जोधपुर। आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से गुजरात के गांधीनगर रेप केस में 7 जनवरी को अंतरिम जमानत मिल गई। इसके बाद 8 जनवरी को राजस्थान हाईकोर्ट में भी एक याचिका लगाई गई। अब चर्चाएं हैं कि आसाराम शीर्ष अदालत से मिली राहत को आधार बनाएगा। इसी तर्क के साथ उसे जोधपुर में नाबालिग से रेप के मामले में भी बेल मिल सकती है।
आसाराम जोधपुर में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार का दोषी है और आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। लीगल एक्सपर्ट की मानें तो आसाराम को पॉक्सो के मुकदमे में बेल मिलने की दूर तक कोई संभावना ही नहीं है। आसाराम कोर्ट में केवल सस्पेंशन ऑफ सेंटेंस लगा सकता है, जो सजा निलंबन या स्थगन की याचिका होती है। चूंकि राजस्थान हाईकोर्ट इससे पहले 5 बार आसाराम की एसओएस खारिज कर चुका है। अभी पांचवीं याचिका पर ही सुनवाई पेंडिंग है। ऐसे में बुधवार को छठी बार लगाई गई याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा, इसकी संभावनाएं कम ही हैं। इतना ही नहीं लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 12 बार उसकी अर्जी खारिज हो चुकी है।
आसाराम के जेल से बाहर आने की राह आसान नहीं
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