मध्यप्रदेश के दतिया शहर के मौनी बाबा ने 1980 में प्रण लिया था कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है वह न तो अन्न ग्र्रहण करेंगे और न ही एक भी शब्द बोलेंगे और तो और उन्होंने 1984 में इसी जिद के चलते पैरों में चप्पल जूते पहनना भी छोड़ दिया। उन्हें यह कठिन व्रत धारण किये हुए 40 साल का समय बीत चुका है। राम मंदिर निर्माण और भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह जो 22 जनवरी को होने जा रहा है उसके निमंत्रण पत्र का इंतजार है। अपना यह कठिन व्रत वह अयोध्या जाकर ही तोडऩा चाहते हैैं। लेकिन निमंत्रण पत्र नहीं मिलने से थोड़ा निराश हैैं। पिछले 44 सालों से उन्होंने अनाज से बनी कोई भी भोजन ग्र्रहण नहीं किया है। वह खाने केवल फल खाकर जीवन गुजार रहे हैैं। 40 साल से उन्होंने मौन व्रत धारण किया हुआ है। मौनी बाबा के लिये अयोध्या में होने वाला राम भगवान का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बहुत अहम है। बातचीत करने के लिये बाबा एक स्लेट और चाक का उपयोग करते हैैं और किसी से भी बातचीत का माध्यम यही स्लेट और चाक होती है जिसके माध्यम से लिखकर वह लोगों को जवाब देते हैैं। राम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण नहीं मिलने से दुखी मौनी बाबा ने दतिया जिले के अधिकारियों के द्वारा एक ज्ञापन पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें राम प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया जाएगा। 22 जनवरी को होने वाले राम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मौनी बाबा अपना मौन व्रत तो तोड़ ही देंगे साथ ही वह संभवत: अन्न ग्र्रहण करना भी शुरू कर देंगे।
निमंत्रण का इंतजार करते इस संत ने, राम की जिद में गुजार दिये है 40 साल, न बोला एक भी शब्द, न खाया खाना
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