MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बड़ा बदलाव किया है। हाल के चुनावों में हार के बाद कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह पार्टी आलाकमान ने जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। साथ ही आदिवासी नेता और विधायक उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष तो हेमंत कटारे उप नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। वे 19 दिसंबर को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इस मौके पर दिल्ली से भी कई नेता यहां भोपाल पहुंच सकते हैं।
पीसीसी में तैयारियां शुरू
कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी 19 दिसंबर से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे। वह मंगलवार को पूरे विधि विधान के साथ भोपाल स्तिथ कांग्रेस मुख्यालय इंद्रा भवन पहुंच कर प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे। पीसीसी में इसके लिए तैयारियां शुरू हो गईं हैं। जानकारी के अनुसार वे सबसे पहले इंदौर से उज्जैन पहुंच कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद से यहां से देवास सोनकच, आष्टा, सीहोर होते भोपाल पहुचेंगे। यहां दोपहर तीन बजे वे प्रदेश के तौर पर कार्यभार ग्रहण करेंगे।
बता दें कि पटवारी का उज्जैन से भोपाल तक का सफर पूरे लावो लश्कर के साथ होगा। जगह जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत होगा। इसके लिए स्वागत द्वार और स्टेज बनाए जा रहे हैं। पटवारी के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि, कांग्रेस हाईकमान ने मध्य प्रदेश के संगठन में बड़ा उलट फेर करते हुए कमलनाथ से प्रदेश की कमान वापस ले ली है। उनके स्थान पर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। उनके साथ ही उमंग सिंघार को नेताप्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेताप्रतिपक्ष बनाया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार दिल्ली में
इधर, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को पार्टी वाला कमाने नई जिम्मेदारी देते ही दिल्ली बुला लिया है। ये दोनों नेता दिल्ली रवाना भी हो गए हैं। जहां जीतू पटवारी इंदौर से दिल्ली गए हैं, वहीं उमंग भोपाल से दिल्ली पहुंचे। यहां इन दोनों नेताओं की मुलाकात राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे और मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से होगी। वहीं इन दोनों नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान की ओर से दोनों नेताओं को मध्यप्रदेश के लिए आगमी रणनीति और दिशा निर्देश दिए जायेंगे। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर भी प्लान बताया जायेगा।
यह घटनाक्रम मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी की अपमानजनक हार के कुछ दिनों बाद आया है, जहां नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को बदलने में विफल रही। सूत्रों ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद नाथ को अपना इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। नाथ ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उसके बाद अपना इस्तीफा दे दिया।