भोपाल। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के इंजीनियर जर्नादन सिंह की सेवाएं मूल विभाग को सौंप दी गई हैं। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कार्पोरेशन की सहायक यंत्री रही हेमा मीणा के यहां लोकायुक्त पुलिस ने 11 मई को एक साथ कई ठिकानों पर छापा मारा था। छापे में हेमा मीणा के ठिकानों से करीब 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति पाई गई थी। मीणा ने भोपाल के 19 किलोमीटर दूर बिलखिरिया थाना क्षेत्र में 20 हजार वर्गफीट में एक करोड़ का आलीशान फार्म हाउस पिता के नाम बनवाया है।
हेमा मीणा ने करोड़ों की संपत्ति भी अपने पिता के नाम से खरीदी है। 30 हजार रुपए महीने की संविदा पर पदस्थ रही उप यंत्री फिर सहायक यंत्री हेमा मीणा ने 13 साल की नौकरी में 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति बनाई है। लोकायुक्त छापे में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने हेमा मीणा को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके बाद जांच मे सामने आया कि हेमा मीणा पर कार्पोरेशन में पदस्थ इंजीनियर जर्नादन सिंह का पूरा हाथ होने के कारण उसने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया। जर्नादन सिंह को हेमा को मिले प्रोजेक्ट के निरीक्षण की जिम्मेदारी थी, लेकिन सिंह ने यह जिम्मेदारी नहीं निभाई। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार कुछ ठेकेदारों ने जर्नादन सिंह की करोड़ों की अवैध कमाई थी हेमा मीणा और उसके पिता के नाम से निवेश किए जाने के आरोप लगाए हैं।
हेमा मीणा की सरपरस्ती में हुए हैं निलंबित
पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के इंजीनियर जर्नादन सिंह की सरपरस्ती के कारण ही हेमा मीणा ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया, ऐसे तथ्य कार्पोरेश द्वारा कराई गई जांच में सामने आया। इसके बाद सिंह को निलंबित कर दिया गया था। अब सिंह को पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने मूल विभाग लोक निर्माण विभाग को सेवाएं वापस कर दी हैं।
16 वर्ष से थे पदस्थ
जर्नादन सिंह को पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के रसूखदार इंजीनियर माना जाता रहा है। वह करीब 16 वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में गए थे। विभाग ने कई बार कार्पोरेशन को पत्र लिखकर सिंह की सेवाएं मूल विभाग को लौटाने को कहा था, लेकिन कार्पोरेशन ने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी होने का हवाला देकर हर बार मना कर देता था।