भोपाल। शनिवार को विश्व बाघ दिवस पर जारी किए गए बाघों के आंकड़ों में प्रदेश फिर टाइगर स्टेट बन गया है। टाइगर स्टेट बनने के साथ प्रदेश मे 526 से बाघों की संख्या बढ़कर 785 हो गई है। बड़ी संख्या में बाघों का आंकड़ा बढऩे के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बाघों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने के साथ संरक्षित वन क्षेत्रों से 202 गांवों को बाहर निकालना और घास के मैदान बढ़ाना माना जा रहा है।
सरकार और वन विभाग ने अभियान चलाया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश अब टाइगर स्टेट, तेंदुआ स्टेट, घडिय़ाल स्टेट और वल्चर स्टेट भी हो गया है। प्रदेश में 785 बाघ हैं। प्रदेश में लगातार टाइगर स्टेट का तमगा बरकरार रखने पीछे की वजह वन विभाग का अच्छा मैनेजमेंट और बाघ के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को जमीन पर उतारना है।
प्रदेश के जंगलों में बाघों को सुरक्षित क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार और वन विभाग ने अभियान चलाया। इसमें सबसे पहले 202 गांवों को बाघों के लिए संरक्षित क्षेत्र से बाहर किया गया। इससे प्रोडक्टिव लैंड ग्रास लैंड में परिवर्तित हुई। इससे शाकाहारी प्राणियों की संख्या बढऩे से बाघों को भी आसानी से शिकार उपलब्ध हुए। बाघों की सुरक्षा के लिए मॉनीटरिंग सिस्टम को बेहतर किया गया।
अवैध शिकार रोकने भी प्रयास किए
पीसीसीएफ वन्य प्राणी असीम श्रीवास्तव के अनुसार मोबाइल एप से पेट्रोलिंग की मॉनीटरिंग की गई। साथ ही इसमें सामने आने वाली कमियों को दूर किया गया। श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध शिकार को रोकने और बाघों की सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठाए गए। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स का गठन किया गया। इसका दायरा बढ़ाया गया। अपराधियों को पकड़कर सजा दिलाने का काम किया गया। ग्रामीणों के साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम किया गया। वहीं, जगल में विकास के कार्यों से वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए ब्रिज का निर्माण किया गया।
1850 बीट में बाघों की मौजूदगी
प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ में है। इस इलाके में 165 बाघों की मौजूदगी मिली है। यहां पर 2018 में 124 बाघ थे। 2014 में 700 बीट में बाघों की उपस्थिति थी, जो 2018 में बढ़कर 1400 बीट हो गई थी। अब 2022 में यह 1850 बीट में बाघों की उपस्थिति मिली है। टाइगर रिजर्व के अलावा घने जंगलों में भी बाघ की मौजूदगी मिली। यहां पर बाघों ने अपनी टेरिटरी बनाई है।
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह मध्य प्रदेश का ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। यहां शेर आसानी से देखा जा सकता है। बाघों का गढ़ (बांधवगढ़) 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।