Wednesday, August 13, 2025
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मौत के वक्त इन चीजों का साथ दिलाता है स्वर्ग में वास

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मृतक की आत्‍मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण करना बहुत अहम होता है। इससे पूर्वजों को स्‍वर्ग मिलता है. लेकिन कुछ चीजें इतनी शुभ मानी गई हैं कि मरते समय ये पास हों तो भी स्‍वर्ग मिलता है।

गरुड़ पुराण में इन चीजों को बहुत शुभ माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार यदि मृत्‍यु के समय ये चीजें पास में हों तो श्राद्ध कर्म की भी जरूरत नहीं होती है। ये चीजें मृतक के लिए स्‍वर्ग का रास्‍ता खोलती हैं आइए जानते हैं वो कौनसी चीजें हैं, जिनका मरते समय पास में होना बहुत शुभ माना गया है।

तुलसी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि मरते समय व्‍यक्ति के आसपास तुलसी का पौधा हो तो या उसके मुंह माथे पर तुलसी के पत्‍ते-मंजरियां रख दी जाएं तो मृतक कभी यमलोक नहीं जाता है। उसके लिए स्‍वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।

गंगाजल- हिंदू धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र माना गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार जब व्‍यक्ति की मृत्‍यु करीब हो तो उसके मुंह में गंगाजल जरूर डाल देना चाहिए. ऐसा करने से उसके पाप नष्‍ट होते हैं वह सीधे स्‍वर्ग जाता है। मान्‍यता है कि गंगा में अस्थि‍यां विसर्जित करने से भी मृतक को स्‍वर्ग मिलता है। जब‍ तक अस्थियां गंगा में रहती हैं व्‍यक्ति स्‍वर्ग के सुख भोगता है।

कुश- कुश को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना गया है. पूजा-पाठ में कुश का उपयोग प्रमुखता से होता है। मान्‍यता है कि कुश की उत्‍पत्ति भगवान विष्‍णु के रोम से हुई है। मरणासन्‍न व्‍यक्ति को कुश के आसन पर लिटाने से उसे बिना श्राद्ध के भी स्‍वर्ग में स्‍थान मिल जाता है।

तिल- तिल का श्राद्ध पक्ष में विशेष महत्‍व होता है। पितरों को काली तिल मिले जल से तर्पण किया जाता है। इसलिए मरणासन्‍न व्‍यक्ति से काली तिल का दान करवा दिया जाए तो उस व्‍यक्ति से असुर, दैत्‍य, दानव हमेशा दूर रहते हैं। साथ ही मरने वाले व्‍यक्ति के सिरहाने काली तिल रख देना चाहिए।

ध्वनि का प्राणी शरीर पर प्रभाव  

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यह जानकर खुश होगें की ध्वनि का प्रभाव प्रत्येक जीव के शरीर पर पड़ता है। वर्तमान औधोगिकी करण और तकनीकि से ध्वनि प्रदूषण अधिक मात्रा में बढ़ रहा है। इस ध्वनि प्रदूषण के परिणाम देखते हुये नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. राबर्ट कॉक ने सन् 1925-26 में एक बात कही थी एक दिन ऐसा आयेगा, जब पूरे विश्व में स्वस्थ्य का सबसे बड़ा शत्रु ध्वनि प्रदूषण होगा। यह ध्वनि प्रदुषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। मानव का मन, मस्तिष्क और शरीर बहुत संवेदन शील हैं। यह ध्वनि तरगों के प्रति भी बेहद संवेदन शील है। जैसे जब कोई संगीत सहित, गीत गाता है,या वाद्य बजाता है तो मन अपने आप उस पर केन्द्रित हो जाता है उसे सुनते ही अंग-अंग थिरकने लगता है, मन प्रसन्रता से भर जाता है, शरीर में आनंद की लहर छा जाती है। इसके विपरीत कानो को अप्रिय लगने वाली तेज ध्वनि सुनाई देती है तब मानव को शारीरिक और मानसिक दोनो तरह की परेशानी होती है। जिससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है एवं स्वस्थ्य खराब हो जाता है। वह बहरा और पागल भी हो सकता है।  
डेसी बल ध्वनि की तीब्रता नापने की इकाई है। इसका अविष्कार ‘ग्राहमबेल’ बैज्ञानिक ने किया था। आधुनिक वैज्ञानिकों का कहना है कि 150 डेसीबल की ध्वनि बहरा भी बना सकती है। 160 डेसीबल की ध्वनि त्वचा जला देती है। 180 डेसीबल की ध्वनि मौत की नींद सुला सकती है। 120 डेसीबल की ध्वनि ह्रदयगति बढ़ना प्रारंभ हो जाती है। जिससे ह्रदय रोग एवं उच्च रक्त चाप की बीमारी जन्म लेती है। हर मानव को 60 डेसीबल तक की ध्वनि वाले वातावरण में रहना चाहिए प्रदूषण की श्रेणी में 75 डेसीबल से अधिक की ध्वनि शोर आता है। ध्वनि प्रदुषण से आंखों की पुतली का मध्य छिद्र फैल जाता है, आमाशय और ऑतों पर घातक प्रभाव से पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। इससे शरीर की प्रति रोधी क्षमता घट जाती है, ग्रनथियों से हार्मोन्स का श्राव अनियमित हो जाता है, स्नायु खिच जाते है, शरीर में थकान, मानसि तनाव, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती अत: हमें तेज ध्वनि से बचना चाहिए। 
 

राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (23 सितम्बर 2022)

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  • मेष राशि :- व्यवसायिक क्षमता में वृद्धि, किसी शुभ समाचार के मिलने का योग बन जाएगा।
  • वृष राशि – आकस्मिक बेचैनी, स्वभागव में खिन्नता, थकावट, असमंजस की स्थिति बन जाएगी।
  • मिथुन राशि – बेचैनी से स्वभाव में खिन्नता मन भ्रमित, मान प्रतिष्ठा में अपमान, कमी होवे।
  • कर्क राशि – दैनिक कार्य वृद्धि में सुधार एवं योजनाएं फलीभूत होगी, कार्य बने, ध्यान रखे।
  • सिंह राशि – विसंगति से हानि, आशानुकूल सफलता से हर्ष, बिगड़े काम बन ही जाएगे।
  • कन्या राशि – स्त्री वर्ग से हर्ष, उल्लास, सामाजिक कार्यों में मान-प्रतिष्ठा, नवीन हावेगी ध्यान  दें।
  • तुला राशि – मान प्रतिष्ठा पर आंच आने का डर, विवादग्रस्त होने से बचिए, ध्यान रखें।
  • वृश्चिक राशि – सामाजिक कार्यों में प्रभुत्व वृद्धि, संवृद्धि संवर्धन के योग बनेंगे, कार्य करें।
  • धनु राशि – शुभ समाचार से संतोष, दैनिक कार्य गति अनुकूल, मनोकामना पूर्ण होगी, ध्यान दें।
  • मकर राशि – विघटनकारी तत्व परेशान करें, अचानक यात्रा के प्रसंग अवश्य ही बनेंगे।
  • कुंभ राशि – स्वभाव में खिन्नता, मानसिक बेचैनी परिश्रम से व्यवस्था अनुकूल बनेगी।
  • मीन राशि – समृद्धि के साधन जुटाए, अधिकारियें का समर्थन फलप्रद होवे, कार्य बनेंगे।
     

आस्ट्रेलिया के दल ने किया इंदौर बिजली कंपनी का दौरा

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भोपाल : न्यू साउथ वेल्स ऑस्ट्रेलिया का दल मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुख्यालय पहुँचा। न्यू साउथ वेल्स एंडएवर एनर्जी संस्था के दो सदस्यी दल में श्री कैनेथ लैम और श्री हाइडेन वेन हेमंड शामिल थे। दल ने पोलोग्राउंड इंदौर स्थित स्काडा कंट्रोल रूम में देखा कि किस तरह इंदौर शहर की 33 केवी लाइनों से बिजली की आपूर्ति को स्क्रीन पर देखा जा सकता है। दल ने जीआईएस के बिजली क्षेत्र में हो रहे प्रयोग और डाटा सेंटर पहुँच कर भी जानकारी ली। सिटी कंट्रोल रूम में जाकर ग्रिड व स्कॉडा संबंधी लाइव देखा। आस्ट्रेलिया का दल स्मार्ट मीटर कंट्रोल रूम पहुंचा और स्मार्ट मीटर लगाने, राजस्व संग्रहण व उपभोक्ता सुविधा विस्तार आदि के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
 

लाड़ली लक्ष्मी योजना से लिंगानुपात और लोगों की सोच में आया बदलाव : गृह मंत्री डॉ. मिश्रा

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भोपाल : गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान में आयोजित लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन में 47 बेटियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय संस्कृति को प्रतिपादित करते मंत्र "यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवता'' को लाड़ली लक्ष्मी योजना गढ़ कर साकार कर दिखाया है। योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं कि आज बालिकाओं के प्रति न केवल लोगों की सोच में बदलाव आया है, बल्कि लिंगानुपात में भी उत्तरोत्तर सुधार हुआ है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन में इंदौर प्रदेश में अव्वल नम्बर पर है। इंदौर में एक लाख 81 हजार बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिल रहा है।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन में कहा कि विभिन्न योजनाओं के लाभों से वंचित रह गये हितग्राहियों को पात्रता अनुसार लाभ प्रदान किया जायेगा। इन्हें केन्द्र और राज्य सरकार की 33 जन-कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर से 31 अक्टूबर (45 दिन) तक मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री श्री चौहान के मार्गदर्शन में चलाई जा रही योजनाओं से आम व्यक्ति की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान से प्रत्येक जरूरतमंद पात्र व्यक्ति को योजनाओं से लाभान्वित करने का संकल्प लिया गया है। अभियान में संकल्प पूर्ति के लिये घर-घर पहुँच कर लोगों से जानकारी लेकर लाभान्वित करने का महती कार्य किया जा रहा है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना का अनुसरण कर रहा है पूरा देश

जल-संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि आज पूरा देश मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना का अनुसरण कर रहा है। वर्ष 2007 से प्रारंभ हुई योजना से 43 लाख बालिकाएँ लाभान्वित हो रही हैं। गर्व की बात है कि अन्य क्षेत्रों की तरह लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन में भी लगभग पौने दो लाख बालिकाओं को योजना से लाभान्वित कर इंदौर नम्बर वन पर है। उन्होंने कहा कि हम सभी संकल्पित होकर मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान में शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुँचायेंगे।

लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन में 11 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण-पत्र, 25 परिवारों को एकल बेटी परिवार सम्मान, 13 बालिकाओं को जिमनास्टिक में राज्य स्तरीय गोल्ड मैडल, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ताईक्वांडो में मैडल, गोला फेंक में गोल्ड मैडल, एयरोबिक्स नेशनल प्लेयर गोल्ड मैडल, नेशनल कराते चैम्पियनशिप, ऑल इण्डिया कराते में गोल्ड मैडल, योगा में गोल्ड मैडल इत्यादि उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये सम्मान, 3 बालिकाओं को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का लाभ और 5 युवतियों को पिंक लायसेंस प्रदान किये गये। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ योगा का भी प्रदर्शन किया गया। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने योगा में अद्भुत प्रदर्शन के लिये 11 हजार रूपये का नगद पुरस्कार दिया।

विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया एवं श्री रमेश मेंदोला, इंदौर विकास प्राधिकरण के चेयरमेन श्री जयपाल सिंह चावड़ा, पूर्व विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री मधु वर्मा सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।
 

मुख्यमंत्री चौहान को पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज” भेंट की गई

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को लेखक और पत्रकार श्री कौशल किशोर चतुर्वेदी ने आज निवास पर “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज” पुस्तक भेंट की।

इस पुस्तक में मुख्यमंत्री श्री चौहान के व्यक्तित्व और कृतित्व पर श्री कौशल किशोर चतुर्वेदी द्वारा लिखे गए आलेख संकलित कर प्रकाशित किए गए हैं। लेखक श्री कौशल की धर्मपत्नी श्रीमती संध्या कौशल चतुर्वेदी, बेटी सुश्री प्रांजलि चतुर्वेदी, प्रकाशक श्री मनीष गुप्ता और श्रीमती दीपाली गुप्ता भी उपस्थित थीं।
 

मुख्यमंत्री चौहान ने कबाड़ी वाला संस्था के सदस्यों और लेखक चतुर्वेदी के साथ पौध-रोपण किया

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट पार्क में बादाम, गूलर और सप्तपर्णी के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ कबाड़ी वाला संस्था के सदस्यों ने भी पौध-रोपण किया। इस संस्था के 5 नगर में डेढ़ लाख से अधिक उपभोक्ता कबाड़ की सामग्री रीसायकल करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। भोपाल नगर निगम के साथ मिल कर मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटर भी संचालित किया जाता है। संस्था स्वच्छता के क्षेत्र में भी कार्य करती है। सामग्री को रीसायकल कर उसके प्रयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहन देने का कार्य किया जा रहा है। संस्था को हाल ही में नई दिल्ली में पुरस्कृत भी किया गया है। पौध-रोपण में द कबाड़ीवाला संस्था के सदस्यों श्री अनुराग असाटी, श्री कविंद्र रघुवंशी, श्री अमित चतुर्वेदी, श्री समीर कारपेंटर और सुश्री सोनिया नैन ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ इंदौर में कार्यरत सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े सदस्यों श्री मलय दीक्षित, श्रीमती प्रियंका दीक्षित, श्री गोपाल दीक्षित और श्रीमती मंजुला दीक्षित ने विवाह वर्षगाँठ पर पौध-रोपण किया। भोपाल के लेखक और पत्रकार श्री कौशल किशोर चतुर्वेदी ने भी परिजन और मित्र गण के साथ पौध-रोपण में हिस्सा लिया।

पौधों का महत्व

आज लगाया गया बादाम एक मेवा है। तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और श्वेत रंग के सुंगधित फूल लगते हैं। गूलर के फल अंजीर की तरह होते हैं, यह भी आयुर्वेद की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सप्तपर्णी का पौधा सदाबहार औषधीय वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में बहुत महत्व है। इस पौधे का उपयोग विभिन्न औषधियों के निर्माण में किया जाता है।

राज्यपाल पटेल ने विश्वरंग पुस्तक यात्रा का किया शुभारंभ

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भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने राजभवन से “विश्वरंग पुस्तक यात्रा” का आज झंडी दिखा कर शुभारम्भ किया। आजादी के अमृत महोत्सव पर आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित “विश्वरंग पुस्तक यात्रा” का उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के योगदान से जनमानस को परिचित कराना है।

बताया गया कि स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ही देश की संस्कृति और विरासत को विश्व के मानचित्र पर प्रस्तुत करने वाले रचनाकार, इतिहासकार और वैज्ञानिकों के योगदान को पहचान, यात्रा दिलाएगी। "विश्वरंग पुस्तक यात्रा" में कुल 11 यात्रा होंगी। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, चांसलर प्रो. श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी, कुलपति डॉ. ब्रह्मप्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, टैगोर विश्व कला और संस्कृति केन्द्र के निदेशक श्री विनय उपाध्याय भी उपस्थित थे।
 

कल लॉन्च होगा Tecno Pova Neo 5G का स्मार्टफोन 

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टेक्नो ने खुद घोषणा की है कि लेटेस्ट Tecno Pova Neo 5G स्मार्टफोन भारत में 23 सितंबर को लॉन्च होने के लिए तैयार है। हैंडसेट को 18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6000mAh बैटरी के साथ आने के लिए टीज किया है। इसके मीडियाटेक डाइमेंसिटी 810 चिप से लैस होने की भी पुष्टि की गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अपेक्षित कीमत और हैंडसेट के स्पेसिफिकेशन के बारे में जानकारी दी गई थी। कहा जा रहा है कि हैंडसेट में 6.5 इंच का AMOLED डिस्प्ले है। यह कथित तौर पर Android 12 पर बेस्ड HiOS UI पर काम करेगा।रिपोर्ट के अनुसार, Tecno Pova Neo 5G की भारत में कीमत 17,000 रुपये से 19,000 रुपये के बीच बताई गई है। फोन कथित तौर पर सप्पायर ब्लैक और स्प्रिंट ब्लू कलर ऑप्शन्स में आएगा। बता दें कि कंपनी ने ट्विटर के माध्यम से घोषणा की है कि Tecno Pova Neo 5G भारत में 23 सितंबर को डेब्यू करेगा।

Tecno Pova Neo 5G को 6nm MediaTek डाइमेंसिटी 810 चिपसेट से लैस होने की पुष्टि की गई है, जिसे 6000mAh की बैटरी और 18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ जोड़ा गया है।अपकमिंग टेक्नो स्मार्टफोन में 4GB रैम और 128GB ऑनबोर्ड स्टोरेज होने की बात कही गई है।ऑप्टिक्स के लिए, फोन में एलईडी फ्लैश के साथ 50-मेगापिक्सल का डुअल रियर कैमरा सेटअप हो सकता है। यह फ्रंट में 8-मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा भी स्पोर्ट कर सकता है।

नागपुर में बारिश के चलते अभ्यास नहीं कर सके भारत-ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन टी20 मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला नागपुर में 23 सितंबर को खेला जाएगा। इस मैच पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।शुक्रवार को भी बारिश के आसार हैं। इस यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मैच प्रभावित हो सकता है।नागपुर में बुधवार रात और गुरुवार सुबह जमकर बारिश हुई है। दोनों टीमें बुधवार को नागपुर पहुंची थी और उसे गुरुवार को अभ्यास करना था। खिलाड़ी होटल से स्टेडियम नहीं गए।उन्होंने होटल के जिम में ही पसीना बहाया। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता 45 हजार हैं और सारे टिकट बिक चुके हैं। अगर मैच नहीं होता है तो दर्शकों को पैसे वापस किए जाएंगे।ग्राउंड्समैन ने पिच को देखने के लिए गुरुवार दोपहर को कवर हटाए, लेकिन बूंदा बांदी के खतरे के कारण जल्द ही कवर फिर से डाल दिए गए। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन अधिकारियों के अनुसार, वे सुपर सॉपर चला रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई रिसाव न हो। यह स्टेडियम शहर से 20 किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है। यहां तीन साल में पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा।

 

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