18 फरवरी को शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास होने वाला है। महाशिवरात्रि पर त्रिग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है। 17 जनवरी को शनि ने कुंभ राशि में गाेचर शुरू किया था। अब 13 फरवरी को सूर्य भी इस राशि में प्रवेश कर गए। साथ ही 18 फरवरी को चंद्रमा भी कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए कुंभ राशि में सूर्य और चंद्रमा मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण कर इस इस बार की शिवरात्रि को विशेष बना रहे हैं। इस दिन मां पार्वती व भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों के सारे दुख दूर होंगे और सभी मनाेकामना पूरी हाेगी। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य बबीता रश्मि ने देते हुए बताया कि विधि पूर्वक महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूर्जा-अराधना करने से साधक को समस्त प्रकार की सिद्धि की प्राप्ति होगी। साथ ही शनिवार को महाशिवरात्रि व्रत होने से जिन जातकों को शनि ग्रह की बाधा एवं साढ़ेसाती लगी हुई हैं, ऐसे साधक इस बार शनिवार को महाशिव की रात में भगवान शिव का विशेष विधि विधान से पूजन करें तो निश्चित रूप से शनि ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होगी एवं समस्त प्रकार के ग्रह बाधा दूर होंगे।
4 प्रहर में चार बार अलग-अलग पूजा का विधान
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि रात्रि के 4 प्रहर समय में चार बार अलग-अलग पूजा का विधान है। प्रथम प्रहर में दूध से शिव के ईशान मूर्ति को, दूसरे प्रहर में दही से अघोर मूर्ति का, तीसरे प्रहर में घी से वामदेव मूर्ति का एवं चौथे प्रहर में मधु से शिव के सद्योजात मूर्ति को स्नान कराकर उनका पूजन करना चाहिए। इस प्रकार पूजन करने से मनुष्य को समस्त प्रकार की अभिलाषा पूर्ण होती है। अगर संभव हो तो अनेक पदार्थों से सात्विक विद्वान रखकर महा अभिषेक भी शिव का शिवलिंग के ऊपर कर सकते हैं।
अभिषेक करने से समस्त मनोरथ की प्राप्ति होती है। गंगाजल, पंचामृत, दूध, दही, घी, मधु, गुड, अक्षत, चंदन, फूल, माला, द्वीव, बिल्वपत्र, आक का फूल, आक का पत्र , धथूर का फूल, धतूरा का पत्र, धतूरा का फल, इत्यादि द्वारा शिव का विशेष पूजा अर्चन करना चाहिए। प्रातः काल जल चढ़ा कर शिव के ऊपर पूजन कर पारण करने के बाद व्रत पूर्ण करें। महाशिवरात्रि पर महादेव के पूजा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य को जीवन पर्यंत सभी सुख जैसे धन संपत्ति, समृद्धि, सफलता, सम्मान, सत्कार, संतान, सद्बुद्धि आदि प्राप्त होते हैं। साथ ही अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 17 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रही है, जो 18 फरवरी को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग- महाशिवरात्रि पर शाम 04 बजकर 12 से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक
महाशिवरात्रि 2023 पूजा के चार प्रहर
शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि में निशीथ काल पूजा मुहूर्त- 18 फरवरी को रात 12 बजकर 16 मिनट से 1 बजकर 6 मिनट तक
प्रथम प्रहर – 18 फरवरी शाम 06 बजकर 45 मिनट से रात्रि 09 बजकर 35 मिनट तक
द्वितीय प्रहर – 18 फरवरी रात्रि 09 बजकर 35 मिनट से 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक
तृतीय प्रहर – 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट से प्रातः 03 बजकर 14 मिनट तक
चतुर्थ प्रहर – 19 फरवरी प्रातः 03 बजकर 14 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक
शनि-सूर्य कुंभ राशि में विराजमान
इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 30 साल बाद महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन शनि और सूर्य दोनों कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। इन दोनों की युति का शुभ असर कई राशियों पर देखने को मिलेगा। वहीं, भोलेशंकर की कृपा से इन लोगों के सुखों में पंख लग जाएंगे।
उपाय
महाशिवरात्रि पर ऐसे ऐसी शिवलिंग का दूध से जरूर अभिषेक करें, जहां लंबे समय से पूजा न हुई हो। ऐसा करने से पितृदोष, गृहदोष समेत कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इस दौरान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करें।निशिता काल में शिवलिंग की पूजा करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है।
शुभ असर
मेष- शनि और सूर्य की युति का मेष राशि वालों पर शुभ असर पड़ेगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ की कृपा से कारोबारियों को विशेष मुनाफा होगा। नौकरी पेशा लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और दांपत्य जीवन सुखी बने रहेगा। परिवार में बरकत होगी और समृद्धि आएगी।
वृष- महाशिवरात्रि के दिन से वृष राशि वालों के अच्छे दिन की शुरुआत हो जाएगी। इस दिन किस्मत चमकने लगेगी। जमकर धन लाभ होगा और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाएगी। ऐसे में इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें।
कुंभ- शनि और सूर्य की युति से बनने वाला दुर्लभ संयोग कुंभ राशि वालों को इस अपार सफलता दिखाएगा। महाशिवरात्रि से इन लोगों के हर कार्य बनने लगेंगे। धन के नए स्रोत मिलेंगे और अविवाहित लोग विवाह के बंधन में बंधेंगे।