भोपाल। बढ़ते बिजली के खर्च में कटौती करने के लिए नगर निगम अपने सभी कार्यालयों और मुख्यालयों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए निजी कंपनी को टेंडर दिया जाएगा। संबंधित कंपनी निगम के भवनों की दो लाख वर्गफीट छत पर कुल एक मेगावाट का सोलर पैनल लगाएगा। इस काम में पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। आगामी 15 वर्षों तक संचालन और मरम्मत का काम संबंधित ठेकेदार करेगा। नगर निगम के अपर आयुक्त चंद्रप्रताप गोहल ने बताया कि सोलर पैनल लगने से प्रतिदिन चार हजार यूनिट बिजली बनेगी जो नगर निगम को तीन रुपये 36 पैसे प्रति यूनिट की दर से मिलेगी। वर्तमान में निगम बिजली कंपनी से जलकार्य व स्ट्रीट लाइट के लिए 5.90 रुपये प्रति यूनिट और कार्यालय व अन्य भवनों के लिए आठ रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदता है। रूफ टाप सोलर पैनल लगने के बाद निगम को प्रति यूनिट चार रुपये 64 पैसे की बचत होगी।
तीन वर्ष में वसूल हो जाएगी राशि
एक मेगावाट के रूफ टाप सोलर पैनल प्रोजेक्ट में तीन करोड़ रुपये संबंधित ठेका कंपनी और दो करोड़ रुपये नगर निगम को देना होगा। इससे निगम को प्रतिमाह एक लाख 20 हजार यूनिट बिजली मिलेगी और हर माह छह लाख रुपये की बचत होगी। यह राशि सालाना 70 लाख रुपये होगी। कुल मिलाकर आगामी तीन वर्षों में निगम के पैसे वसूल हो जाएंगे। जबकि आगामी 15 वर्षों तक रियायती दर से बिजली मिलती रहेगी।
बड़े तालाब के किनारे लगा है ढाई मेगावाट का पैनल
स्मार्ट सिटी कंपनी ने बड़े तालाब के किनारे ढाई मेगावाट के सोलर पैनल लगाए हैं। यहां 1500 सोलर प्लेटों से प्रतिदिन दो हजार यूनिट बिजली बनती है लेकिन स्वयं का प्लांट होने से इसका बिल नहीं चुकाना पड़ता। इससे बनने वाली बिजली का उपयोग करबला जलशोधन संयंत्र और वीआइपी रोड की स्ट्रीट लाइट को रोशन करने में किया जा रहा है। इससे निगम को हर माह तीन लाख रुपये की बचत हो रही है।