भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड टी20 क्रिकेट को और अधिक आकर्षक, गतिशील और दिलचस्प बनाने के लिए ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम लागू करने जा रहा है। इस नियम की मदद से टीम फुटबॉल, रग्बी, बास्केटबॉल और बेसबॉल जैसे खेलों की तरह बीच मैच में खिलाड़ी बदल सकेगी। बीसीसीआई ने सबसे पहले इस नियम को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू करने का फैसला किया है। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो आगामी समय में हम आईपीएल में भी इसका इस्तेमाल होते हुए देख सकते हैं।बीसीसीआई के दस्तावेज में लिखा है 'कॉन्सेप्ट यह है कि एक सब्सटिट्यूट खिलाड़ी को मैच के सबसे अधिक सक्रिय भारत में खेलने की अनुमति देना। यह खेल में नया रणनीतिक आयाम जोड़ देगा। फुटबॉल, रग्बी, बास्केटबॉल और बेसबॉल जैसे कई खेलों में इसकी अनुमती होती है। सब्सटिट्यूट खिलाड़ी को अन्य नियमित खिलाड़ी की तरह प्रदर्शन करने की अनुमति होगी।
क्या है ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम
टॉस के दौरान कप्तान को प्लेइंग इलेवन के साथ 4 ऐसे खिलाड़ियों के नाम देने होंगे जिन्हें वह मैच के दौरान इस्तेमाल करना चाहता हो। इनमें से टीम किसी एक ही खिलाड़ी को बतौर सब्सटिट्यूट मौका दे सकती है। अगर टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए जल्दी अपने विकेट खो देती है तो ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम की मदद से वह एक गेंदबाज की जगह सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के रूप में किसी अतिरिक्त बल्लेबाज को मौका दे सकती है। वहीं अगर पहले बैटिंग करते हुए टीम ज्यादा विकेट नहीं खोती तो दूसरी पारी में टीम एक बल्लेबाजी की जगह अतिरिक्त गेंदबाज को टीम में शामिल कर सकती है। हालांकि सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के आने के बाद मैदान छोड़ने वाला खिलाड़ी मैच में दोबार हिस्सा नहीं ले पाएगा।