लंदन। यूरोपीय देशों में स्वीडन के क्विक्कजोक-अरेनजारका में पारा शून्य से 43.6 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे गिर गया। यह स्वीडन में 25 वर्षों में दर्ज जनवरी का सबसे कम तापमान है। उधर, अधिक ठंड और बर्फीले तूफान के कारण स्कैंडिनेविया में स्कूलों को बंद कर दिया गया, जबकि पश्चिमी यूरोप में तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते बाढ़ में एक की मौत हो गई।
लगातार तीसरे दिन नॉर्डिक क्षेत्र में तापमान शून्य से 40 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे गिर गया। पूरे नॉर्डिक क्षेत्र में परिवहन बाधित होने से कई पुल बंद हैं और कुछ ट्रेनें व नौका सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं। डेनमार्क में पुलिस ने मोटर चालकों से अनावश्यक यात्राओं से बचने का आग्रह किया हैै। साइबेरिया, आर्कटिक क्षेत्र की शीतलहर पश्चिमी रूस में भी पहुंच गई है, जिससे तापमान शून्य से 30 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे गिर गया है।
उत्तरी लैपलैंड में जल संकट
स्वीडन में 25 वर्षों में जनवरी की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। उत्तरी लैपलैंड क्षेत्र में तापमान शून्य से 38.7 सेल्सियस नीचे जाने से पानी के पाइप जमने से जलसंकट कई घटनाएं सामने आईं हैं। इस कारण टाम्परे शहर में लोगों को बिना पानी के रहना पड़ रहा है। कुछ दिन यही स्थिति रह सकती है।
फिनलैंड में भी तापमान शून्य से नीचे
पड़ोसी मुल्क फिनलैंड के उत्तरी लैपलैंड क्षेत्र में मंगलवार शाम को शून्य से 38.7 सेल्सियस नीचे का मौसमी रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इस इलाके में भी ट्रेनें बाधित हुईं। पानी के पाइप जमने की भी कई घटनाएं सामने आईं और फिनिश ब्रॉडकास्टर वाईएलई ने कहा कि मंगलवार को टाम्परे शहर में लगभग 300 लोग बिना पानी के रह गए। अगले कुछ दिनों में ठंड का रुख दक्षिण की ओर बढ़ने की उम्मीद है, फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी के निवासियों को पहले से ही बुधवार को तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे तक बढ़ने का अनुमान है।