भोपाल। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के ठेकेदार संघ के लेटर पैड पर ज्ञानेंद्र अवस्थी के हस्ताक्षर का एक पत्र सोशल मीडिया में बीती तीन दिन से वायरल हो रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश में ठेकेदारों से 50 प्रतिशत तक कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए ग्वालियर उच्च न्यायालय से जांच की मांग की गई थी। इस मामले में भाजपा ने ज्ञानेंद्र अवस्थी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के खिलाफ इंदौर के बाद भोपाल में भी एफआईआर कर दर्ज ली है।
भोपाल और इंदौर में प्रियंका गांधी, कमलनाथ और अरुण यादव के खिलाफ नामजद एफआईआर नहीं है, लेकिन तीनों के नाम से चल रहे ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट धारके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यानी अप्रत्यक्ष रूप से तीनों के खिलाफ नामजद एफआईआर ही है। भाजपा इस मामले में कांग्रेस पर फर्जी पत्र सोशल मीडिया के जरिए वायरल कर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने निकाली अर्थी, आर-पार के मूड में
प्रियंका गांधी, कमलनाथ और अरुण यादव के खिलाफ भोपाल, इंदौर व ग्वालियर में मामला दर्ज होने के बाद कांग्रेस भी हमलावर है। एफआईआर के बाद अरुण यादव ने कहा कि पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे 50 प्रतिशत कमीशन खोरों से। जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप मोनू सक्सेना भोपाल में प्रदेश सरकार की अर्थी निकाल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल जो पत्र सोशल मीडिया में चल रहा है। वह ‘लघु एवं मध्यम क्षेत्रीय संविदाकार संघ’ नाम की कथित संस्था के लेटर हेड पर है। उसमें नीचे की ओर ज्ञानेन्द्र अवस्थी नाम लिखा है। ये लेटर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर लिखा गया है।
भोपाल में देर रात एफआईआर
भोपाल क्राइम ब्रांच के डीसीपी श्रुतिकीर्ति सोमवशी ने बताया कि ज्ञानेंद्र अवस्थी व अन्य ट्विटर अकाउंट धारक के खिलाफ आईपीसी की धारा 469, 500, 501 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनसे उक्त फर्जी पत्र सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर वायरल किया गया है। इससे पहले शनिवार दोपहर बाद प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और जिला भाजपा अध्यक्ष सुमित पचौरी ने डीसीपी क्राइम ब्रांच को शिकायत कर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा था।