संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में अयोध्या जैसा ही भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात में बनने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा मंदिर होगा जो कि 55 हजार वर्ग मीटर में आकार ले रहा है। इस मंदिर के निर्माण के लिये इंडिया से कलाकारों को वहां बुलाया गया है। जब प्रधानमंत्री 2015 में संयुक्त अरब अमीरात आये थे तब भी इस मंदिर को लेकर काफी जोरों से चर्चा हुई थी। इस मंदिर का निर्माण भी अंतिम चरण में चल रहा है। अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि मंदिर परिसर में 10000 हजार लोग रह सकेंगे। परिसर में प्रवेश के साथ ही दो भव्य फव्वारे दिखाई देंगे। इन दोनों फव्वारों को भारत की महान नदियों गंगा और यमुना का प्रतीक बताया गया है। इस मंदिर परिसर में सभी धर्मों को प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर के निर्माण में गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। बताया जाता है कि यह पत्थर हजारों वर्ष तक क्षतिग्र्रस्त नहीं होता है। सफेद संगमरमर का प्रयोग भी इस मंदिर में किया गया है। इस मंदिर के परिसर में ही प्रार्थना कक्ष, प्रदर्शनी स्थल, अध्ययन के स्थान, खेल मैदान, गार्डन, फूट कोर्ट और साथ ही पार्किंग का भी निर्माण किया जा रहा है। धार्मिक पुस्तकों और गिफ्ट आइटमस की दुकानों के लिये भी स्थान निर्धारित किया गया है। लागत की बात करें तो इस मंदिर के निर्माण पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
जानकारी दी गई है कि 2024 में 15 फवरी को इस मंदिर का उद्घाटन किया जाना है। इसके लिये भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस समारोह में आमंत्रित किया गया है और इसका निमंत्रण पत्र भी प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया है। मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पीएम मोदी ने गत दिवस बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (बीएपीएस) का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।। कहा जा रहा है कि इस भव्य मंदिर के अबू धाबी में निर्माण होने के बाद भारत और संयुक्त अरब अमीरात की दोस्ती और सद्भाव और अधिक मजबूत और नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगे।
मंदिर की आधारशिला मोदी ने ही रखी
अबू धाबी में बनने वाले इस भव्य मंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने ही रखी थी। इसकी पहल भी नरेंद्र मोदी ने ही की थी। उस समय मोदी ने कहा था कि अबू धाबी का यह मंदिर विश् का भारत की आध्यात्मिक शक्ति से परिचित करायेगा। साथ ही भारत की विश्व बंधुत्व की भारतीय परंपरा से को जनमानस में पहुंचाएगा। भारत के बाहर विदेश में और किसी मुस्लिम देश में बनने वाला यह सबसे पहला और भव्य मंदिर होगा।