बिलासपुर । नगरपालिका एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचनों की आदर्श आचरण संहिता लागू रहने की अवधि में गणतंत्र दिवस मनाये जाने के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने जरूरी दिशा निर्देश जारी किया है। राजनीतिक पदाधिकारियों जैसे मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री/सांसद/विधायक आदि समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से उपस्थित हो सकेंगे किन्तु शर्त यह है कि वे अपने उद्बोधन में देश की स्वतंत्रता, भारत / छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा, शहीदों की उपलब्धियों, देशभक्ति एवं प्रेरणादायी उद्योधन तक ही सीमित रहेंगे। किसी भी स्थिति में राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होगी। उद्बोधन में राज्य की प्रचलित योजनाओं का उल्लेख किया जा सकेगा किन्तु कोई भी नई घोषणा नहीं की जा सकेगी। मुख्यमंत्री/ मंत्री/ सांसद/ विधायक या कोई अन्य राजनीतिक पदाधिकारी अपने गृह जिले या निर्वाचन क्षेत्र को छोडकऱ अन्य स्थानों पर शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि/अतिथि के रुप में उपस्थित हो सकेंगे। ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी जो किसी निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लडऩे का इरादा रखते हैं वे भी उस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी समारोह में अतिथि के रुप में शामिल नहीं हो सकेंगे। गणतंत्र दिवस के अवसर शासन की प्रचलित योजनाओं का झांकियों के रूप में प्रदर्शन किया जा सकेगा। झांकियों में राजनैतिक प्रतिनिधियों के चित्र नहीं लगाये जा सकेंगे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार की नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं है किन्तु यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार ना हो। त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनका कार्यकाल शेष है वे अपने पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालय में ध्वजारोहण कर सकेंगे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित सभी समारोहों में आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाए।
आचार संहिता के दौरान गणतंत्र दिवस के आयोजन को लेकर गाइडलाइन जारी
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