Wednesday, August 6, 2025
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हाईवे पर किन लोगों के नहीं देना पड़ता टोल टैक्स? जानें एम्बुलेंस को लेकर क्या है नियम?

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नई दिल्ली: भारतभर में लाखों लोग नेशनल हाई वे से गुजरते हैं. इन नेशनल हाईवे पर सफर करने के लिए उन्हें टोल टैक्स देना होता है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के टोल इर्न्फोमेशन सिस्टम के रिकॉर्ड के मुताबिक कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश में कुल 1057 नेशनल हाईवे हैं.

ऐसे में चाहे आप कार, जीप या वैन जैसी नॉन कमर्शियल गाड़ियों से नेशनल हाईवे पर सफर करें या फिर कमर्शियल गाड़ियों जैसे टैक्सी, कैब, बस और ट्रक से. सभी गाड़ियों के लिए आपको टोल टैक्स देना होता है. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी जिनको टोल टैक्स से छूट दी गई है.

NHAI के मुताबिक टोल टैक्स से सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों और सर्विस के लिए छूट दी जाती है. इसमें इमरहजेंसी सर्विस से जुड़े वाहन से लेकर कुछ खास पदों पर बैठे शख्स शामिल हैं. तो चलिए अब आपको विस्तार से बताते हैं NHAI किन लोगों को टोल टैक्स में छूट देता है.

देश के अहम पदों पर बैठे अधिकारियों को छूट
भारत सरकार ने संविधान के अंतर्गत कुछ विशेष पदों पर आसीन लोगों को टोल टैक्स से छूट प्रदान की है. हालांकि, उन्हें यह छूट सिर्फ आधिकारिक यात्राओं के दौरान दी जाती है. इन लोगों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज शामिल हैं.

सांसद और विधायक भी छूटे के पात्र
देश के अहम पदों पर आसीन लोगों के अलावा सांसद और विधायकों को भी टोल टैक्स से छूट दी जाती है. खासकर तब जब वे अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के लिए यात्रा कर रहे हों.

इमरजेंसी वाहनों को छूट
NHAI आपात स्थिति में एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे वाहनों को टोल टैक्स से छूट देता है. दरअसल, इन वाहनों को बिना किसी अड़चन के तेजी से अपनी मंज़िल तक पहुंचना होता है. ऐसे में यह टोल प्लाजा पर टैक्स का पेमेंट करने के लिए नहीं रुकते.

पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए क्या है नियम?
NHAI के अनुसार सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है. हालांकि, यह छूट तभी मिलती है, जब वे वर्दी में हों. अगर सुरक्षाकर्मी अपनी वर्दी में नहीं है तो उसे टोल टैक्स देना होगा.

दिव्यांगज नागरिकों को छूट
भारत सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए भी टोल टैक्स में छूट दी है. हालांकि, उसके लिए उनके पास वैध विकलांगता प्रमाण पत्र होना चाहिए. यह सुविधा उनको इसलिए दी जाती है ताकि वह सहज और सुलभ तरीके से यात्रा कर सकें.

वॉन का बड़ा बयान: स्टोक्स की गैरहाज़िरी में इस स्टार को मिलनी चाहिए इंग्लैंड की कमान

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नई दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला लंदन के ओवल में जारी है। पांचवें दिन इंग्लिश टीम को जीत के लिए 35 रन की जरूरत है, जबकि भारत को जीत के लिए चार विकेट चाहिए। टीम इंडिया ने इंग्लैंड के सामने 374 रन का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में छह विकेट गंवाकर 339 रन बना लिए हैं। इस मैच में नियमित कप्तान बेन स्टोक्स नहीं खेल रहे थे। उनकी जगह ओली पोप कप्तानी कर रहे थे। हालांकि, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि स्टोक्स की गैरमौजूदगी में पोप को नहीं, बल्कि हैरी ब्रुक को कप्तानी सौंपनी चाहिए। 

ब्रुक ने रविवार को बैजबॉल की झलक दिखलाई और सिराज द्वारा जीवनदान दिए जाने के बाद 98 गेंद में 111 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। उन्होंने अनी पारी में 14 चौके और दो छक्के लगाए। ब्रुक ने जो रूट के साथ चौथे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी निभाई और भारत की पकड़ से मैच को दूर ले गए। ब्रुक जब 19 रन पर थे, तो सिराज से उनका कैच छूट गया था। सिराज कैच लेकर बाउंड्री लाइन से टकरा गए थे। इस जीवनदान को ब्रुक ने अच्छे से भुनाया और टेस्ट करियर का 10वां शतक जड़ा। इसके बाद ही वॉन ने उन्हें स्टोक्स की गैरमौजूदगी में कप्तानी सौंपने की मांग की है। 

वहीं, दूसरी तरफ ओली पोप इस सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए। आखिरी टेस्ट में उन्होंने 22 और 27 रन की पारी खेली। इस सीरीज में उन्होंने नौ पारियों में 34 की औसत से 306 रन बनाए। इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि मैदान पर हैरी ब्रुक की मौजूदगी अच्छी नेतृत्व क्षमता का भाव देती है और बेन स्टोक्स के बाद उन्हें कमान सौंपी जानी चाहिए। बतौर कप्तान 51 में से 26 टेस्ट जीतने वाले वॉन का मानना है कि ओली पोप शानदार उपकप्तान हैं, लेकिन स्टोक्स के संन्यास के बाद ब्रुक को कप्तानी सौंपी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हैरी ब्रुक में नेतृत्व क्षमता नैसर्गिक है। अगर भविष्य में बेन स्टोक्स चोटिल हैं और पोप उपकप्तान नहीं हैं तो ब्रुक कप्तान हो सकते हैं। ओली पोप अच्छे उपकप्तान हैं। कप्तान को देने के लिए उनके पास अच्छे सुझाव होते हैं, लेकिन कई बार उपकप्तान अच्छे कप्तान नहीं होते। मार्कस ट्रेस्कोथिक शानदार उपकप्तान थे, लेकिन मेरी नजर में कप्तान नहीं।'

इंग्लैंड की उम्मीद बना ‘एक हाथ वाला योद्धा’, वोक्स की जुझारू पारी बनी चर्चा का विषय

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भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया पांचवां टेस्ट मैच रोमांच के चरम पर खत्म हुआ है। भारत ने इंग्लैंड को 6 विकेट से हरा दिया। आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 18 रन चाहिए थे, जब इंग्लैंड के खिलाड़ी क्रिस वोक्स दसवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। मैच के बीच सबसे बड़ी चर्चा क्रिस वोक्स को लेकर रही। इसकी वजा यह थी कि उन्हें पहले दिन कंधे में चोट लगी थी। टीम के एक खिलाड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 'वोक्स जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं' और वो बल्लेबाजी करने भी आए। बेशक उन्होंने कोई रन नहीं बनाया और दूसरे छोर पर खड़े रहे लेकिन भागने में कोई कसर नहीं दिखाई और साथ बल्लेबाज एटकिंसन का पूरा साथ दिया। उनके हाथ में काफी दर्द बताया जा रहा था। वोक्स टीम के लिए योगदान बड़ा योगदान दिया इसके लिए उन्हें दर्द झेलना पड़ा। उनकी तुलना ऋषभ पंत से की गई क्योंकि वो भी चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी करने उतरे थे।

क्या हुआ वोक्स के हाथ को

पांचवें टेस्ट मैच में जब वोक्स बल्लेबाजी करने उतरे तो उन्हें देख हर कोई हैरान था।पहले दिन फील्डिंग करते समय चोटिल हो गए। उनके कंधे में चोट लगी और उन्हें मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा। वो एक हाथ में प्लास्टर और एक हाथ में बल्ला लेकर मैदान में उतरे। यह बताया गया था कि 'वोक्स जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं।

कंधे की चोट क्या होती है?

कंधे की चोट का मतलब है कंधे की हड्डियों, मांसपेशियों, टेंडन यानी जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं, लिगामेंट्स जोकि हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतक हैं या जोड़ों में किसी तरह की चोट या नुकसान। चूंकि कंधा शरीर का सबसे ज्यादा हिलने-डुलने वाला जोड़ है, इसलिए इसमें चोट लगने की संभावना भी ज्यादा रहती है।

कंधे की चोट के प्रकार

डिसलोकेशन- जब ऊपरी भुजा की हड्डी कंधे के सॉकेट से बाहर निकल जाती है।
रोटेटर कफ की चोट- कंधे को स्थिर रखने वाली मांसपेशियों या टेंडन में चोट या सूजन आना।
फ्रैक्चर-कंधे की हड्डियों यानी कॉलरबोन, ऊपरी भुजा या शोल्डर ब्लेड का टूटना।
शोल्डर इम्पिंजमेंट- जब कंधे के अंदर टेंडन दब जाते हैं।
लिगामेंट स्प्रेन- कंधे के लिगामेंट्स का खिंच जाना या फटना।

कंधे की चोट के कारण

गिरना या अचानक चोट लगने से लग सकती है, जैसे खेलते समय या एक्सीडेंट में। वोक्स को फील्डिंग करते समय चोट लगी थी। कई बार बार-बार सिर के ऊपर से काम करना जैसे स्विमिंग, टेनिस, वजन उठाना आदि से भी लग सकती है। यह चोटें उम्र बढ़ने के साथ घिसावट लग सकती हैं।

कंधे की चोट के लक्षण

पीड़ित को हल्का से तेज दर्द, खासकर हाथ हिलाने पर दर्द और बेचनी महसूस हो सकती है। चोट वाली जगह पर सूजन और नीला पड़ सकता है, हाथ हिलाने में दिक्कत, हाथ उठाने या घुमाने में परेशानी हो सकती है। कंधे में ताकत की कमी महसूस हो सकती है।

कंधे की चोट का इलाज

एक्सपर्ट मानते हैं कि कंधे में चोट लगने पर आराम और बर्फ की सिकाई की जा सकती है। दर्द और सूजन कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाएं ली जा सकती है। कंधे की हरकत और ताकत वापस लाने के लिए फिजियोथेरेपी की हेल्प लें। कंधे को सपोर्ट देने के लिए स्लिंग या ब्रेस की हेल्प लें।

साइलेंट किलर है हाई बीपी: बिना लक्षणों के भी दे सकता है हार्ट अटैक, रहें सतर्क

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ट्रेवल करना बेशक मजेदार होता है लेकिन यह शरीर और दिमाग दोनों के लिए थका सकता है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है और यह कंट्रोल में नहीं है, तो ट्रेवल आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार बीपी के मरीज साथ में दवाएं नहीं रखते हैं, या फिर कहीं भी कुछ भी खा लेते हैं, इसके अलावा ट्रेवल की थकान आदि मिलकर मरीज की हालत को और बदतर बना सकते हैं। डॉ. प्रवीन काहले, कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई आपको बता रहे हैं कि ट्रेवल के दौरान हाई ब्लड प्रेशर को कैसे काबू रख सकते हैं।

यात्रा के समय बीपी कैसे कंट्रोल रखें

ट्रेवल करना बेशक मजेदार होता है लेकिन यह शरीर और दिमाग दोनों के लिए थका सकता है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है और यह कंट्रोल में नहीं है, तो ट्रेवल आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार बीपी के मरीज साथ में दवाएं नहीं रखते हैं, या फिर कहीं भी कुछ भी खा लेते हैं, इसके अलावा ट्रेवल की थकान आदि मिलकर मरीज की हालत को और बदतर बना सकते हैं। डॉ. प्रवीन काहले, कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई आपको बता रहे हैं कि ट्रेवल के दौरान हाई ब्लड प्रेशर को कैसे काबू रख सकते हैं।

दवा छोड़ने से बढ़ सकता है खतरा

ट्रेवल के दौरान ब्लड प्रेशर की दवा छोड़ना खतरनाक है। इससे बीपी अचानक बहुत बढ़ सकता है। इसका असर चक्कर आना, बेहोशी, गिरना और गंभीर मामलों में ब्रेन हेमरेज तक हो सकता है, खासतौर पर जब बीपी 200 mmHg से ऊपर चला जाए।

हवाई यात्रा में और बढ़ जाता है रिस्क

फ्लाइट में 6,000–8,000 फीट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इससे शरीर में तनाव बढ़ता है और बीपी ऊपर जा सकता है। अगर फ्लाइट में देरी या टर्ब्युलेंस जैसी स्थिति हो, तो खतरा और बढ़ जाता है।

क्यों जरूरी है हेल्थ चेकअप ?

हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण नहीं दिखते। कई बार जो लोग खुद को फिट समझते हैं, उनका बीपी बढ़ा हुआ निकलता है। इसलिए रूटीन हेल्थ चेकअप बहुत जरूरी हैं।

लाइफस्टाइल फैक्टर का असर

खान-पान, नींद और तनाव जैसे फैक्टर भी बीपी पर असर डालते हैं। यात्रा के दौरान ये चीजें गड़बड़ा जाती हैं, इसलिए पहले से मेडिकल प्लानिंग करना जरूरी है।

ट्रेवल करते समय इन बातों का रखें ध्यान

बीपी BP की दवा कभी मिस न करें। नियमित रूप से BP चेक करें। ट्रेवल के दौरान भी पर्याप्त पानी पिएं। बैलेंस्ड डाइट और नींद का ध्यान रखें।

इस बात का रखें ध्यान

ट्रेवल का मजा लें लेकिन अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें। समय पर दवा, चेकअप और सही जानकारी ही जटिलताओं से बचाव की कुंजी है।

DQ41 का शुभारंभ: दुलकर सलमान की नई फिल्म का हुआ ग्रैंड लॉन्च, नानी ने बढ़ाया स्टार पॉवर

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मुंबई : सीता रामम और लकी भास्कर जैसी तेलुगु फिल्मों से दर्शकों का दिल जीत चुके दुलकर सलमान ने आज सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी आगामी फिल्म 'डीक्यू41' की घोषणा की है। उन्होंने शुभारंभ की कई शानदार तस्वीरें शेयर कीं। इस लॉन्च पर साउथ नेचुरल स्टार नानी भी नजर आए। 

दुलकर सलमान का पोस्ट

आज हैदराबाद में एक बड़े लॉन्च इवेंट में दुलकर सलमान की नई फिल्म 'डीक्यू41' की घोषणा की गई। इस मौके पर साउथ स्टार नानी, जो दुलकर के अच्छे दोस्त हैं, उन्होंने शुभ मुहूर्त शॉट के लिए क्लैपबोर्ड बजाया। निर्माताओं ने इंस्टाग्राम पर इस इवेंट की तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें दुलकर और नानी नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि यह फिल्म एक दिल को छूने वाली प्रेम कहानी है, जिसका पूजा समारोह भव्य रूप से हुआ। इन शानदार तस्वीरों के साथ कैप्शन में लिखा, 'बहुप्रतीक्षित DQ41 – एक दिल को छू लेने वाली समकालीन प्रेम कहानी – एक पूजा समारोह के साथ भव्य रूप से लॉन्च हुई।'

फिल्म का शुभारंभ

निर्देशक बुची बाबू सना ने कैमरा शुरू किया, जबकि नानी, गुन्नम संदीप और राम्या गुन्नम ने स्क्रिप्ट सौंपी। पहला शॉट रवि नेलाकुदिति ने खुद डायरेक्ट किया। इस मौके पर निर्देशक श्रीकांत ओडेला भी मौजूद थे। फिल्म की शूटिंग आज से शुरू हो चुकी है। सिनेमैटोग्राफी अनय ओम गोस्वामी करेंगे, संगीत जीवी प्रकाश कुमार देंगे और प्रोडक्शन डिजाइन अविनाश कोल्ला का होगा। यह फिल्म पूरे भारत में रिलीज होगी।
 
डीक्यू41 के बारे में

दुलकर सलमान, जो अपनी शानदार फिल्मों के चयन के लिए मशहूर हैं, अब अपनी 41वीं फिल्म में काम कर रहे हैं। यह एक समकालीन प्रेम कहानी है। इस फिल्म का निर्देशन नए निर्देशक रवि नेलाकुदिति कर रहे हैं और इसे दशहरा के निर्माता सुधाकर चेरुकुरी अपने एसएलवी सिनेमाज बैनर तले बना रहे हैं। यह प्रोडक्शन हाउस की 10वीं फिल्म (SLV10) है।

अवार्ड तो मिला पर दिल नहीं जीता! उर्वशी का जूरी पर हमला, पूछा- ‘इतने साल बाद क्यों?’

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मुंबई : शुक्रवार को नेशनल अवॉर्ड के विजेताओं की घोषणा हुई, जिसमें साउथ अभिनेत्री उर्वशी को मलयालम फिल्म 'उल्लुझुकु' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला। अब एक्ट्रेस ने अवॉर्ड जीतने के बाद एक इंटरव्यू में नेशनल अवॉर्ड के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं अभिनेत्री ने क्या कहा। 

अभिनेत्री उर्वशी ने जूरी पर उठाए सवाल

हाल ही में साउथ अभिनेत्री उर्वशी ने मनोरमा न्यूज से बातचीत की और उन्होंने खुद को नेशनल अवॉर्ड के लिए सपोर्टिंग एक्ट्रेस की श्रेणी में शामिल किए जाने पर सवाल किया है। उन्होंने कहा, ‘क्या अभिनय का कोई मानक होता है? या फिर ऐसा है कि एक निश्चित उम्र के बाद आपको बस यही मिलेगा?’ इसके साथ ही एक्ट्रेस ने सवाल किया, ‘यह पेंशन राशि नहीं है जिसे चुपचाप स्वीकार कर लिया जाए। ये फैसले कैसे लिए जाते हैं? किन मानदंडों का पालन किया जाता है?’ आपको बताते चलें कि अभिनेत्री बेस्ट एक्ट्रेस की दौड़ में भी शामिल थीं। सवाल उठाने के पीछे ये भी कारण हो सकता है। 

उल्लुझुकु फिल्म के बारे में 

अभिनेत्री उर्वशी को 'उल्लुझुकु' फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस इन ए सर्पोटिंग रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला है। इसके अलावा आपको बताते चलें कि इस फिल्म को मलयालम भाषा में बेस्ट फीचर फिल्म के लिए भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। 'उल्लुझुकु' का निर्देशन क्रिस्टो टॉमी ने किया है। इस फिल्म में उर्वशी और पार्वती थिरुवोथु अहम भूमिकाओं में हैं। वहीं इसमें अर्जुन राधाकृष्णन, एलेन्सियर ले लोपेज, प्रशांत मुरली और जया कुरुप जैसे कलाकार भी नजर आएं हैं। 

इससे पहले भी जूरी के फैसले पर उठाए गए सवाल

'द केरल स्टोरी' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड दिए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं और जूरी के फैसले पर आपत्ति जताई जा रही है।

राज्य में जल्द होगी नई शिक्षक बहाली, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए 5,000 नये शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी। विद्यालय भवनों के रखरखाव के लिए 133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। साथ ही छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की संख्या कम
सीएम विष्णु देव साय राजधानी में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते ही प्राथमिकता रही कि विभाग को गहराई से समझते हुए सुधार की ठोस पहल की जाए। सबसे पहले एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें पाया गया कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद वितरण असमान है।

ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक अपेक्षाकृत कम हैं। जबकि, शहरी क्षेत्रों में शिक्षक अधिक संख्या में पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।

बंद पड़े विद्यालय पुनः प्रारंभ किए गए
इसके परिणामस्वरूप वर्तमान में कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। इस प्रभाव का विस्तार इतना व्यापक रहा कि इरकभट्टी जैसे गांवों में वर्षों से बंद पड़े विद्यालय पुनः प्रारंभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में लागू किया गया है। राज्य में इसे तत्परता से अपनाया गया है।

शाहिद कपूर की ‘रोमियो’ में तमन्ना भाटिया का धमाकेदार एंट्री, अपराध-थ्रिलर में नया ट्विस्ट

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मुंबई : शाहिद कपूर अपनी अपकमिंग फिल्म 'रोमियो' को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म का निर्देशन विशाल भारद्वाज कर रहे हैं। फिल्म को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। इस फिल्म के साथ अब तमन्ना भाटिया का नाम जुड़ गया है। अभिनेत्री इसमें अहम किरदार निभा सकती हैं।

तमन्ना निभाएंगी अहम किरदार

इंडिया टुडे के मुताबिक एक्शन-थ्रिलर फिल्म में तमन्ना भाटिया अहम किरदार निभाएंगी। बताया जाता है कि यह फिल्म इसी साल रिलीज हो सकती है। इससे पहले खबरें थीं कि फिल्म में शाहिद कपूर के साथ तृप्ती डिमरी होंगी। अब इस फिल्म से तमन्ना का भी नाम जुड़ गया है। 

पहली बार साथ काम कर रहे शाहिद और तृप्ति

यह पहला मौका है जब शाहिद कपूर तृप्ति डिमरी के साथ किसी फिल्म में काम करेंगे। दोनों एक दूसरे के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं। वहीं दूसरी तरफ दावा है कि तमन्ना भाटिया ने इस फिल्म में अपने हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है। फिल्म अपने आखिरी चरण में है।

दिशा पाटनी होंगी फिल्म का हिस्सा

बताया जाता है कि यह फिल्म विशाल भारद्वाज की अब तक की सबसे बड़ी कमर्शियल फिल्म है। फिल्म में शाहिद ऐसा किरदार निभा रहे हैं जिनके कई रंग हैं। दिशा पाटनी भी इस फिल्म का हिस्सा होंगी। विशाल भारद्वाज '7 खून माफ', 'हैदर', 'कमीने' 'पटाखा' और 'खुफिया' जैसी फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला है।

फिल्म की रिलीज डेट सामने आई

फिल्म 'रोमियो' का नाम पहले 'अर्जुन उस्तरा' था। बताया यह भी जाता है कि रिलीज से पहले फिल्म का जोर-शोर से प्रचार किया जाएगा। फिल्म का पोस्टर सितंबर के अंत तक आएगा। इसके बाद टीजर, फिर ट्रेलर। फिल्म 5 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

राजस्थान CM के चार्टर की गलत लैंडिंग, दोनों पायलट ड्यूटी से हटाए गए

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राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। चार दिन पहले सीएम दिल्ली से फलोदी के लिए फाल्कन-2000 चार्टर विमान से रवाना हुए थे। उस समय विमान को फलोदी एयरफोर्स स्टेशन पर उतरना था, लेकिन वह गलती से शहर की सिविल एयर स्ट्रिप पर उतर गया। यह मामला 31 जुलाई की दोपहर 1:18 बजे का है। इसे लेकर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जांच शुरू कर दी है।

वहीं, चार्टर प्लेन संचालन कंपनी ने रिपोर्ट में बताया कि दोनों एयर स्ट्रिप की स्थिति एक जैसी है, इसलिए भ्रम हुआ था। कंपनी की रिपोर्ट के बाद DGCA ने फिलहाल दोनों पायलट को उड़ान ड्यूटी से हटा दिया है।
 
दरअसल, चार दिन पहले सीएम दिल्ली से फलोदी के लिए फाल्कन-2000 चार्टर विमान से रवाना हुए थे। हालांकि पायलटों को चूक का एहसास हुआ। उन्होंने तुरंत विमान को फिर से उड़ाया और करीब पांच किमी दूर स्थित फलोदी वायुसेना स्टेशन पर उतारा। यहां से सीएम हेलिकॉप्टर से रामदेवरा पहुंचे थे। फिर इसी विमान से जयपुर लौटे थे।

वंदे भारत स्लीपर और बुलेट ट्रेन पर आई बड़ी खबर, यात्रियों को मिलेगा नया अनुभव

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ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को अब जल्द वंदे भारत स्लीपर और बुलेट ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। इसको लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पूरी डिटेल दी है। ये ट्रेनें कब पटरी पर तेज रफ्तार से दौड़ेंगी, इस पर रेल मंत्री ने बताया है कि रेलवे इसे फाइनल टच देने जा रहा है। क्योंकि काफी दिनों से दोनों ही ट्रेनों का यात्री बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें, पटरियों पर पहले से ही वंदे भारत दौड़ रही है, जिससे लोगों का सफर भी आसान हो गया है। अब इन दोनों ट्रेनों पर लेटेस्ट अपडेट चलिए जान लेते हैं। वंदे भारत स्लीपर मुंबई और अहमदाबाद के बीच रन करेगी। वहीं, रेल मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन भी अपनी सेवा बहुत जल्द शुरू करने वाली है।

कब से शुरू होंगी दोनों ट्रेनें
रेल मंत्री ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लेकर अपडेट दिया है कि ये कुछ दिन में शुरू हो जाएगी। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सितंबर में शुरू हो जाएगी। इसके अलावा वंदे भारत, नमो भारत, अमृत भारत और इन सब के बीच आने वाली वंदे स्लीपर रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में जरूरी भूमिका निभाएंगी। रेल मंत्री ने बताया कि मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली बुलेट ट्रेन बहुत जल्द शुरू हो जाएगी। इस पर तेजी के साथ काम हो रहा है। इसके शुरू होने पर ट्रेवल टाइम में बहुत कमी आएगी।

क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं ?
फिलहाल, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का कोई रूट फाइनल नहीं है। इसके बारे में आखिरी फैसला रेलवे बोर्ड की तरफ से लिया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में आपको फोन, लैपटॉप या कोई भी उपकरण चार्ज करने की सुविधा मिल जाएगी। इसके साथ रीडिंग लाइट (आप कहीं पर इसको रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं), विजुअल इंर्फोमेशन सिस्टम, इंटरनल डिस्प्ले पैनल (इससे आपको बेहतर स्क्रीन क्वालिटी मिलेगी) और सेफ्टी के लिए कैमरे, मॉड्यूलर पैंट्री (रसोई की सारी चीजें आराम से मैनेज हो जाती हैं) और दिव्यांग लोगों के लिए स्पेशल बर्थ और टॉयलेट शामिल हैं। इसके अलावा जिसका रिजर्वेशन फर्स्ट क्लास एसी कोच में है, उसके लिए गर्म पानी मिलेगा। इसके साथ ही शॉवर की सुविधा रहेगी। ये सारी सुविधाएं सुनकर तो हर कोई इसका वेट कर रहा है।

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