MP News: मध्य प्रदेश के 44 जिलों में 101 रेत की खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश सरकार ने रेत खदानों की नीलामी प्रक्रिया का जिम्मा खनिज निगम को सौंपा है. रेत की खदानें अगले तीन साल के लिए नीलाम की जाएगी. मप्र सरकार ने इस बार 1500 करोड़ रुपए के मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित किया है. रेत खदानों का संचालन खनिज निगम ही करेगा. अक्टूबर 2023 से उत्खनन शुरू हो सकता है. निविदा में आने वाले अधिकतम मूल्य को आधार बनाकर खदानों की बोली लगवाई जाएगी. यह खदानें तीन साल के लिए नीलाम होंगी. माना जा रहा है कि अक्टूबर 2023 से रेत खदानों में उत्खनन प्रारंभ हो जाएगा.
नर्मदापुरम में होंगे तीन समूह
रेत उत्खनन के मामले में मप्र में नर्मदापुरम सबसे बड़ा जिला है. नर्मदापुरम में तहसील स्तर पर तीन समूह बनाए गए हैं, जबकि 43 जिलों में जिला स्तर पर ही रेत समूह नीलाम होंगे. नर्मदापुरम जिले में तीनों रेत खदानों का निविदा के लिए प्रारंभिक आधार मूल्य 160 करोड़ (75, 55 और 30 करोड़) रुपए निर्धारित किया गया है. इस तरह सभी 44 जिलों में रेत खदानों का प्रारंभिक निविदा मूल्य 779 करोड़ रुपए रखा गया है.
रेत नीलामी का जिम्मा खनिज निगम का
मप्र सरकार ने रेत खदानों की नीलामी प्रक्रिया का जिम्मा खनिज निगम को सौंपा है. रेत खदानों का संचालन खनिज निगम ही करेगा. इस बार पहली बार खनिज निगम सभी तरह की जरूरत अनिमतियां लेकर ही ठेकेदारों को सौंपेगा. ऐसे में रेत ठेकेदानों को किसी तरह की परेशानी से नहीं जूझना होगा. इससे पहले ठेकेदार ही इस तरह की अनुमतियां लेते हैं, नतीजतन एक-एक साल तक ठेकेदार अनुमति नहीं ले पाते थे और वे बीच में ही रेत ठेके छोड़ देते थे.
तीन साल में निकली तीन करोड़ घन मीटर रेत
बता दें इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में साल 2019 में रेत खदानें नीलाम हुई थीं, इस दौरान 1400 करोड़ का मुनाफा हुआ था. इस बार 1500 करोड़ रुपए का मुनाफा तय किया गया है. नीलामी के तीन में 3 करोड़ 11 लाख घन मीटर रेत निकाली जाएगी, इसमें सबसे अधिक 64 लाख घन मीटर रेत नर्मदापुरम जिले की खदानों से निकाली जाएगी.