बालाघाट: नक्सलियों ने पुलिस की मुखबिर करने के शक में एक युवक का अपहरण किया फिर उसकी हत्या कर दी। अब नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दी है। परसवाड़ा थानान्तर्गत चीनी-कुकड़ा मार्ग पर एक बैनर लगाया है। जिसमें लिखा है कि पुलिस भर्ती के नाम पर मुखबिर की भर्ती कराई जा रही है।
दरअसल, बालाघाट के लांजी थानान्तर्गत ग्राम पोसेरा निवासी देवेंद्र यादव (22) अपने साथी अवधेश के साथ विगत 16 सितम्बर की शाम जंगल स्थित दहियान में गया था। उसी दौरान अवधेश मवेशियों को लेने जंगल चला गया और देवेंद्र दहियान में रूक गया। अवधेश वापस लौटा तो उसने दहियान में देवेंद्र गायब था लेकिन उसकी बाइक और मोबाइल वहीं पर था। वहां पर दो कागजों में लाल स्याही से लिखा पत्र भी मिला था। जिसमें देवेंद्र पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया गया था और उसे मौत की सजा दिये जाने का उल्लेख किया गया था।
पुलिस को दी है खुली चुनौती
लेटर में लिखा था कि पुलिस लोगों को एक-दूसरे से लडवाकर मरवाने का काम करती है। विस्थापित और विनाश करती है, लोगों से अपील है कि पुलिस से दूर रहें। लेटर में मलाजखंड एरिया कमेटी भाकपा माओवादी जिंदाबाद लिखा हुआ था। लापता युवक का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर चौरिया पहाड़ी के जंगल में मिला था। पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
युवाओं को लेकर लिखी है बड़ी बात
इस घटना के बाद नक्सलियों ने बैनर लगाया है। जिसमें लिखा है कि बालाघाट में पुलिस भर्ती के नाम पर मुखबिर की भर्ती कराई जा रही है। युवा-पीढ़ी के भाई-बहनों को मुखबिर बनाया जा रहा है। युवा पीढ़ी को इसका विरोध करना चाहिए। सरकार रोजगार देने के नाम पर युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद करती है। युवाओं को पुलिस बनाकर वर्दी दें, मुखबिर बनाकर बदनाम नहीं करें। मुखबिर बनने पर अपनी जान के जिम्मेदार स्वयं, शासन तथा बालाघाट पुलिस होगी। आईजी साहब की शक दूर हो जायेगी, क्योंकि एरिया कमेटी के द्वारा अगवा किये गया देवेंद्र हमारे खिलाफ नहीं जायेगा।
अमित शाह ने तय की है डेडलाइन
बैनर पोस्टर पर माओवादी भाकपा एवं परसवाड़ा दलम का उल्लेख किया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने नक्सली उन्मूलन के लिये मार्च 2026 की डेटलाइन तय की है। बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने बताया कि देवेंद्र यादव पुलिस विभाग का मुखबिर नहीं था। वह दूध का कारोबार कर परिवार का भरण-पोषण करता था। युवक का अपहरण तथा हत्या करने के मामले में लांजी पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा बैनर-पोस्टर मिलने पर लांची तथा परसवाडा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।