मध्यप्रदेश के सीहोर जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के कारण आई फ्लू यानी कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। आंखों में इन्फेक्शन होने पर बच्चों को स्कूल न जाने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर प्राइवेट स्कूलों ने भी इस संबंध में तेजी लाते हुए बच्चों के परिजनों को आगाह किया है।
कंजेक्टिवाइटिस संक्रमण के लक्षण
आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, इससे खासकर स्कूली बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इससे आंखे लाल होकर सूज जाती है। आंखों से खून भी आ सकता है। आंखों में खुजली और जलन होती है। आंखों से लगातार पानी आता है। पलकों पर सूजन आती है, सब कुछ धुंधला नजर आता है। पलकें आपस में चिपक जाती हैं, जिससे तेज रोशनी खराब लगने लगती है। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत प्रभाव से डॅाक्टर की सलाह लें।
बचाव के लिए क्या करें
जिला अस्पताल के आई स्पेश्लिस्ट डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। ऐसे लक्षण दिखने पर आंखों पर बर्फ की सिकाई करें, जिससे दर्द और जलन में राहत महसूस होगी। बार-बार ठंडे पानी से आंखों को धोना चाहिए। डॅाक्टर की सलाह से किसी एंटीबायोटिक ड्रॅाप का इस्तेमाल करें। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बरतें और उसके द्वारा प्रयोग की गई चीजों का उपयोग करने से बचें। हवा में नमी से बैक्टीरिया, वायरस आसानी से रिप्लीकेट होते हैं। इससे बचाव के लिए जब भी बाहर जाएं चश्मा लगाकर जाएं। अपने दैनिक प्रयोग में होनी वाली चीजों को किसी के साथ शेयर न करें। ऐसे लक्षण दिखने पर आंखों को डॅाक्टर से दिखाकर उचित उपचार लेना चाहिए।