MP: मध्यप्रदेश के पड़ोसी और चुनावी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को हाल ही में महंगाई भत्ता का लाभ मिल गया है, लेकिन मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढऩे के लिए नई सरकार के गठन तक इंतजार करना होगा। नई सरकार के गठन होने के बाद ही प्रदेश के करीब साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया जा सकेगा। दरअसल राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रस्ताव को पहले चुनाव आचार संहिता और मतदान का हवाला देकर मंजूरी देने से चुनाव आयोग ने मना कर दिया था। मतदान के बाद भी आचार संहिता का हवाला देकर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने की मंजूरी प्रदान नहीं की। ऐसी स्थिति में अब तीन दिसंबर को मतगणना होगी और इसके बाद नई सरकार के गठन के बाद ही कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जा सकेगा। हालांकि कर्मचारियों को महंगाई भत्ता तय समय से ही दिया जाएगा, बाकी राशि एरियर के रूप में प्रदान की जाएगी।
नई सरकार बनने के बाद बढ़ेगा प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता
मध्यप्रदेश की राज्य सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग के साथ प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सरकारी कर्मचारियों का केंद्र के समान महंगाई भत्ता करने के लिए 42 प्रतिशत से 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता करने संबंधी प्रस्ताव बनाकर भेजा था, लेकिन इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। जबकि इसी तरह का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। यदि एक-दो दिन में निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल भी गई तो भी महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई राशि नवंबर माह के वेतन में नहीं दी जा सकेगी। वहीं पेंशनर्स को भी लंबा इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि पेंशनर्स के लिए एक प्रस्ताव बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार को भेजा होगा। छत्तीसगढ़ सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही पेंशनर्स की महंगाई राहत बढ़ाई जा सकेगी।