भोपाल । सरकारी स्तर पर होने वाली खरीदी की नीति में बदलाव की कवायद पिछले एक साल से चल रही है। विभागों के बीच सहमति न बनने के कारण यह प्रस्ताव अंतिम रूप नहीं ले पा रहा है। विभागों ने मप्र भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 में खामियां गिनाई है और नियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। एमएसएमई विभाग ने इसको लेकर विभागों से सुझाव मांगे थे। 12 विभागों ने अपने सुझाव दिए हैं। इनमें अधिकांश विभागों ने भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम में कई प्रविधानों को विलोपित करने या नए प्रविधानों को समाहित करने का सुझाव दिया है।
बता दें कि भंडार क्रय व सेवा उपार्जन नियम 2015 मोहम्मद सुलेमान ने लागू किया था। उस समय वे वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग के प्रमुख सचिव थे। इस विभाग का नाम बदलकर बाद में लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) कर दिया गया। इसके बाद अब छह साल बाद एक बार फिर नियम में संशोधन किया जाएगा।
आपूर्तिकर्ताओं की ब्लैक लिस्ट एमएसएमई करेगा तैयार
प्रस्ताव के अनुसार समस्त काली सूची तैयार करने का काम विभागों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लैक लिस्ट फर्म- संस्थानों की सूची व उनसे संबंधित जानकारी जिसमें फर्म का नाम पता कब से कब तक के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है आदि की अद्यतन जानकारी एमएसएमई विभाग द्वारा एकजाई रूप से पोर्टल पर संधारित की जाए व इसे समय समय पर अद्यतन किया जाए। ताकि विभागों को फर्म का चयन करना सुविधाजनक हो और ब्लैक लिस्टेड फर्म को किसी भी प्रकार का कार्यादेश देने की चूक से बचा जा सके।
कम अनुभव वाली स्टार्टअप कंपनियों को नहीं दी जाए विशेष छूट
स्टार्टअप के लिए विशेष प्रावधान दिया जाता है लेकिन कम अनुभव रखने वाली ऐसी कंपनियों को कार्य आवंटन में सफलता न मिलने का जोखिम अधिक है। ऐसे में स्टार्टअप कंपनियों को विशेष प्रावधान न देते हुए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के समकक्ष मानकर ही वे सब लाभ दिए जाएं जो निविदा प्रक्रिया में पूर्व आर्हता सुरक्षा निधि आदि प्रावधानों के अंतर्गत एक सूक्ष्म अथवा लद्यु उद्योग को प्राप्त होते हैं। सेवा क्षेत्र की एक करोड़ से अधिक की निविदाओं मेें विभाग पीक्यूआर के स्थान पर प्रुफ आफ कांसेप्ट को अपना सकता है।
एमपीएसईडीसी में सीधी खरीदी की जा सकेगी
राज्य शासन के उपक्रमों से बिना निविदा आमंत्रित किए खरीदी का प्रविधान करने का सुझाव भी दिया गया है। मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक डेह्वलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) द्वारा मप्र भंडार क्रय तथा सेवा उर्पाजन नियम 2005 के नियम छह आरक्षित सामग्रियां क्रय का उपयोग बिना निविदा आमंत्रित किए सीधे आदेश दे सकेगा या इसका उपार्जन खुली निविदा के माध्यम से करें। एमपीएसईडीसी ने का सुझाव दिया है कि साफ्टवेयर विकास सैटेलाइट इमेज आदि के उपार्जन व विश्लेषण संबंधी कार्य प्रशिक्षण संंबंधी सेवाएं आइटी प्रोजेक्ट फार्मुलेशन एवं इंप्लीटेशंन काल सेंटर सेवाएं बल्क एमएमएस वाट्सएप मैसेज बेस्ट सर्विसेज नेटवक्र्स कनेक्टिविटी डाटा सेंटर सेवाएं एप्लीकेशन होस्टिंग आन क्लाउड कंसलटेंसी सेवाएं बिना निविदा करे सीधे ली जाए।
सरकारी खरीदी के नियम में कई खामियां, एक साल से चल रही बदलाव की कवायद
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