दुनिया कई तरह के रहस्यों से भरी पड़ी है। ऐसी कई चीजें हैं, जिनका जवाब आज तक कोई नहीं दे पाया है। वैज्ञानिक भी ऐसी कई रहस्यमयी पहेलियों की जवाब ढूंढते हुए थक जाते हैं। रावण के भाई कुंभकरण के बारे में तो सभी लोग जानते हैं कि वह किस तरह छह महीने तक लगातार सोता रहता था और छह महीने खाता था। अगर हम आपसे कहें कि दुनिया में एक ऐसा गांव है जहां लोग एक बार सोते हैं, तो महीनों तक उनकी नींद नहीं खुलती है। जी हां.. इस गांव में रहने वाले व्यक्ति महीनों तक गहरी नींद में सोते रहते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर ये गांव कहां है।
दुनियाभर में कई जगहें अजीबोगरीब चीजों के लिए जानी जाती हैं। इसी तरह कजाकिस्तान में एक गांव के लोग कई-कई महीनों तक सोते रहते हैं. कजाकिस्तान के कलाची गांव में हर व्यक्ति के सोने की अवधि कम से कम एक महीना है.आप मानें या ना मानें यहां अगर कोई व्यक्ति सो गया तो कम से कम महीने भर तक तो नहीं उठेगा. इसीलिए ये गांव स्लीपी हॉलो के नाम से भी दुनियाभर में पहचाना जाता है. इस गांव में कुछ लोगों का हाल तो ऐसा है कि अगर वे नींद में गए तो आपकी लाख कोशिशों के बाद भी नहीं जागेंगे. अगर उनके पास बम भी फूट जाए तो भी उनकी नींद नहीं टूटेगी.
सड़क के बीच में सोए रहते हैं लोग
कलाची के लोग लंबी और गहरी नींद को एंजॉय नहीं करते बल्कि वे इससे काफी परेशान हैं. कई बार ऐसा भी हुआ कि कोई व्यक्ति सड़क के बीच में ही सो गया. फिर कई महीनों तक वहीं पड़ा सोता रहा. कलाची गांव की कुल आबादी 600 के आसपास है. कुछ रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल आबादी में से 14 फीसदी लोगों के साथ्ज्ञ लंबी और गहरी नींद की समस्या है.

कब सामने आई ये अजीबोगरीब बीमारी?
कलाची गांव में हमेशा से ऐसे हालात नहीं थे. दरअसल, पहली बार 2010 में एक स्कूल में इससे जुड़ा मामला सामने आया था. तब कुछ स्टूडेंट्स क्लासरूम में सो गए. ये सभी स्टूडेंट्स लगातार कई दिन तक सोते रहे. स्कूल मैनेजमेंट और टीचर्स ने इन्हें उठाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनमें से एक भी बच्चा नींद से नहीं जागा. इसके बाद धीरे-धीरे गांव के 14 फीसदी लोगों ने इस परेशानी का अहसास किया.
क्या है इसके पीछे की वजह?
कलाची गांव की इस अजीबोगरीब बीमारी के पीछे की वजह जानने की कोशिश दुनियाभर के वैज्ञानिक कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी इस बीमारी के पीछे किसी ठोस कारण का दावा नहीं कर पाया है। कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक, गहरी और लंबी नींद में जाने के लिए कोई खास बीमारी जिम्मेदार है, लेकिन वे इस दावे के लिए कोई तथ्य पेश करने में सक्षम नहीं हैं।
वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
वैज्ञानिकों ने कलाची के लोगों की नींद को लेकर कई शोध किए. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस गांव का प्रदूषित पानी भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार है. वैज्ञानिकों ने कई तरह के मेडिकल टेस्ट के बाद पाया कि गांव के पानी में कार्बन मोनो-ऑक्साइड है. इसी वजह से लोग कई-कई महीनों तक सोए रहते हैं. गांव के भू-जल में कार्बन मोनो-ऑक्साइड पास की उस यूरेनियम खदान से आया है, जिसका कई साल से इस्तेमाल नहीं हुआ है. नींद की बीमारी के कारण कलाची गांव के लोगों का जीवन काफी मुश्किल हो गया है