2. दक्षिण-पूर्व दिशा (South-East):
इस दिशा का संबंध धन और आर्थिक स्थिरता से है. यहां लाल रंग का स्वास्तिक लगाना शुभ माना जाता है. इससे पैसे का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं.
3. पश्चिम दिशा (West):
पश्चिम दिशा का संबंध रिश्तों और सामाजिक पहचान से जुड़ा है. यहां सफेद रंग का स्वास्तिक लगाएं. इससे अच्छे रिश्ते बनते हैं और समाज में सम्मान मिलता है.

स्वास्तिक लगाने के समय ध्यान देने वाली बातें
1. स्वास्तिक हमेशा साफ-सुथरी जगह पर लगाएं.
2. इसे दरवाजे पर लगाते समय ध्यान रखें कि यह उल्टा न हो.
3. स्वास्तिक को रोजाना साफ करें और समय-समय पर इसे नए रंग से सजाएं.
4. इसे लगाते समय मन में अच्छे विचार रखें और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें.

स्वास्तिक लगाने के फायदे
1. घर में सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक कलह कम होती है.
2. आर्थिक समस्याओं में सुधार होता है और बिजनेस में तरक्की मिलती है.
3. रिश्तों में प्यार और सहयोग बढ़ता है.
4. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन शांत रहता है.

बरसात में नमक की सीलन से हैं परेशान? अपनाएं ये 2 आसान और फ्री देसी जुगाड़, असर देख चौंक जाएंगे

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मानसून आते ही ठंडी हवा, हरियाली और बरसात की बूंदें दिल को सुकून देने लगती हैं, लेकिन यही मौसम किचन के लिए बड़ी परेशानी बन जाता है. वजह है – बढ़ती नमी. इस सीजन में जहां कपड़े सूखने में समय लेते हैं, वहीं खाने-पीने की चीजों में भी सीलन की दिक्कत शुरू हो जाती है. खासकर नमक, जो सबसे पहले नमी की चपेट में आता है. आपने भी नोटिस किया होगा कि बारिश के दिनों में नमक की डिब्बी या शेकर बोतल से नमक निकालना कितना मुश्किल हो जाता है. कभी तो नमक पत्थर जैसा जमा हुआ मिलता है, तो कभी शेकर में रहकर भी बाहर नहीं आता. इसका कारण सिर्फ और सिर्फ हवा में मौजूद नमी है, जो नमक में जाकर उसे गीला कर देती है.

अब हर बार नया नमक खरीदना या उसे किसी महंगे एयरटाइट डिब्बे में रखना भी हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता हैं. इसलिए हम लाए हैं आपके लिए दो ऐसे बेहद आसान और फ्री के जुगाड़, जिन्हें आजमाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं. सबसे खास बात ये है कि इसके लिए न आपको कोई मेहनत करनी है और न ही कोई खर्च करना है.
नमक को बारिश में सीलन से कैसे बचाएं?
नीचे दिए गए ये दो घरेलू उपाय आपकी नमक से जुड़ी सारी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. बस आपको उन्हें एक बार ट्राय करना है.

1. काबुली चने वाला तरीका – नमी को खींचकर रखे सूखा
किचन में मौजूद सफेद काबुली चने सिर्फ छोले-भटूरे के काम नहीं आते, बल्कि ये आपके नमक को भी खराब होने से बचा सकते हैं, ये एक बहुत ही पुरानी लेकिन कारगर ट्रिक है जिसे आज भी कई लोग अपनाते हैं.

कैसे करें इस्तेमाल:
1. किसी भी कांच या प्लास्टिक के जार में रखा नमक लें.
2. उसमें 8-10 काबुली चने डाल दें.
3. अब जार को अच्छी तरह से बंद कर दें.
बस इतना करने से ही चने नमक के आसपास मौजूद नमी को सोख लेते हैं. इससे नमक लंबे समय तक सूखा और बगैर ढेलों वाला बना रहता है. इस हैक को आप शेकर बोतल में भी आजमा सकती हैं.

2. ब्लोटिंग पेपर से करें नमी को बाहर
ब्लोटिंग पेपर एक ऐसा साधन है जो नमी को तेजी से सोखने की ताकत रखता है. जैसे यह तैलीय खाने से एक्स्ट्रा ऑयल को खींच लेता है, वैसे ही ये नमक की सीलन को भी दूर कर सकता है, अगर आपके पास ये पेपर नहीं है तो इसे स्टेशनरी की दुकान से बड़ी आसानी से लाया जा सकता है.

कैसे करें इस्तेमाल:
1. अपने नमक के डिब्बे या शेकर की सबसे नीचे एक परत ब्लोटिंग पेपर की बिछा दें.
2. अब ऊपर से नमक भरें.
3. चाहें तो जार के ढक्कन के अंदर भी ब्लोटिंग पेपर चिपका दें ताकि बाहर की नमी अंदर न जा सके.
इस आसान जुगाड़ से आपका नमक पूरी बारिश सीजन तक सुरक्षित रह सकता है और हां, अगर आपको ये ट्रिक्स फायदेमंद लगे हों तो इन्हें अपनी दोस्तों और घरवालों के साथ जरूर शेयर करें.

राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन ( 01 अगस्त 2025)

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  • मेष राशि :- समय से कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, कार्य सिद्धी अवश्य होगी ध्यान दें।
  • वृष राशि :- सफलता, प्रभुत्व वृद्धि कार्य कुशलता से संतोष होगा, बड़े लोगों से मेल-मिलाप होगा।
  • मिथुन राशि :- सामाजिक कार्यों में मान-प्रतिष्ठा, प्रभुत्व वृद्धि, कार्य कुशलता से संतोष होगा।
  • कर्क राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, असमंजस, विभ्रम की स्थिति रहेगी, मानसिक उद्विघ्नता बनेगी।
  • सिंह राशि :- समय और सार्म्थय विफल होगा तथा अर्थ-व्यवस्था में बाधा आयेगी।
  • कन्या राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक होगा, कार्यगति अनुकूल बनेगी, सफलता से हर्ष होगा।
  • तुला राशि :- वृथा धन और समय नष्ट न होवें, अर्थ-व्यवस्था में बाधा बनने से कार्य रुकेंगे।
  • वृश्चिक राशि :- असमर्थता का वातावरण रहेगा, कुटुम्ब की समस्यायें सुलझेंगी।
  • धनु राशि :- सामाजिक कार्य में मान-प्रतिष्ठा तथा प्रभुत्व वृद्धि के योग अवश्य बनेंगे।
  • मकर राशि :- विरोधी तत्वों से परेशान, प्रबलता तथा प्रभाव अवश्य बनाये रखें, कार्य बनें।
  • कुंभ राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, रुके कार्य अवश्य बनेंगे ध्यान दें।
  • मीन राशि :- सामाजिक कार्यों में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, कार्य कुशलता से संतोष होगा।

आकांक्षी विकासखंड लखनपुर की तेजी से बदल रही तस्वीर

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रायपुर :  छत्तीसगढ़ के आकांक्षी विकासखण्डों की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। यहां स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा, आधारभूत ढांचा और वित्तीय समावेशन के दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। देशभर के 500 आकांक्षी विकासखंडों के बीच लखनपुर विकासखंड ने 1 जुलाई से 30 सितम्बर 2024 के मध्य निर्धारित छह प्राथमिक सूचकांको में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, इसके लिए नीति आयोग ने आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर को रजत पदक से सम्मानित किया है।

आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में चलाए गए संपूर्णता अभियान के माध्यम से शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंची हैं, जिससे विशेषकर पिछड़ी जनजातियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। “वोकल फॉर लोकल” की थीम पर आधारित आकांक्षा हाट को ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।

प्रसवपूर्व देखभाल हेतु सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच में लक्षित आबादी के शत्-प्रतिशत कवरेज, पूरक पोषण प्राप्त करने वाली महिलाओं की शत-प्रतिशत संख्या जैसे संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई। मृदा परीक्षण लक्ष्य पूर्ण कर 1000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। वहीं एनआरएलएम के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों को 99 प्रतिशत रिवॉल्विंग फंड वितरित कर वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया। पिछड़े और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से संबंधित विकासखंडों की सूची में शामिल लखनपुर ने सितम्बर से दिसम्बर 2023 की डेल्टा रैंकिंग में जोन-5 में दूसरा और राष्ट्रीय स्तर पर 27वां स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया है।

आकांक्षी विकासखण्ड लखनपुर में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 31 जुलाई से 5 अगस्त तक आकांक्षा हाट का आयोजन में महिला समूहों द्वारा तैयार हस्तशिल्प, गोदना चित्रकला, बांस उत्पाद, मोटे अनाज और पारंपरिक खाद्य सामग्रियों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की जा रही है। इस पहल से जहां रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, वहीं पारंपरिक कला और संस्कृति को भी नया जीवन मिल रहा है।

मंत्री राजवाड़े ने दंतेवाड़ा जिले में आंगनबाड़ी, सखी सेंटर, बाल सम्प्रेषण गृह और नारी निकेतन केन्द्रों का किया निरीक्षण

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रायपुर :  महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दो दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्थिति का मुआयना किया। मंत्री राजवाड़े  नियद नेल्ला नार योजना में शामिल ग्राम गमावाड़ा के आंगनबाड़ी केंद्र मुंद्रापारा का औचक निरीक्षण कर वहां की सुविधाओं का जायजा लिया।

इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सुपरवाईजर को मातृ वंदना योजना, नोनी सुरक्षा योजना सहित सभी शासन की योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने ग्रामीणों से आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी ली। मंत्री राजवाड़े ने जिला मुख्यालय स्थित सखी सेंटर का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने सेंटर में टोल फ्री नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने सखी सेंटर की स्टाफ से बातचीत कर फील्ड में आने वाली समस्याओं और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली।

इस दौरान राजवाड़े ने मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत संचालित बाल गृह और बाल सम्प्रेषण गृह का भी निरीक्षण कर बच्चों से बातचीत कर स्वास्थ्य, पोषण और समग्र देखरेख की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित स्टाफ को संस्थाओं के संचालन को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। नारी निकेतन गृह के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने वहाँ निवासरत अंतःवासिनियों से एकांत में भेंट कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली और उनके शीघ्र समाधान हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आंगनबाड़ियों की व्यवस्था और कुपोषण उन्मूलन पर ध्यान दें अधिकारी: मंत्री राजवाड़े

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रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े आज दंतेवाड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा की। मंत्री राजवाड़े ने विभागीय अधिकारियों की आंगनबाड़ियों के संचालन, वहां की व्यवस्था के साथ-साथ कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
 
मंत्री राजवाड़े ने कहा कि कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम विभाग की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए बच्चों, महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के पोषण और स्वास्थ्य के प्रति विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगामी छह माह के भीतर पोषण स्तर में ठोस सुधार लाने हेतु विशेष अभियान संचालित करने, हितग्राहियों के घर-घर जाकर भेंट करने तथा पर्यवेक्षकों द्वारा नियमित एवं सघन निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मंत्री राजवाड़े ने विभागीय योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार तथा इसका लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जन-जागरूकता का कार्यक्रम लगातार संचालित किया जाना चाहिए। उन्होंने मरम्मत योग्य आंगनबाड़ी केन्द्रों की सूची तैयार जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि मरम्मत कार्य प्राथमिकता से कराए जा सकें। राजवाड़े ने कहा कि आगामी छह माह पश्चात वह पुनः दंतेवाड़ा जिले का आकस्मिक दौरा कर विभागीय योजनाओं की जमीन हकीकत का मुआयना करेंगी। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान विधायक चैतराम अटामी, जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविंद कुंजाम, नगर पालिका अध्यक्ष पायल गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक पदुम सिंह एल्मा, अपर कलेक्टर राजेश पात्रे, एसडीएम मूलचंद चोपड़ा, जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश सहित सभी परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।

माँ का दूध अमृत है, हर नवजात को मिले जीवन की यह पहली सुरक्षा” : मंत्री भूरिया

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भोपाल : विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। एक अगस्त से प्रारंभ हो रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और सभी नागरिकों का आहवान किया है कि बच्चे को जन्म के पहले घंटे में माँ का दूध और छह माह तक केवल माँ का दूध देना अत्यंत आवश्यक है। इस संदेश को घर-घर, गाँव-गाँव पहुँचाएं और माताओं को सही समय पर सही जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाएं।

मंत्री भूरिया ने कहा कि माँ का दूध नवजात के लिए अमृत है। उन्होंने कहा कि स्तनपान नवजात शिशु के जीवन की सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य की पहली एवं सबसे महत्वपूर्ण नींव है। पहला गाढ़ा दूध (कोलोस्ट्रम) शिशु को न केवल संक्रमण से बचाता है बल्कि उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। साथ ही माँ और शिशु के बीच पहले रिश्ते को भी सुदृढ़ बनाता है। उन्होंने चिंता जताई कि आज भी कई क्षेत्रों में परंपरागत भ्रांतियों के कारण नवजात को शहद, घुट्टी या पानी दिया जाता है, जो बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता समाज में पोषण और स्वास्थ्य परिवर्तन की है अग्रदूत

महिला बाल विकास मंत्री भूरिया ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता केवल सेविका नहीं, बल्कि समाज में पोषण और स्वास्थ्य परिवर्तन की अग्रदूत हैं। वे माताओं की भरोसेमंद मार्गदर्शक हैं और उनके प्रयासों से ही संभव हो पाएगा कि हर माँ को स्तनपान के महत्व की जानकारी और परिवार का सहयोग प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य केवल महिला की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज का सामूहिक दायित्व है। इस विश्व स्तनपान सप्ताह में यह आवश्यक है कि हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नवजात माँ के दूध से वंचित न रहे।

मंत्रालय में 1 अगस्त को होगा राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान

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भोपाल : मंत्रालय स्थित वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्रगीत "वन्देमातरम" एवं राष्ट्रगान "जन गण मन" का गायन 1 अगस्त को प्रात: 10:15  बजे किया जाएगा। वर्षा होने की स्थिति में उक्त गायन मंत्रालय क्रमांक-1 स्थित पांचवी मंजिल कक्ष क्रमांक 506 में होगा। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस पर राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान का आयोजन पटेल पार्क में किया जाता है।

निर्माणाधीन कार्यों को समय से पूर्ण करें और शीघ्र सेवा प्रदाय करें : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

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भोपाल : उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विषयों पर समन्वय और समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आमजन को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, इसके लिए निर्माणाधीन कार्यों को समय से पूर्ण करें और इन पूर्ण कार्यों से शीघ्र सेवा प्रदाय की जाए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने गुरूवार को विभागीय अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य संस्थानों के उन्नयन सहित विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों की वृहद समीक्षा की। बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त स्वास्थ्य तरुण राठी, संचालक प्रोजेक्ट नीरज कुमार सिंह एवं एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्वास्थ्य संस्थानों के उन्नयन प्रस्तावों की वृहद समीक्षा की। बताया गया कि एनएचएम के 3 विकास के 179, भवन के 81, स्थापना के 72 और अस्पताल प्रशासन के 34 कुल यानि 369 प्रस्तावों में से 198 का परीक्षण किया जा चुका है और इनमें से 113 प्रस्ताव उपयुक्त पाए गए हैं। एसएचसी के 51, पीएचसी के 12, सीएचसी के 9 उन्नयन प्रस्ताव सहित एसएचसी के 37 नवीन प्रस्ताव तथा जिला अस्पताल के 3 प्रस्ताव शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शेष प्रस्तावों के शीघ्र परीक्षण एवं पात्र प्रस्तावों में अग्रिम कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत प्रक्रियाधीन कार्यों को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए, जिससे राशि का समय से उपयोग सुनिश्चित कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने बांड पोस्टिंग चिकित्सकों की कार्यस्थल में उपलब्धता की जानकारी प्राप्त की और विधिवत सेवा प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं सहायक चिकित्सक की लोक सेवा आयोग और ईएसबी के माध्यम से की जा रही भर्ती प्रक्रिया की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अक्टूबर 2025 तक प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त औपचारिकताओं को समय से पूर्ण किया जाये और भर्ती प्रक्रिया की वरिष्ठ अधिकारी सतत निगरानी करें।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने ऐसे चिकित्सकीय संस्थानों जहाँ एमआरआई, सीटी मशीने उपलब्ध हैं परंतु टेक्निशियन के अभाव में संचालन नहीं हो पा रहा है की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने तक सेवाओं के प्रदाय के लिए आउटसोर्स के माध्यम से टेक्नीशियन की व्यवस्था करने की कार्यवाही की जाये जिससे नागरिकों को सेवाएं शीघ्र प्राप्त हों और उपकरणों का सदुपयोग हो सके।

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