भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव (CS) इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव पद पर मिली सेवा वृद्धि इस महीने की अंतिम तारीख को समाप्त होने जा रही है। राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इकबाल सिंह बैंक को छह-छह माह की दो बार सेवावृद्धि दे चुका है। चूंकि अभी मध्यप्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू है, ऐसी स्थिति में इकबाल सिंह बैंस को सेवावृद्धि देने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति जरूरी है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती तीन दिसंबर को होनी है। ऐसे में सरकार ने आचार संहिता से पहले राज्य सरकार ने छह माह के सेवावृद्धि संबंधी प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। चूंकि विधानसभा चुनाव के मतों की गणना होनी है, ऐसे में इकबाल सिंह बैंस को एक माह की सेवावृद्धि भी दी जा सकती है। हालांकि इकबाल सिंह बैंस को एक माह या छह माह की सेवावृद्धि मिलेगी, यह चार दिन में सामने आ जाएगा। क्योंकि 30 नवंबर को इकबाल सिंह बैंस सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अगर बैंस को सेवावृद्धि नहीं मिली तो मध्यप्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तीन नामों का पैनल बनाकर राज्य सरकार चुनाव आयोग को सौंपेगी। चुनाव आयोग उक्त तीन नामों में से किसी एक को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करेगा। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की मंजूरी चुनाव आयोग से ही लेना होगी।
वरिष्ठता में वीरा राणा सबसे आगे
मध्यप्रदेश कैडर के 1988 बैच की वीरा राणा प्रदेश में सबसे वरिष्ठ आइएस अधिकारी हैं। उनके बाद वरिष्ठता के क्रम में वर्ष 1989 बैच के एसीएस मोहम्मद सुलेमान और विनोद कुमार हैं। अगर वरिष्ठता के हिसाब से मुख्य सचिव बनाया जाएगा तो वीरा राणा प्रदेश की अगली मुख्य सचिव बन सकती हैं। वीरा राणा मुख्य सचिव बनती हैं तो वे प्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव होंगी। इससे पहले सितंबर 1991 से जनवरी 1993 तक प्रदेश की मुख्य सचिव रह चुकी हैं।