सीहोर । कोतवाली थाने में दो महिलाओं ने उनके गले से सोने के जेवर चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। दोनों घटनाओं में आटो में बैठने के बाद महिलाओं के गहने चोरी होने की बात सामने आई थी। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने आटो गैंग को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी के गहने बरामद किए है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 31 अक्टूबर को बडियाखेडी सीहोर निवासी मीना राय रोज की तरह जब सूबह आफिस जाने के लिए पैदल घर से निकली तो नदी चौराहे के पास एक आटो वाले ने उनसे अपने आटो में बैठने के लिए कहा। आटो में पहले से दो महिलाए बैठी हुई थी। आटो वाले ने थोडी दूर जाकर मीना राय को आटो से उतार दिया और उन दो महिलाओ सहित आटो लेकर बस स्टैंड की तरफ चला गया। आटो से उतरने के बाद मीना राय के गले से उनका सोने का मंगलसूत्र गायब था। कुछ दिन बाद ठीक इसी प्रकार आठ नवंबर को इंगलिशपुरा निवासी प्रभा जैन जब अपने घर से पैदल जैन मंदिर जा रही थी तो रास्ते में उन्हें भी एक आटो वाले ने आगे छोड देने का कहकर अपने आटो में बैठा लिया जिसमें भी दो महिलाएं पहले से बैठी हुई थी, जब आटो वाले ने प्रभा जैन को थोडी दूर जाकर आटो से उतारा तो उनके गले से भी उनकी सोने की चेन गायब हो चुकी थी। यह दोनों मामले कोतवाली पुलिस के संज्ञान में आने के बाद क्षेत्र में इस विशिष्ट कार्यप्रणाली की आपराधिक गैंग को गिरफ्त में लेने के लिए टीआइ कोतवाली नलिन बुधोलिया के नेतृत्व में एक पुलिस दल का गठन किया गया। जब इस पुलिस टीम ने तहकीकात शुरू की तो जानकारी मिली कि इस प्रकार का एक संदिग्ध आटो भोपाल की तरफ गया है, जिसका तकनीकी आधार पर पीछा करने पर आटो का नंबर ज्ञात हुआ। इस आधार पर पुलिस ने आटो चालक मुस्ताक अंसारी निवासी कोलार रोड भोपाल को पकडकर पूछताछ की तो उसने घटना में अपने साथ अनुराधा बुद्ध और रंजीता मराठी के शामिल होने की बात पुलिस को बताई। अनुराधा बुद्ध और रंजीता से पूछताछ करने पर उन्होने सीहोर में इन दोनो घटनाओ को अंजाम देने के अलावा विदिशा और रायसेन में भी इसी प्रकार की वारदात करना कबूल किया।
बुजुर्ग, भोलीभाली महिलाओं को बनातेे थे शिकार
आरोपितों ने अपनी कार्यप्रणाली के बारे में बताया कि वै ऐसी महिलाओ को अपना शिकार बनाते थे जो वृद्ध हो या जिन्हें आसानी से धोखा दिया जा सके। महिलाओं को अपने आटो रिक्शा में बैठाने के बाद चालक आटो को झटके दे देकर चलाता था जिससे महिलाओ के गले से चेन निकालते समय उन्हें इसका आभास न हो। उनके गले से चेन, मंगलसूत्र वगैरह निकालने के तुरंत बाद उन्हें आटो से उतार देते थे। जिससे महिला को उनके सामने ही चोरी हो जाने का पता न लग सके। आरोपी अनुराधा और रंजीता पहले आगरा उप्र में रहती थी जो करीब तीन महिने पहले भोपाल आकर गांधी नगर स्थित झुग्गी झोपडी में रहने लगी और इसी प्रकार की चोरी की वारदातो में संलिप्त हो गई थी। घटना के बाद आरोपियो ने आगरा जाकर अपने किसी पहचान वाले के पास यह चोरी के जेवरात रख दिए थे जिन्हे कोतवाली पुलिस ने आगरा से बरामद कर लिया है। जिनकी कीमत करीब दो से तीन लाख रुपये के बीच आंकी जा रही है।