Monday, July 28, 2025
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भगवान श्रीमहाकाल की सोमवार को तृतीय सवारी

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भोपाल : महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में तीसरे सोमवार 28 जुलाई को भगवान महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर मनमहेश के रूप में व गरूड़ रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने उज्जैन नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रौशन कुमार सिंह ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।

सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। भगवान महाकालेश्वर की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज के अलावा चलित रथ में एल.ई.डी. के माध्यम से सवारी मार्ग व उज्जैन के अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है।

तीसरी सवारी में बैण्ड की प्रस्तुति होगी

भगवान महाकालेश्वर नगर भ्रमण पर निकलने वाली सवारी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए प्रसंग (थीम) अनुसार 28 जुलाई 2025 को निकलने वाली तृतीय सवारी में विभिन्न बैण्ड की प्रस्तुतियाँ दी जाएगी। जिसमें पुलिस बैण्ड, बीएसएफ बैण्ड, स्काउट गाईड, सरस्वती शिशु मंदिर खाचरौद, सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर, इम्पीरियल स्कूल खाचरौद, गोपालकृष्ण बैण्ड व कृष्णा मालवा बैण्ड सम्मिलित होंगे।

जनजातीय कला पथक दल एवं लोक नृतक सहभागिता करेंगे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 4 जनजातीय कलाकारों के दल महाकालेश्वर भगवान की तीसरी सवारी में भी सहभागिता करेंगे। इन दलों में प्रतापसिंह डिण्डोरी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, सुपुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, सचिन चौधरी, जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य एवं संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियां सम्मिलित है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सकारात्मक सोच’ महिला समूह की पहल को प्रशंसनीय बताया

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भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में स्वच्छता आंदोलन में भोपाल की टीम ‘सकारात्मक सोच’ के स्वच्छता अभियान में किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 से शुरू किया गया  स्वच्छता आंदोलन महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है। अब इसका असर देश के अनेक शहरों में दिखाई पड़ रहा है। मध्यप्रदेश में स्वच्छता आंदोलन ने अनेक शहरों की तस्वीर बदली है, इनमें से राजधानी भोपाल भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "सकारात्मक सोच" टीम की बहनों के परिश्रम को बधाई दी है और आव्हान किया कि समाज के सभी वर्ग इस सकारात्मक सोच में अपनी सहभागिता करेंगे।

भोपाल टीम ‘सकारात्मक सोच’

प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल की टीम ‘सकारात्मक सोच’ के प्रयासों को उल्लेख किया। ‘सकारात्मक सोच’ टीम की शुरूआत 2 महिलाओं के साथ की गई थी। आज इस टीम से 200 महिलाएं जुड़ गयी हैं। टीम का ध्येय वाक्य ‘डिस्पोजल का बहिष्कार और कचरा मुक्त पृथ्वी का सपना’ है। टीम ने अपनी शुरूआत 25 बर्तन बैंक से की। इसका उद्देश्य था प्लास्टिक को अलविदा कहा जा सके। समूह की महिलाओं ने हजारों कपड़े के थैले मंदिरों और सब्जी मंडियों में निशुल्क बाटें और लोगों में प्लास्टिक का उपयोग न करने के प्रति जागरूकता पैदा की। भोपाल टीम ने 17 पार्कों में श्रमदान किया, जहां कभी कचरे के ढेर हुआ करते थे और आज वहां हरियाली से बागीचे चमन हो गये हैं। भोपाल टीम स्वच्छता की अलख जगाने के लिये दिन-प्रतिदिन नये साथियों से मजबूत हो रही है। टीम ने अनेक जगह नर्सरी और मिनी फॉरेस्ट बनाकर समाज को आस-पास कचरे को कम करने के लिये नया मार्ग दिखाया है। भोपाल टीम में बच्चों को भी जोड़ा गया है उन्हें स्वच्छता दूत बनाकर समाज में स्वच्छता के प्रति संकल्प दिलाया जा रहा है। भोपाल टीम ने शहर के अनेक मंदिरों के आस-पास स्वच्छता की जिम्मेदारी ली है।

भोपाल टीम की महिला सदस्यों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्साहवर्धन से टीम को नया जोश मिलेगा और भोपाल में स्वच्छता आंदोलन को और गति दी जा सकेगी।

‘ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया, भारत के दुश्मनों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं’: पीएम मोदी

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अरियालुर: 'ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत को निशाना बनाने वाले दुश्मनों और आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को दिखाया कि अगर भारत की संप्रभुता पर हमला हुआ तो वह किस तरह जवाब देगा. सीमा पार सैन्य हमले ने पूरे देश में एक नया आत्मविश्वास पैदा किया है.'

आदि तिरुवथिरई उत्सवः

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिल नाडु के अरियालुर में ये बातें कहीं. तमिलनाडु के अरियालुर जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम में प्रतिष्ठित चोल राजा राजेंद्र चोल-प्रथम की जयंती के अवसर पर 'आदि तिरुवथिराई उत्सव' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. 'आदि तिरुवथिरई' को तमिल माह आदि में राजा का जन्म नक्षत्र तिरुवथिरई के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.

 

 

दुनिया को भारत की ताकत का एहसासः

पीएम मोदी ने कहा, जब मैं हेलीपैड से यहां आया, तो 3-4 किलोमीटर की दूरी अचानक एक रोड शो में बदल गया. हर कोई ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा कर रहा था. ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश में एक नई जागृति, एक नया आत्मविश्वास पैदा किया है. दुनिया को भारत की ताकत का एहसास होना चाहिए." इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री को सुनने पहुंचे थे.

चोल काल की प्रशंसा कीः

मोदी ने आगे कहा कि सम्राट राजराज चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल-प्रथम के नाम भारत की पहचान और गौरव के पर्याय हैं. उन्होंने घोषणा की कि तमिलनाडु में उनकी भव्य प्रतिमाएं बनाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि ये प्रतिमाएं "हमारे ऐतिहासिक जागरण के आधुनिक स्तंभ" होंगी. पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र पर टिप्पणी करते हुए कई लोग ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा का ज़िक्र करते हैं. चोल काल की 'कुदावोलाई व्यवस्था' उससे भी पहले की है. चोल काल में अपनाई गई व्यवस्था एक हजार साल से भी ज़्यादा पुरानी है.

 

 

क्या है ऑपरेशन सिंदूरः

ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किए गए एक सैन्य हवाई अभियान का नाम है. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए शुरू किया गया था. इस कार्रवाई में 9 आतंकी कैंपों को टारगेट कर पूरी तरह से बर्बाद किया गया था.

भोपालवासियों को मेट्रो ट्रेन की सौगात बहुत जल्द : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार भोपालवासियों को बहुत जल्द (अक्टूबर 2025 तक) मेट्रो ट्रेन की अनुपम सौगात दे देने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर में यात्री मेट्रो सेवा शुरू हो चुकी है। जनता से इसे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। भोपाल मेट्रो ट्रेन का काम भी तेजी से जारी है। कुछ काम शेष रह गया है, जो डेढ़ से दो महीने में पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि भोपाल मेट्रो का टेस्ट रन चल रहा है। रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा भोपाल मेट्रो निरीक्षण पूरा कर लिया गया है। शीघ्र ही कमिश्नर, मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) निरीक्षण के लिए आएंगे। कमिश्नर रेल सेफ्टी से अनुमति मिलते ही भोपाल मेट्रो ट्रेन का प्रायोरिटी कॉरीडोर आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को भोपाल मेट्रो ट्रेन के कार्यों का बारीकी से मुआयना करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे, समाजसेवी रविन्द्र यति, राहुल कोठारी, सहित एमपी मेट्रो ट्रेन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की मेट्रो ट्रेन की सवारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को भोपाल मेट्रो ट्रेन की सवारी कर इसकी ट्रायल यात्रा (टेस्ट रन) की। मुख्यमंत्री ने तीन डिब्बों वाली मेट्रो ट्रेन में सुभाष नगर स्टेशन से एम्स तक और वापसी में एम्स से आरकेएमपी स्टेशन तक टेस्ट रन लेकर इसमें मौजूद सुविधाओं और खूबियों को जाना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार नागरिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए तेजी से अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने इंदौर और भोपाल शहर को मेट्रो ट्रेन की सौगात दी है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भोपाल मेट्रो ट्रेन का शीघ्र लोकार्पण करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने मेट्रो ट्रेन के सफर को आनंददायक बताते हुए कहा कि हम जल्द से जल्द भोपाल के हर नागरिक को इस आनंदमयी यात्रा का उपहार देना चाहते हैं।

मेट्रो की यात्रा से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल मेट्रो रेल के प्रायोरिटी कॉरीडोर के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के समीप स्थापित मेट्रो ट्रेन के सेंट्रल कंट्रोल रूम (कमांड सेंटर) भी पहुंचे और वहां से मेट्रो ट्रेन संचालन के बारे में तकनीकी जानकारी प्राप्त की। अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने मुख्यमंत्री को मेट्रो ट्रेन के लिए अबतक के विकास घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी।

अक्टूबर 2025 तक मेट्रो ट्रेन शुरू कर देना हमारा लक्ष्य

मेट्रो ट्रेन की सवारी के उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आरकेएमपी स्टेशन पर मीडिया को संबोधित कर भोपाल मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल मेट्रो मध्यप्रदेश की प्रगति का प्रतीक है। इस परियोजना को कुल 6941.40 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है। सुभाष नगर स्टेशन से एम्स स्टेशन तक अनुमानित 2225 करोड़ रूपए की लागत से प्रायोरिटी कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसका कार्य अंतिम चरण में है। अक्टूबर 2025 तक इस प्रायोरिटी कॉरीडोर में मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू कर देना हमारा लक्ष्य है। भोपाल मेट्रो के दोनों कॉरिडोर्स (ऑरेंज और ब्लू लाइन) वर्ष 2030 से पहले पूर्ण रूप से चालू कर देने का हमारा रोडमैप तैयार है। उन्होंने बताया कि भोपाल मेट्रो की डिजाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा होगी। इसकी ऑपरेशनल स्पीड 40-60 किमी घंटा होगी। हर मेट्रो स्टेशन के बीच मात्र 2 मिनट का समय लगेगा। मेट्रो में यात्रियों के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट, ब्रेल साईनेज, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय और त्वरित सूचनाएं देने की सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मेट्रो ट्रेन में दिव्यांगजनों के लिए भी पूरी तरह से समावेशी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। सभी मेट्रो स्टेशन्स पर दिव्यांगजनों के लिए सुगम आवागमन की सुविधाएं होंगी। उन्होंने बताया कि भोपाल मेट्रो ट्रेन परियोजना के लिए कुल 27 अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन सेट होंगे इनमें से 7 ट्रेन सेट भोपाल पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो से न केवल सुविधाजनक यात्रा ही संभव होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में भी इसकी प्रभावी भूमिका होगी।

इंदौर मेट्रो का पूरा सेक्शन इसी साल के अंत तक प्रारंभ करने की तैयारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर मेट्रो ट्रेन के शेष कार्यों की प्रगति की जानकारी भी मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि इंदौर में मेट्रो ट्रेन की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इंदौर मेट्रो का पूरा सेक्शन, जो सुपर कॉरीडोर से मालवीय नगर चौराहा (रेडिसन चौराहा) तक इसी साल के अंत तक प्रारंभ हो जाए। इससे इंदौर शहरवासियों को पूर्ण मेट्रो ट्रेन सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इंदौर और भोपाल में विश्वस्तरीय मेट्रो ट्रेन सेवा समय पर शुरू हो, जिससे आमजन को सार्वजनिक परिवहन का एक सरल, सहज, सुगम, बेहतर और सुरक्षित माध्यम मिल सके।

 पीएम मोदी ने मन की बात में नालंदा के नवीन कुमार की उपलब्धियों का किया जिक्र

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– पीएम मोदी ने मन की बात में खुदीराम बोस को नमन किया, कहा- चेहरा गर्व से भरा था, डर का नामोनिशान नहीं था
– हथकरघा बना आत्मनिर्भरता का प्रतीक: पीएम मोदी
– आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा आधार है वोकल फ़ॉर लोकल- पीएम मोदी

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम मन की बात में बिहार के मुजफ्फरपुर के उस दौर की चर्चा की जब 18 वर्षीय खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी। उन्होंने उस दौर को याद करते हुए महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त 1908 को मुजफ्फरपुर में 18 वर्षीय खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी। उनका चेहरा गर्व से भरा था, डर का नामोनिशान नहीं था। जेल के बाहर हजारों लोग एक वीर को अंतिम विदाई देने जुटे थे। पीएम मोदी ने कहा कि उनका बलिदान आज भी प्रेरणा देता है। पीएम ने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना भी है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आप कल्पना कीजिए, बिल्कुल भोर का वक्त, बिहार का मुजफ्फरपुर शहर, तारीख 11 अगस्त 1908। हर गली, हर चौराहा, हर हलचल उस समय जैसे थमी हुई थी। लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिलों में ज्वाला थी। लोगों ने जेल को घेर रखा था, जहां एक 18 साल का युवक अंग्रेजों के खिलाफ अपना देश-प्रेम व्यक्त करने की कीमत चुका रहा था। उन्होंने आगे कहा, जेल के अंदर, अंग्रेज अफसर एक युवा को फांसी देने की तैयारी कर रहे थे। उस युवा के चेहरे पर भय नहीं था, बल्कि गर्व से भरा हुआ था। वो गर्व, जो देश के लिए मर-मिटने वालों को होता है। वो वीर, वो साहसी युवा थे, खुदीराम बोस। सिर्फ 18 साल की उम्र में उन्होंने वो साहस दिखाया, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा, तब अखबारों ने भी लिखा था, खुदीराम बोस जब फांसी के फंदे की ओर बढ़े, तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी। ऐसे ही अनगिनत बलिदानों के बाद, सदियों की तपस्या के बाद, हमें आजादी मिली थी। देश के दीवानों ने अपने रक्त से आजादी के आंदोलन को सींचा था। पीएम मोदी ने इस क्रम में बिहार के नालंदा के नवीन कुमार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार के नालंदा जिले के नवीन कुमार की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है। उनके परिवार की कई पीढ़ियां इसी काम से जुड़ी रही हैं। उन्होंने अपने पारंपरिक काम को आगे बढ़ाया और इसमें सफलता पाई। उन्होंने हैंडलूम में तकनीक के प्रयोग की चर्चा करते हुए कहा कि नवीन कुमार के बच्चे हैंडलूम तकनीक की पढ़ाई कर रहे हैं, बड़े ब्रांड में काम कर रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ एक परिवार का नहीं है, बल्कि आसपास के कई परिवारों को यह आगे बढ़ा रहा है। टेक्सटाइल को सांस्कृतिक विविधता की पहचान बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। सभी मिलकर इसे आगे बढ़ा रहे हैं। कई स्टार्टअप ने इसे ग्लोबल हाइट दी है। उन्होंने साफ कहा कि 2047 के विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है और आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा आधार है वोकल फ़ॉर लोकल।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ में बिल्हा की मातृशक्ति का उल्लेख – छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति की स्वच्छता पहल को राष्ट्रीय मंच पर मिली पहचान

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रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम का सामूहिक श्रवण किया। इस अवसर पर विकास मरकाम, नवीन मार्कण्डेय, अमित चिमनानी, हर्षिता पांडे, अमित साहू सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ न केवल जन संवाद का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि यह देशभर के नवाचारों, जनप्रयासों और प्रेरणादायक कहानियों को सामने लाकर लोगों में नई ऊर्जा भरने का कार्य करता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लिए विशेष गौरव का विषय है, क्योंकि बिलासपुर जिले के नगर पंचायत बिल्हा में स्वच्छता के क्षेत्र में मातृशक्ति द्वारा किए गए नवाचार का उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम में किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली। यह उल्लेख हम सभी छत्तीसगढ़वासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं ने दिखा दिया कि जब संकल्प और सहयोग एक साथ हों, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं होता। स्वच्छता की इस मिसाल ने पूरे देश में छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। बिल्हा की महिलाओं ने अपने संकल्प से इसे देश का सबसे स्वच्छ शहर बना दिया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो नवाचार किया है, उसे आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में विशेष रूप से रेखांकित किया। यह दिखाता है कि स्वच्छता केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से बनता हुआ एक सशक्त जनांदोलन है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 7 शहरों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत माननीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है, जिनमें नगर पंचायत बिल्हा सहित अन्य नगरीय निकाय शामिल हैं। उन्होंने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, निगम आयुक्तों, सीएमओ, स्वच्छता दीदियों और सफाईकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सभी के समर्पण और मेहनत का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित हो रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि हाल ही में जशपुर जिले के दौरे के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि जिले के पाँचों नगरीय निकायों ने स्वच्छता रैंकिंग में अभूतपूर्व छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर दो दिन पहले उन्होंने जशपुर में स्वच्छता दीदियों और कर्मियों को स्वयं सम्मानित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में एक सकारात्मक वातावरण बना है और हमारी सरकार ने जिस निष्ठा एवं संकल्प के साथ स्वच्छ भारत मिशन को लागू किया है, उसका परिणाम आज देश के सामने है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘मन की बात’ आज देश के कोने-कोने की साधारण कहानियों को असाधारण प्रेरणा में बदलने वाला राष्ट्रीय अभियान बन गया है जो भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का साक्षात प्रमाण है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने की सौजन्य मुलाक़ात

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रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में भारत सरकार के केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ग्रामीण विकास, केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के समन्वित क्रियान्वयन, आदिवासी अंचलों में संचार सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण को धरातल पर साकार करने हेतु राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख पक्के मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिससे प्रदेश के गरीब परिवारों के आवास का सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 1,460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र आरंभ किए गए हैं, जिससे ग्रामीण जनसंख्या को सहज और सुलभ बैंकिंग सुविधा मिल रही है।

मुख्यमंत्री साय ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास एवं नवाचार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों ने आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी ने मुख्यमंत्री साय को अपने नारायणपुर तथा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के दौरे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में केंद्र सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रही हैं और स्थानीय जनता को इनका सीधा लाभ मिल रहा है। डॉ. पेम्मासानी ने माओवादी क्षेत्रों में तीव्र गति से हो रहे सकारात्मक बदलाव की सराहना करते हुए इसे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य का संकेत बताया। उन्होंने ‘बिहान’ योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से आयोजित प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि समूह की दीदियों द्वारा तैयार किए गए बेलमेटल, मिलेट्स और घरेलू उत्पादों की गुणवत्ता अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इन समूहों की महिलाएँ 15 से 20 हजार रुपये मासिक आय अर्जित कर रही हैं, जो ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

डॉ. पेम्मासानी ने जनजातीय समुदाय के पारंपरिक स्वागत का स्मरण करते हुए कहा कि उनके साथ नृत्य करना और स्थानीय संस्कृति से आत्मिक रूप से जुड़ने का अनुभव अविस्मरणीय रहा। उन्होंने परीयना दिव्यांग आवासीय विद्यालय के दौरे का भी विशेष उल्लेख किया और वहाँ बच्चों से हुई आत्मीय बातचीत को अत्यंत भावुक क्षण बताया। उन्होंने शासन द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद उपस्थित थे।

24 घंटे में सम्राट चौधरी को गोली मार दूंगा.. बिहार के डिप्टी CM को धमकी भरे कॉल के बाद पुलिस अलर्ट

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पटना: बिहार में एक बार फिर एक वरिष्ठ नेता को जान से मारने की धमकी मिलने की खबर सामने आई है. इस बार निशाने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं. उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कॉल और मैसेज के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई है. बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को धमकी दी गई थी.

उपमुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी : यह घटना बिहार में लगातार बढ़ रही धमकी की घटनाओं में एक और गंभीर अध्याय जोड़ती है. हाल के महीनों में कई नेताओं को इसी तरह की कॉल और धमकी भरे मैसेज मिल चुके हैं. हालांकि, पूर्व की घटनाओं में पुलिस ने कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

धमकी मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई : जानकारी के अनुसार, सम्राट चौधरी के कार्यकर्ता को धमकी भरा कॉल आया. जिसमें कहा गया कि ''सम्राट चौधरी को 24 घंटे के अंदर गोली मार दूंगा, सच कह रहा हूं.'' उनकी सुरक्षा टीम ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया और इसकी सूचना पटना पुलिस को दी. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मोबाइल नंबर 6367263657 की प्राथमिक जांच शुरू की.

ट्रूकॉलर पर दिखा नाम 'विक्रम यादव' : प्रारंभिक जांच में ट्रूकॉलर ऐप पर इस नंबर को विक्रम यादव के नाम से रजिस्टर पाया गया. हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह नाम असली है या फर्जी. पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है.

पुलिस की जांच तेज : पटना पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी देने वाले की पहचान और लोकेशन ट्रैक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अधिकारियों के अनुसार, वे उस नंबर की सिम डिटेल, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और लोकेशन डेटा खंगाल रहे हैं. पुलिस मानती है कि मोबाइल की सटीक लोकेशन ही आरोपी तक पहुंचने की कुंजी हो सकती है.

''हमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को धमकी मिलने की सूचना मिली है और हम इसकी तकनीकी जांच कर रहे हैं.''- दीक्षा, सेंट्रल एसपी, पटना

अब तक नहीं मिली लिखित शिकायत : एसपी ने यह भी बताया कि अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि गंभीर जांच के लिए लिखित शिकायत अनिवार्य होती है. जैसे ही शिकायत मिलती है, पुलिस अगली कार्रवाई तेजी से करेगी.

कार्रवाई की तैयारी : फिलहाल पुलिस की प्राथमिकता धमकी देने वाले की पहचान और गिरफ्तारी है. टेक्निकल साक्ष्यों के आधार पर आरोपी का जल्द ही पता लगाया जा रहा है. हालांकि, औपचारिक शिकायत दर्ज न होने तक कानूनी प्रक्रिया पूरी तरह शुरू नहीं हो सकती.

पुलिस का खौफ खत्म : यह घटना एक बार फिर नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था और डिजिटल माध्यम से मिल रही धमकियों के प्रति पुलिस की तैयारियों पर प्रश्न खड़े करती है. अब निगाहें पटना पुलिस की जांच और संभावित गिरफ्तारी पर टिकी हैं.
 

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सरायपाली में 13 विकास कार्यों का किया लोकापर्ण एवं भूमिपूजन

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रायपुर : आज नगर पालिका परिषद सरायपाली के लिए ऐतिहासिक दिन रहा, जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने नगर क्षेत्र में कुल 13 विकास कार्यों का लोकापर्ण एवं भूमिपूजन कर नगरवासियों को 167.37 लाख रुपये की सौगात दी। इस अवसर पर सांसद रूपकुमारी चौधरी, सरायपाली विधायक चातुरी नंद, बसना विधायक संपत अग्रवाल, पूर्व सांसद चुन्नी लाल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष मोगरा पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरला कोसरिया, स्काउट गाइड संघ के अध्यक्ष येत राम साहू, नगर पालिका अध्यक्ष, पार्षदगण तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कुल 7 कार्य, लागत 87.36 लाख रूपये का लोकार्पण किया। जिसमें घंटेश्वरी मंदिर के पास अटल परिसर निर्माण एवं मूर्ति स्थापना सहित सौंदर्यीकरण कार्य 28.16 लाख रुपए , अघरिया समाज छात्रावास परिसर में डोम निर्माण कार्य 30.00 लाख, वार्ड क्रमांक 02, 05, 09, 12 एवं 15 में बस स्टॉप निर्माण कार्य 29.20 लाख रुपए का कार्य शामिल है।

इसी तरह भूमिपूजन कार्य अंतर्गत कुल 6 कार्य, लागत 80.01 लाख रुपए जो 15वें वित्त आयोग अंतर्गत शामिल है , जिनमें वार्ड क्रमांक 05 में तालाब से बस स्टॉप तक विद्युतीकरण कार्य 4.23 लाख, वार्ड क्रमांक 01 में पाइपलाइन विस्तार कार्य 6.23 लाख, वार्ड क्रमांक 05 में तालाब से बस स्टॉप तक फुटपाथ निर्माण कार्य 15.70 लाख, वार्ड क्रमांक 05 में सरसीवां रोड पर शेड निर्माण कार्य 25.79 लाख,पीवीसी टंकी स्थापना एवं पाइप लाइन विस्तार कार्य 10.76 लाख, वार्ड क्रमांक 01 में सम्पवेल निर्माण कार्य 17.30 लाख रुपए शामिल है। कार्यक्रम के दौरान भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया। अतिथियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को स्मरण किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि बुनियादी सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंचे। सरायपाली क्षेत्र के विकास के लिए यह सिर्फ एक शुरुआत है, आने वाले समय में और भी बड़ी योजनाएं लाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज के इस पावन अवसर पर सराईपाली नगर पालिका में 1.67 करोड़ के अलग-अलग कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया है, इसके लिए मैं सरायपाली की जनता को बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। आज सरायपाली के लिए यादगार दिन है, आज अटल जी के भव्य और सुंदर प्रतिमा का लोकार्पण हुआ है। राज्य के सभी नगरीय निकाय में इस प्रतीक का लोकार्पण इसलिए हुआ है क्यूंकि आज हमारे राज्य की अलग पहचान श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कारण संभव हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से पहले भुखमरी अशिक्षा और गरीबी थी, छत्तीसगढ़ की जनता के इस दर्द को अटल जी ने समझा और हमारा राज्य अस्तित्व में आया। आज अटल जी के महान सोच से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से देश के गाँवों की तरक्की संभव हुई है। हमारी सरकार ने 18 लाख आवास दिया है और आज 14 लाख से ज़्यादा की स्वीकृति डेढ़ साल के अंदर हुआ है और इसके अलावा नए नाम जोड़ने का काम चल रहा है, और एक भी ग़रीब आवासहीन ना रहे यही हमारी विष्णु देव साय सरकार का लक्ष्य है। किसानों को प्रति एकड़ 3100 रूपये क्विंटल दिया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ में इसलिए चारों ओर विकास की बयार चल रही है। साथ ही उन्होंने विधायक सरायपाली द्वारा की गई मांगों को स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर सांसद रूपकुमारी चौधरी, सरायपाली विधायक चातुरी, सरस्वती पटेल अध्यक्ष नगर पालिका, लक्ष्मी पटेल जनपद अध्यक्ष सरायपाली खुशबू अग्रवाल नगर पंचायत अध्यक्ष बसना, नेहरू निषाद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नगर की जनता मौजूद थे।

जब संगीत बना भक्ति का स्वर… इलैयाराजा की प्रस्तुति पर भावविभोर हुए प्रधानमंत्री मोदी

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अरियालुर: तमिलनाडु के ऐतिहासिक नगर गंगईकोंड चोलपुरम में आयोजित राजेन्द्र चोलन की मुप्पेरुम उत्सव और आदि तिरुवाधिरै महोत्सव में उस समय भावनाओं की बयार बहने लगी जब भारत के महान संगीतकार पद्म भूषण इलैयाराजा ने अपनी संगीत मंडली के साथ मंच संभाला और भगवान शिव को समर्पित भजनों से वातावरण को भक्तिरस में सराबोर कर दिया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं मौजूद थे, जो दो दिवसीय दौरे पर तमिलनाडु आए हुए हैं.

भक्ति संगीत में डूबा मंच, पीएम मोदी ने भी बजाया डमरू
कार्यक्रम की शुरुआत कलाक्षेत्र के भरतनाट्यम नृत्य समूह की प्रस्तुतियों से हुई, जिसमें पारंपरिक तेवरम थिरुमुरई का पाठ भी शामिल था. इसके बाद मंच संभाला महान संगीतकार इलैयाराजा ने, जिन्होंने अपने बैंड के साथ सबसे पहले फिल्म "नान कडवुल" का लोकप्रिय और आध्यात्मिक गीत “ओम् शिवोहम्” प्रस्तुत किया.

इसके पश्चात उन्होंने “नमशिवाय वाझा… नाथन थाल वाझा” गीत गाया, जो श्रोताओं को गहराई से छू गया. उन्होंने मंच से तिरुवासगम और शिव पुराण से कई भजन प्रस्तुत किए, जिन्हें उन्होंने स्वयं संगीतबद्ध किया है. इन गीतों को सुनकर प्रधानमंत्री मोदी खुद खड़े होकर तालियों से स्वागत करने लगे, और बाद में मंच पर बैठते हुए अपने हाथों से डमरू बजाते हुए संगीत का आनंद लिया.

महान संत माणिक्कवाचकर की कथा से हुआ समापन
संगीत कार्यक्रम के बाद इलैयाराजा ने संत माणिक्कवाचकर और भगवान शिव की भक्ति की कथा सुनाई, जिसमें उन्होंने वर्णन किया कि कैसे माणिक्कवाचकर भगवान की प्रतीक्षा में तपस्या करते रहे. यह कथा उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर गई.

प्रधानमंत्री ने मंदिर में की पूजा, मिला विशेष प्रसाद
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगईकोंड चोलपुरम मंदिर पहुंचकर लिंग रूपी बृहदीश्वर शिवलिंग के दर्शन किए और विधिवत पूजा अर्चना की. मंदिर प्रशासन की ओर से उन्हें पूर्ण कुम्भ और प्रसाद भेंट किया गया.

3 किलोमीटर लंबा रोड शो, जनसैलाब से स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर एक भव्य 3 किलोमीटर लंबा रोड शो आयोजित किया गया. पोंनेरी हेलीपैड से लेकर मंदिर स्थल तक पीएम मोदी ने खुली गाड़ी से जनता का अभिवादन किया. रास्ते भर हजारों भाजपा कार्यकर्ता और आम नागरिक मौजूद रहे जिन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारों के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया.

संस्कृति, भक्ति और आधुनिक भारत का संगम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को तमिल संस्कृति और भारत की आध्यात्मिक धरोहर को समर्पित बताया. उन्होंने इलैयाराजा की प्रस्तुति को “आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर” बताया और कहा कि इस कार्यक्रम ने उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक सेतु को और मजबूत किया है.

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