Sunday, September 8, 2024
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पूजा-पाठ में अगरबत्ती जलाना शुभ या अशुभ? जानें क्या हो सकता है नुकसान

Dharma Aastha: हिंदू धर्म में देवी-देवतओं की पूजा-पाठ के दौरान सभी दीपक, धूप जलाने के साथ ही अगरबत्ती भी जलाते हैं। अगरबत्ती की खुशबू मन मोह लेती है। हालांकि, अगरबत्ती बनाने के लिए कुछ हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जो सेहत और सांस संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। भगवान की आराधना करने का अपना-अपना तरीका होता है। कुछ लोग घी तेल आदि का दीपक जलाते हैं तो वहीं कुछ लोग धूप दीप या अगरबत्ती जलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धर्म शास्त्रों में पूजा के दौरान अगरबत्ती जलाना शुभ नहीं माना जाता। आइए इसके पीछे मौजूद धार्मिक और वैज्ञानिक कारण जानते हैं।

क्यों नहीं जलानी चाहिए पूजा-पाठ में अगरबत्ती

  • ज्योतिष के अनुसार, दरअसल अगरबत्ती बनाने में बांस का इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बांस जलाने से वंश का नाश हो सकता है। ऐसे में पूजा के दौरान अगरबत्ती की बजाय धूप जलाना चाहिए।
  • ऐसी भी मान्यता है कि बांस से बनी चीजों को जलाने से पितृ दोष लग सकता है। ऐसे में अगरबत्ती में भी बांस का यूज होता है, इसलिए इसे जलाने से बचना चाहिए। अंतिम संस्कार करते वक्त भी बांस का इस्तेमाल होता है। इस पर शव यात्रा निकलती है।
  • बांस का उपयोग शादी या अन्य किसी शुभ अवसर पर मंडप बनाने के लिए भी किया जाता है। यह शुभता का प्रतीक है, ऐसे में इसे जलाना अशुभ माना गया है।
  • फेंगशुई में भी बांस के पौधे का काफी महत्व है। यह भाग्य को जगाता है। जीवन में तरक्की, सकारात्मकता लाता है। ऐसे में बांस को जलाना दुर्भाग्य का कारण बन सकता है।इसी वजह से अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए।

धार्मिक कारण

आमतौर पर अगरबत्ती बांस की लकड़ी से बनाई जाती है। अत: इसे जलाना शुभ नहीं होता। शास्त्रों में पूजन विधान में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धूपबत्ती ही लिखा हुआ मिलता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, बांस से निर्मित अगरबत्ती जलाने से घर में गरीबी आती है। इसलिए अगरबत्ती के स्थान पर धूपबत्ती का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। वरना व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जानिए वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिक तथ्यों की बात करें तो अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनाई जाती है जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। अगरबत्ती के धुएं से श्वास संबंधी परेशानी होती है। खुशबू पैदा करने के लिए अगरबत्ती की सींक केमिकल पदार्थों का लेप लगाकर बनाई जाती है, इसलिए इसका धुंआ सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

अगरबत्ती नहीं तो क्या जलाएं?

आप पूजा-पाठ के दौरान अगरबत्ती की जगह धूप जला सकते हैं। यह शुभ माना गया है। इससे सुख-शांति बनी रहती है। दोष, दुख दर्द, तनाव, नकारात्मकता दूर होती है। धूप जलाने से ग्रह भी शांत होते हैं, ग्रह दोष दूर होते हैं। जो लोग प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं, वे अगरबत्ती की बजाय धूप का उपयोग कर सकते हैं। हर दिन पूजा नहीं कर पाते हैं तो धूप जलाने का शुभ दिन कृष्ण पक्ष, पूर्णिमा, अमावस्या, शुक्ल पक्ष की एकादशी आदि पर जला सकते हैं।


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