भोपाल। मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। लिहाजा आज से तीज त्योहारों के बीच लोकतंत्र का पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए आगामी 17 नवंबर को प्रदेश में मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इस बीच तीज-त्योहार की रौनक रहेगी तो वहीं पांच राज्यों में लोकतंत्र का पर्व भी मनाया जाएगा। मतदान से लेकर चुनाव परिणाम आने के पहले देश में कई सारे पर्व मनाए जाएंगे। इसके चलते चुनाव इस बार विशेष हो गए है। चुनाव से ठीक पहले जहां दीपोत्सव है तो इससे पहले अक्टूबर में नवरात्र में गरबे की गूंज सुनाई देगी। बाजारों में नवदुर्गा की भक्ति के महापर्व का आज से आगाज हो रहा है। पांडालों में माता की स्थापना के साथ गरबा पांडाल तैयार हो गए हैं। इधर प्रशासन ने भी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। त्योहार की शुरुआत 15 अक्टूबर नवरात्र पर माता रानी की घट स्थापना के साथ आज से हो रही है। आगामी 32 दिनों में नवरात्र, विजयादशमी, शरद पूर्णिमा, करवा चौथ है। पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत 10 नवंबर से होगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर बड़े गरबा आयोजन लगभग हर शहर में होने जा रहे है। इसके अलावा नवरात्र के दौरान नौ दिन हवन के लिए भी जगह-जगह भीड़ उमड़ेगी। दीपोत्सव के दौरान महालक्ष्मी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़़ती है।
गरबा आयोजन पर जिला निर्वाचन टीमों की रहेगी नजरें
आचार संहिता के कारण नवरात्र में गरबा पांडालों से लेकर आयोजन स्थल पर प्रशासन खास निगाह रखेगा। आयोजनकर्ताओ को माता की स्थापना से लेकर गरबा आयोजन की अनुमति लेनी होगी तो रात्रि में लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध के कारण समय का ध्यान रखना होगा। सुबह 6 से रात्रि 10 बजे तक लाउड स्पीकर उपयोग की अनुमति दी जाएगी। रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक इसका उपयोग पूणज़्त: प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंध की अवधि में उपयोग पाए जाने पर लाउड स्पीकर को जब्त कर लिया जाएगा। इसके अलावा नेताओं द्वारा पूजन के दौरान चढ़ाई जानेवाली भेंट पूजा और अन्य नगदी दिए जाने पर भी आयोगी पैनी नजर है।
आचार संहिता में त्योहार
- 15 अक्टूबर को नवरात्र स्थापना
- 22 अक्टूबर दूर्गा पूजा अष्टमी
- 23 अक्टूबर दूर्गा महानवमी पूजा
- 24 अक्टूबर को विजयादशमी
- 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा
- 01 नवंबर करवा चौथ
- 10 नवंबर धनतेरस
- 11 नवंबर त्रयोदशी
- 12 नवंबर दीपावली
- 13 नवंबर अमावस्या
- 14 नवंबर गोवर्धन पूजा
- 15 नवंबर भाईदूज, बिरसामुंडा जयंती
- 16 नवंबर से छठ उत्सव
- 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी