Monday, December 23, 2024
Homeट्रेंडिंगदेश का अनोखा मंदिर, जहां दर्शन मात्र से मिलती है नागदोष से...

देश का अनोखा मंदिर, जहां दर्शन मात्र से मिलती है नागदोष से मुक्ति

सनातन धर्म में देवी देवताओं की आराधना व पूजा पाठ के अलावा उनके पवित्र स्थलों को भी विशेष महत्व दिया जाता है। हमारे देश में वैसे तो कई ऐसे अनोखे मंदिर है जो अपने आप में अद्भुत और अलौकिक माने जाते है। लेकिन आज हम आपको नागेश्वर महादेव मंदिर के बारे में आपको बता रहे है। यह पवित्र मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना जाता है। जिसे द्वारका के नागेश्वर महादेव मंदिर के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है। यह मंदिर गुजरात के द्वारका धाम के 17 किलोमीटर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है।

नागेश्वर मंदिर की महिमा

नागेश्वर मंदिर द्वारकानगरी की सीमा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। नागेश्वर का अर्थ है भगवान शिव द्वारा दोषों से मुक्ति। रुद्र संहिता में शिव को ‘दारुकावन नागेशम’ के रूप में बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नागेश्वर को पृथ्वी का प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। भगवान दारुकावने नागेशं जिन्हें नागों का भगवान माना जाता है। वे भक्तों की हर परेशानी को दूर कर देते है। भगवान शिव की गर्दन पर जो नाग चारों ओर से लिपटा है उसे ही नागों का देवता यानी दारुकावने नागेशं कहा गया है। यह दर्शन पूजन से भक्तों की हर परेशानी व दुख का हल हो जाता है साथ ही ज्योतिष अनुसार जिन जातकों की कुंडली में नाग, कालसर्पदोष होता है वे लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए जरूर आए। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन व अलग अलग धातुओं से बने नाग नागिन अर्पित करने से नागदोष व कालसर्प दोष से राहत मिल जाती है

Nageshwar Temple 1

नागेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, दारूका नाम की एक राक्षस कन्या से मां पार्वती की कठिन तपस्या करके उन्हें प्रसन्न करके वरदान प्राप्त किया। वरदान मांगते हुए दारुका ने कहा कि हम दारुका वन नहीं जा सकते हैं, लेकिन वहां पर कई प्रकार की दैवीय औषधियां है। सद्कर्मों के लिए हम राक्षसों को उस वर में जाने का वरदान दें। ऐसे में मां पार्वती ने उन्हें वरदान दे दिया। लेकिन जैसे ही उन्हें वरदान मिला वैसे ही उन्होंने वन में उत्पात मचाना शुरू कर दिया और वन को देवों से छीन लिया। इसके साथ ही वन में रहने वाले शिव भक्त सुप्रिया को बंदी बना लिया। ऐसे में सुप्रिया ने शिव जी की तपस्या करके राक्षसों से खुद का बचाव और उनका नाश का वरदान मांग लिया। अपने भक्त की आवाज सुनकर भगवान शिव एक बिल से प्रकट हुए और उनके साथ ही चार दरवाजों का एक सुंदर मंदिर प्रकट हुआ और बीच में एक दिव्य ज्योतिर्लिंग प्रकाशित हो रहा था। भक्त सुप्रिया ने विधिवत तरीके से शिव जी की पूजा की और वरदान में राक्षसों का नाश मांग लिया।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है pradeshlive.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group