Crime News: इंदौर पुलिस ने फर्जी नोट छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बताया जा रहा है कि पकडे गए आरोपी बाजार में 20 लाख रुपए के नकली नोट खपा चुके हैं. पुलिस पकडे गए आरोपी के गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है. इंदौर पुलिस ने फर्जी नोट छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, आरोपी के फ्लैट पर छापामार कार्रवाई में प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का काफी सामान भी बरामद हुआ है. इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने 500, 200 और 100 के नकली नोट छापकर शहर में कई जगह खपाने का काम करने वाले गिरोह का भंडा फोड़ किया है. पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को पकड़ा है ये सभी नकली नोट बनाने का काम करते थे.
एक ही दुकान पर खपा रहा था नोट
मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपी एक ही दुकान पर बार-बार नोट को चलाता था. इस कारण से मुखबिर को यह जानकारी लगी और उसने पुलिस को बताया. पुलिस द्वारा राजेश बरपेते सहित अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है. नकली नोट छापने वाला मुख्य सरगना बैतूल निवासी राजेश बरपेते है. आरोपी के फ्लैट पर छापामार कार्रवाई में प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का काफी सामान भी बरामद हुआ है. आरोपी इतना शातिर था कि एक सीरीज के नोट छापने के बाद उसे हटा दिया करता था और फिर उसे बाजार में चलाया करता था.
1 असली नोट के बदले 5 नकली नोट का खेला खेल
बताया जा रहा है कि आरोपी राजेश ने 2020 के अगस्त महीने में स्वयं को मृत घोषित करने के बाद खुद की नई पहचान बना ली. आरोपी ने अब एक नए नाम अशोक चौहान नाम से फर्जी डॉक्यूमेंट बनाएं और नकली नोट का कारोबार शुरू कर दिया. इधर मामले में अन्नपूर्णा पुलिस अधिकारीयों ने जब राजेश से सख़्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने कई घंटों तक वीडियो देखकर यूट्यूब से ऐसा नोट बनाना सीखा है. आरोपी पहले स्टांप पेपर खरीदकर उसकी कटिंग करता था. वही सब सेट करके फिर उस पेपर पर नकली नोट प्रिंट करता था. पुलिस ने बताया कि पुराने कुछ स्टांप आते हैं उनमें एक स्ट्रिप लगी होती है जो की नोट बनाने के लिए काफी मददगार साबित होती थी. कुछ दिन बाद जब आरोपी को स्टांप महंगे लगने लगे उसने बॉन्ड पेपर खरीदना शुरू कर दिया. और बॉन्ड पेपर पर नोटों की छपाई शुरू कर दी.