MP : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में सायबर तहसील परियोजना लागू की जाएगी। अभी तक 12 जिलों में ही सायबर तहसील योजना लागू थी। अधिकारियों ने बताया कि आगामी एक जनवरी 2024 से प्रदेश के 55 जिलों में सायबर तहसील परियोजना लागू होगी। परियोजना लागू होने से नागरिकों को सिंगल विंडो सुविधा के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण की सुविधा मिलेगी। इस बारे में अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में जन कल्याण से जुड़े आठ मुद्दों पर चर्चा हुई। कैबिनेट बैठक के प्रारंभ में मुख्य सचिव वीरा राणा ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए उनका पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं के समय सीमा में क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी। महती योजनाओं का क्रियान्वयन गति के साथ पूरा किया जाएगा।
कार्यप्रणाली में गति लाने और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए
अब नागरिकों को जमीन की रजिस्ट्री के बाद स्वचालित प्रक्रिया के माध्यम से नामांतरण की सेवा सभी जिलों में उपलब्ध होगी। सायबर तहसील में ऐसे मामलों का निराकरण किया जाता है जिसमें संपूर्ण खसरा नंबर या संपूर्ण प्लॉट समाहित हैं। मुख्यमंत्री ने विभागों की कार्यप्रणाली में गति लाने और पारदर्शी व्यवस्था लागू कर जन समस्याओं के समाधान के कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। कैबिनेट की बैठक में विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि भ्रष्टाचार मुक्त, सुशासन आधारित कार्यपद्धति विकसित की जानी चाहिए। ताकि नागरिकों को राजस्व एवं अन्य कार्यों के लिए परेशान ना होना पड़े।
मार्कशीट डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था
सीएम मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के तहत 16 सरकारी विश्वविद्यालयों और 53 निजी विश्वविद्यालयों में डिग्री और मार्कशीट डिजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था की जाएगी। मौजूदा वक्त में 9 सरकारी विश्वविद्यालयों और 5 निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू है। दस्तावेज का सार्वजनिक प्रकाशन होने से विश्वसनीयता भी बनी रहेगी। सभी विश्वविद्यालयों में ऐसी व्यवस्था करना है। इनमें विभागों द्वारा संचालित विश्वविद्यालय भी शामिल होंगे। अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। कुछ तहसीलें और विधानसभा क्षेत्र महाविद्यालय विहीन हैं, जबकि कुछ स्थानों पर अधिक संख्या में महाविद्यालय हैं। इसके लिए युक्ति युक्तकरण किया जाएगा।
तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाने का फैसला
कैबिनेट की बैठक मेंसाल 2024 से तेंदूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाने का फैसला किया गया है। अब पारिश्रमिक दर प्रति मानक बोरा चार हजार रुपए होगी। बैठक में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित महाविद्यालयों का पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेडेशन पर भी चर्चा हुई। इन महाविद्यालयों में लाइब्रेरी, लैब, स्मार्ट क्लास, सेमीनार हाल, हॉस्टल और सभी फैकल्टी में अध्यापन और पीजी की सुविधाएं विकसित की जाएंगी । अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आदतन अपराधियों के जमानत पर छूटने के बाद पुन: अपराध की घटना करनेपर जमानत निरस्त कराने के लिए त्वरीत कार्यवाही की जाएगी।