भावनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात दौरे पर भावनगर पहुंचे। यहां उन्होंने भव्य रोड शो किया और ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए आत्मनिर्भर होना ही होगा।
उन्होंने कहा – “दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है, लेकिन अगर कोई सच्चा दुश्मन है तो वह है हमारी विदेशी निर्भरता। जितनी ज्यादा निर्भरता, उतनी बड़ी विफलता। चिप हो या शिप… हमें भारत में ही बनाने होंगे।”
कांग्रेस पर हमला
पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत की ताकतों को नजरअंदाज किया और देश को लाइसेंस-कोटा राज में उलझाए रखा। इससे भारतीय नौजवानों का बहुत नुकसान हुआ और भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गया।
शिपिंग पर बड़ा बयान
मोदी ने कहा कि 50 साल पहले भारत का 40% व्यापार अपने जहाजों से होता था, लेकिन कांग्रेस सरकारों की नीतियों से यह घटकर सिर्फ 5% रह गया। अब भारत को अपने 95% व्यापार के लिए विदेशी जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता है।
पीएम मोदी बोले – “आज हर साल 75 अरब डॉलर यानी लगभग 6 लाख करोड़ रुपये विदेशी शिपिंग कंपनियों को किराए में जाते हैं। यह रकम भारत के रक्षा बजट के बराबर है। अगर पहले की सरकारों ने ध्यान दिया होता तो आज दुनिया भारत में बने जहाजों से व्यापार कर रही होती।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आने वाले वर्षों में समुद्री क्षेत्र के विकास पर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत ही इलाज
पीएम मोदी ने दोहराया कि 2047 तक विकसित भारत का सपना आत्मनिर्भरता के बिना संभव नहीं है। “100 दुखों की एक ही दवा है और वह है आत्मनिर्भर भारत। हमें चुनौतियों से टकराना होगा और देश को आत्मनिर्भर बनाकर दुनिया के सामने खड़ा करना होगा।”
सेवा पखवाड़ा और नवरात्रि
मोदी ने सेवा पखवाड़ा का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पूरे देश में रक्तदान और स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। “अब तक एक लाख लोग ब्लड डोनेशन कर चुके हैं। गुजरात में भी सैकड़ों जगहों पर कार्यक्रम हुए।”
उन्होंने कहा कि नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही जीएसटी में कमी के चलते बाजारों में रौनक और बढ़ी है।