Garuda Purana: मृत्यु ही जीवन का अंत है। लेकिन गीता में बताया गया है कि मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है आत्मा नहीं। आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नए शरीर को धारण करती है। गरुड़ पुराण में कुल 84 लाख योनियों के बारे में बताया गया है। इसमें मनुष्य योनि को सबसे श्रेष्ठ योनि माना गया है। व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के बाद ही मनुष्य योनि में जन्म मिलता है।
गरुड़ पुराण सनातन धर्म का एक ग्रंथ है, जिसमें मुख्य तौर पर मृत्यु और मृत्यु के बाद होने वाली घटनाओं के बारे में बताया गया है। गरुड़ पुराण में यह बताया गया है कि किस तरह के कर्म करने से व्यक्ति को नर्क का सामना करना पड़ता है। गरुड़ पुराण में अलग-अलग कर्मों के लिए भिन्न-भिन्न दंड निर्धारित किए गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को अपने कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नरक भोगने के बाद अगला जन्म मिलता है।
गरुड़ पुराण जैसे पुराणों में जन्मों के बारे में विभिन्न कर्मों का विवरण दिया गया है, लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है कि जन्मों का विषय आध्यात्मिक प्राथमिकताओं, धार्मिक आचरण और नैतिकता के साथ जुड़ा हुआ है।
इन पुराणों में उन्होंने विभिन्न कर्मों के आधार पर अगले जन्म के विषय में कहानियाँ और उपदेश दिए हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है और इसे व्यक्तिगत योग्यताओं और आचरण के संदर्भ में समझना चाहिए।
किन लोगों का होता है उल्लू के रूप में पुनर्जन्म
कुछ लोगों को दूसरों को मूर्ख बनाने में बड़ा मजा आता है। अपनी चालाकी के चलते जो लोग दूसरों को मुर्ख बनाकर उनका लाभ उठा लेते हैं या काम निकलवा लेते हैं। ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद नरक में स्थान मिलता है। साथ ही ऐसे लोग अगले जन्म में उल्लू के रूप में जन्म लेते हैं।
गाली-गलौच करने वाले
गरुड़ पुराण के अनुसार कंठ में मां सरस्वती वास करती हैं। इसलिए जिन लोगों की वाणी में मधुरता नहीं होती और जो दूसरों को बुरा-भला कहते हैं या हमेशा गाली-गलौच करते हैं उनका अगला जन्म बकरे के रूप में होता है।
इस कर्मों को माना गया है महापाप
गरुड़ पुराण के अनुसार, गौ हत्या, भ्रूण हत्या, महिलाओं की हत्या करना महापाप माना गया है। ऐसा करने वालों को अगले जन्म में चांडाल योनि प्राप्त होती है। वहीं गुरु का अपमान करने वाला व्यक्ति अगले जन्म में नरभक्षी के रूप में पैदा होता हैं। जिसे जन्म से मृत्यु तक कई तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं।
इन कर्मों पर किस योनि में मिलता है जन्म
जो व्यक्ति धर्म, वेद, पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अपमान करता है या ईश्वर में श्रद्धा नहीं रखता वह दंड का भागी माना जाता है। ऐसे लोगों को अगले जन्म में कुत्ते के रूप में जन्म मिलता है। वहीं गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति मित्र के साथ छल करता है उसका अगला जन्म गिद्ध के रूप में होता है।
अन्न की चोरी करने वाला चूहा, जल की चोरी करने वाला चातक, शहद चुराने वाला मधुमक्खी बनता है.
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