छतरपुर। आपने ये तो सुना ही होगा कि शाहजहा ने मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया था। लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक टीचर ने अपनी स्वर्गवासी पत्नी के याद में राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण करवाया, जिसकी लागत करीब 1.50 करोड़ है। मंदिर का निर्माण राजस्थान से आए कारीगर ने किया है। इस भव्य और अद्भुत मंदिर के निर्माण में 3 साल की कड़ी मेहनत लगी है।
मंदिर निर्माण में 1.50 करोड़ की लागत लगी
छतरपुर नगर के नरसिंह ने इस मंदिर का नाम प्रेम मंदिर रखा है। इस मंदिर में राधा कृष्ण विराजमान होने हैं। रिटायर्ड शिक्षक डॉक्टर बीपी चंसोरिया की माने तो उनकी स्वर्गवासी पत्नी बंदना चंसोरिया की इच्छा थी कि चित्रकूट में राधा कृष्ण मंदिर के साथ एक आश्रम का निर्माण किया जाए लेकिन उसी दौरान कुछ महीनों बाद पत्नी का देहांत हो गया। फिर पत्नी के प्रेम प्रतीक के रूप में छतरपुर स्थित नरसिंह धाम में राधा कृष्ण प्रेम मंदिर का निर्माण किया।
बीपी चंसोरिया का कहना है कि 13 मई 2017 को मंदिर बनाने का संकल्प लिया था, जो आज पूर्ण हुआ। पत्नी का देहांत नवंबर 2016 में हो गया था। इस मंदिर निर्माण में 6 साल 7 दिन का समय लगा और करीब 1.50 करोड़ की लागत आई। मंदिर में राधा कृष्ण के साथ-साथ राधा जी की सखियां ललिता और विशाखा को भी विराजमान किया जाएगा। प्रेम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया है जिसे लोग सदियों तक इसे याद रखें और साथ ही स्वर्गवासी पत्नी की आत्मा को शांति मिले।
चंसोरिया ने बताया कि पत्नी के देहांत के कुछ महीनों बाद पुजारी ने मंदिर निर्माण के लिए संकल्प करवाया था, जो 6 साल बाद भव्य रूप ले चुका है। रिटायर्ड शिक्षक का पत्नी के प्रति अनूठा प्रेम ही था जिससे इस मंदिर के निर्माण का काम 6 साल तक लगातार चलता रहा. फिर कुछ कारणों के चलते बीच में बंद हुआ था, लेकिन दोबारा शुरू हुआ. अब 7 साल बीत जाने के बाद मंदिर का कार्य पूरा हो चुका है। अब यहां राधा कृष्ण विराजेंगे, जो प्रेम के प्रतीक हैं।
मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से आए मुस्लिम कलाकारों ने संगमरमर के पत्थरों पर विशेष कलाकृति उकेरे हैं। कलाकारों ने बताया कि एक तरफ प्रेम को लेकर शाहजहां ने मुमताज के लिए ताजमहल का निर्माण करवाया था। मगर बीपी चंसोरिया ने अपनी पत्नी के लिए मंदिर निर्माण करवाया। स्थानीय लोग भी इस मंदिर को देखकर काफी खुश हैं।