इंदौर। बुधवार को 24 मई को देशभर में रिलीज होने वाली अपनी फिल्म भैया जी के प्रमोशन के लिए मशहूर अभिनेता मनोज बाजपेयी इंदौर आए। इस मौके पर मनोज बाजपेयी ने मीडिया से फ़िल्म भैया जी को लेकर चर्चा करते कहा कि फ़िल्म भैया जी में दर्शकों को इस बार बहुत कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जिससे दर्शक खुश हो जाएंगे। यह एक मसाला फ़िल्म है। जिसमें कॉमेडी के साथ एक्शन भी देखने का मिलेगा। साथ ही समाज के लिए एक खास संदेश भी छिपा होगा। मनोज बाजपेयी ने कहा कि भीकू मात्रे का किरदार उनके जीवन का सबसे अलग किरदार रहा है। इस दौरान मनोज बाजपेयी ने बताया कि डायलॉग्स याद करना सबसे मुश्किल काम होता है। उनकी फ़िल्मों में गालियां बडी फेमस है। इस पर उन्होंने बताया कि दर्शक उनके मुंह से गालियां सुनना पसंद करते हैं, लेकिन स्क्रीन पर गालियां देने में मनोज को कोई आनंद नहीं आता है। उन्हें तो ऐसा करना अच्छा भी नहीं लगता है। मनोज ने कहा कि स्क्रिप्ट की मांग ही ऐसी रहती है कि उन्हें ऐसे शब्दों का प्रयोग करना पड़ता है।
थिएटर को करते हैं आज भी याद
मनोज बाजपेयी आज भी थिएटर को काफी याद करते हैं। उन्होंने ने कहा कि वो अपने आप को आज भी सिनेमा का एक्टर नहीं मानते। वो खुद को थिएटर एक्टर के तौर पर जानते हैं। मनोज ने कहा कि वो कभी भी एक प्रोसेस पर ज्यादा नहीं चलते। उन्होंने कहा, मैं समय-समय पर अपने काम करने के तरीकों में बदलाव करते रहता हूं। मनोज कहते हैं कि उन्हें ओटीटी का सितारा कहना सही नहीं होगा। भले ही उन्होंने पिछले कुछ सालों में ज्यादातर ओटीटी बेस्ड फिल्में और सीरीज में काम किया है, लेकिन ऐसा नहीं है कि वो इसी में सिमट कर रह गए हैं।
रात का भोजन छोड़ चुके हैं मनोज
मनोज बाजपेयी ने कहा- मैंने काफी साल पहले से डिनर करना छोड़ दिया है। पहले बड़ी दिक्कतें होती थीं, बाद में सब सही हो गया। अब तो खाने का मन भी नहीं करता।
इंदौर आकर घर जैसा लगता है
मनोज बाजपेयी ने कहा, इंदौर आकर अपने शहर जैसी फीलिंग्स आती है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। यहां का वातावरण और स्वच्छता देखने लायक है। खाने के मामले में इंदौरियों का जवाब नहीं। यहां का लजीज व्यंजन मुझे अक्सर यहां खींच लाता है।