श्योपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने के बाद हेलिकॉप्टर से करहाल (श्योपुर) पहुंचे। वे यहां महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल हुए। यहां प्रधानमंत्री 'प्रधानमंत्री कौशल विकास' योजना के तहत चार कौशल केंद्रों का उद्घाटन करेंगे। ये योजनाएं विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए काम करेंगी ग्वालियर-चंबल संभाग में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 1 लाख महिलाओं के इस सम्मेलन में शामिल होने का दावा है। हर कोई आदिवासी रंग में रंगा नजर आ रहा है। आदिवासी वेशभूषा और आदिवासी नृत्य करते हुए लोग कार्यक्रम में पहुंचे।केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने श्योपुर आने पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार मानते हुए कहा- ये श्योपुर जिला बहुत ही छोटा है। लेकिन, प्राकृतिक संपदा से पूरी तरह परिपूर्ण है। इस जिले में दो विधानसभा हैं। इस क्षेत्र में जंगल हैं। शिव भगवान के कई मंदिर हैं, इसी कारण इसे श्योपुर नाम दिया गया है। आज गांव के गरीब किसनों से मिलने के लिए, हमारी बहनों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं। श्योपुर में अभयारण्य बनाने के लिए लोग विस्थापित हो गए, इंतजार करते रहे क्षेत्र आगे बढ़ेगा। लेकिन, ये इंतजार ही रहा। 2014 में पीएम मोदी ने पद संभाला। इसके बाद उनसे अनुरोध किया। पीएम मोदी ने कहा- हम श्योपुर चलेंगे तो खाली हाथ नहीं चलेंगे। जब पहुंचेंगे तो चीते के साथ ही इस अभयारण्य का शुभारंभ करेंगे।
मंच पर सिर्फ PM मोदी का फोटो
करहाल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में आयोजित सम्मेलन के लिए पांच डोम बनाए गए हैं। मुख्य बड़े डोम के अलावा चार छोटे डोम हैं। यहां बने मंच में एक फ्लैक्स लगाया गया है, जिसमें सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो है।
प्रधानमंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
दोपहर 2.15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
दोपहर 2.20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना होंगे।
PM मोदी ने कूनो में छोड़े चीते
भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने भारत की सरजमीं पर पहला कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारैंटाइन बाड़े में छोड़ा। रिकॉर्डेड भाषण में PM मोदी ने चीते भेजने के लिए नामीबिया का आभार माना।