भोपाल में 2300 साल पुरानी मां दुर्गा की प्रतिमा, 12 भुजाओं से माता करती थीं शत्रुओं का संहार

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भोपाल: मां दुर्गा की आराधना के पर्व नव दुर्गा के दौरान देश भर में जगह-जगह देवी की प्रतिमा को स्थापित किया गया है. मां दुर्गा की उपासना सदियों से चली आ रही है, इसके प्रमाण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राज्य पुरातत्व संग्रहालय में आज भी मौजूद हैं. यहां मां दुर्गा की ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी की भी प्रतिमा मौजूद है. मां दुर्गा की इस प्रतिमा की लंबाई 12 सेंटीमीटर है, जिसे पत्थर पर उकेरा गया था. पुरातत्वविदों के मुताबिक यह प्रतिमाएं बताती हैं कि प्राचीन काल में मातृ शक्ति को देवी के रूप में पूजा जाता रहा है.

नर्मदा किनारे मिली थी सबसे प्राचीन प्रतिमा

राज्य पुरातत्व संग्रहालय में मौजूद करीबन 2 इंच की दुर्गा प्रतिमा दिखाते हुए पुरातत्वविद बालकृष्ण लोखंडे बताते हैं कि "यह प्रतिमा सीहोर में स्थित निनोर से खुदाई से मिली थी. निनोर में वर्ष 1996 से लेकर 1999 के बीच पुरातत्व विभाग द्वारा उत्खनन किया गया था. इसमें मैं भी शामिल था. यह प्रतिमा बहुत छोटी है. इसकी लंबाई 12 सेंटीमीटर, चौड़ाई 6 सेंटीमीटर ओर मोटाई 1 सेंटीमीटर ही है.

माना जाता है कि देवी की यह प्रतिमा धुमक्कड़ या खानाबदोस लोग अपने साथ पूजा के लिए रखते थे. इस प्रतिमा को ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी का माना जाता है. इसके अलावा एक और प्रतिमा मिली थी, जो खंडित है. इन दोनों प्रतिमाओं मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी का स्वरूप दिखाई देता है."

11वीं सदी की दुर्गा प्रतिमा

पुरातत्वविद बताते हैं कि "मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के किनारे पाषाण काल से लेकर गुप्तकाल तक की मानव सभ्यताओं के प्रमाण मिलते रहे हैं. इसी तरह मध्य प्रदेश के मंदसौर के हिंगलाजगढ़ से भी गुप्त काल से लेकर परमार काल तक की प्रतिमाएं मिलती रही हैं, जो इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को बताती हैं.

हिंगलाजगढ़ से 11वीं सदी की मां दुर्गा की प्रतिमाएं मिली हैं, जो राज्य पुरातत्व संग्रहालय में मौजूद हैं. पुरातत्वविद बालकृष्ण लोखंड़े ऐसी ही एक प्रतिमा को दिखाते हैं, जिसमें एक ही प्रतिमा में मां दुर्गा के सभी रूपों को पत्थर पर उकेरा गया है. यह चारभुजी प्रतिमा है. इस प्रतिमा की कलात्मकता बेहद सुंदर है."

10वीं सदी की 12 भुजी प्रतिमा

संग्रहालय में मां चामुण्डा की प्रतिमा भी मौजूद है, जो 10वीं सदी की है. यह प्रतिमा मंदसौर से मिली थी. इस बेहद खूबसूरत प्रतिमा में मां दुर्गा के 12 भुजी रूप को दिखाया गया है. उनके हाथों में खप्पर और तमाम तरह के अस्त्र-शस्त्र हैं, तो वेद और पुष्प भी लिए दिखाई दे रही हैं. यह प्रतिमा करीबन 5 फीट की है.

18 भुजाओं वाली दुर्गा की प्रतिमा

संग्रहालय में 18 भुजाओं वाली मां दुर्गा की प्रतिमा भी हैं, जो छतरपुर के श्रवणकाल नाछला से मिली थी. यह परमार कालीन प्रतिमा मानी जाती है और इसमें मां दुर्गा को तमाम अस्त्र-शस्त्र के साथ दिखाया गया है. यह प्रतिमा 10वीं-11वीं सदी की मानी जाती है.