भोपाल। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक ब्रिज निर्माण की एनओसी देने के लिए घूस मांगने वाले रेलवे के उप मुख्य अभियंता (डिप्टी चीफ इंजीनियर) संजय कुमार निगम सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। संजय कुमार निगम अपने मातहत कर्मचारी के जरिए ठेका कंपनी से घूस ले रहे थे। घूस देने के आरोप में ठेका कंपनी के महाप्रबंधक को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। रेलवे अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा सहित चार शहरों में आधा दर्ज ठिकानों पर सर्चिंग की है।
रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर
सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार ब्रिज निर्माण की एनओसी देने के बदले रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर संजय कुमार निगम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत ली है। हालांकि निगम ने रुपए नहीं लिए, लेकिन जबलपुर में गिरफ्तार रेलवे के कर्मचारी ने निगम के लिए घूस लेने का दावा कर रहा है। कार्रवाई के दौरान गड़बड़ी से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले से जुड़े नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानकर जांच कर रही है।
जबलपुर के नीलंबरी केस्ट में पकड़ाए
रेलवे के अधिकारी के लिए कर्मचारी द्वारा रिश्वत लेने और ठेका कंपनी श्रीजी के महाप्रबंधक द्वारा घूस देने की कार्रवाई जबलपुर के नीलंबरी गेस्ट हाउस में हुई है। सोमवार दोपहर भोपाल सीबीआई की टीम ने घूस देने और लेने वाले को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक टीम ने रेलवे के अधिकारी एसके निगम को भी हिरासत में लिया है। इस मामले में फिलहाल कोई फरियादी नहीं है। एक मुखबिर से घूस के लेनदेन की सूचना के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है।
रेलवे टेक्नीशियन ने ली घूस की राशि
श्रीजी कंपनी के महाप्रबंधक पाल ने निगम के लिए घूस की राशि रेलवे के टेक्नीशियन राकेश चौकसे को दी थी। निगम के कहने पर ही राशि चौकसे को दी गई। इस मामले में सीबीआई ने रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर एसके निगम, टेक्नीशियर राकेश चौकसे और ठेका कंपनी के जीएम राम सजीवन पाल को गिरफ्तार किया है।