लाड़ली बहना योजना : भोपाल. प्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सरकार के लिए ट्रंप कार्ड मानी जा रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ’23’ के आंकड़े को लेकर खासी चर्चा में है। योजना का प्रचार-प्रसार बड़े स्तर पर किया जा रहा है। सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए प्रशासनिक मशीनरी भी इसको लेकर दिन-रात एक किए हुए है, लेकिन इस योजना से उन लाड़ली बहनों को मायूसी हाथ लगी है, जो इसके फार्मूला में फिट नहीं बैठ रही हैं।
दरअसल, इस योजना की पात्रता के लिए बनाई गईं शर्तों के मुताबिक इसका लाभ लेने के लिए न्यूनतम आयु 23 साल होने के साथ ही महिला का शादीशुदा होना जरूरी है। अगर किसी महिला की उम्र 23 साल से ऊपर है और उसने शादी नहीं की है, तो वह लाड़ली बहना योजना के लिए पात्र नहीं होगी। ऐसे ही यदि किसी महिला की उम्र 23 साल से कम है और वह शादीशुदा है, उसके बच्चे हैं, तो भी उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उसकी उम्र 23 साल होने पर ही वह योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होगी। प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसी युवतियां हैं, जिनकी उम्र 23 साल से ज्यादा है और उन्होंने शादी नहीं की है, इसलिए ऐसी महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसी युवतियां हैं, जिनकी उम्र 23 साल से कम है, वे शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं, लेकिन वे योजना के लिए पात्र नहीं हैं। सरकार के प्रचार-प्रसार को देखते हुए बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन भरने शिविरों में पहुंच रही हैं, लेकिन उन्हें वहां से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। योजना में उम्र के बंधन को लेकर जनप्रतिनिधयों के पास भी शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनका वे निराकरण करने की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। योजना में महिलों को एक हजार रुपए प्रति महा दिए जाएंगे। आगामी 10 जून से महिलाओं के खाते में यह राशि पहुंचना शुरू हो जाएगी।
योजना में ये महिलाएं होंगी पात्र
- > मध्य प्रदेश में स्थानीय निवासी हों
- > आवेदन के कैलेंडर वर्ष में, 1 जनवरी की स्तिथि में 23 वर्ष पूर्ण कर चुकी हों और 60 वर्ष की आयु से कम हो
- > विवाहित हों, जिनमें विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिला भी शामिल होंगी
- > महिला के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम हो
- > उम्मीदवार के पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं हो
- > परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता नहीं हो और सरकारी नौकरी में नहीं हो
- > परिवार का कोई भी सदस्य वर्तमान अथवा पूर्व सांसद, विधायक व स्थानीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि न हो